Beggars leprosy patients and eunuchs are now/भोपाल/प्रदेश में अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत अन्य वंचित वर्ग, कुष्ठ रोगी और किन्नर को भी एक रुपये प्रति किलो गेहूं और चावल दिए जाएंगे। शासन ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत चयनित प्राथमिकता परिवार की सूची में दो श्रेणी बढ़ा दी हैं, जबकि वर्ष 2013-14 के आपदा पीड़ितों को सूची से हटा दिया गया है। इस संबंध में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने कलेक्टरों को आदेश जारी कर दिए हैं। उल्लेखनीय है कि अब तक प्रदेश में एक करोड़ 11 लाख परिवार प्राथमिकता परिवार की सूची में शामिल थे।
नई व्यवस्था के तहत अन्य वंचित वर्ग में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भीख मांगकर भरण-पोषण करने वाले और कचरा बीनकर रोजी-रोटी कमाने वाले परिवारों को शामिल किया गया है। कुष्ठ रोगियों की श्रेणी में सिर्फ रोगी को स्वास्थ्य विभाग के सत्यापन के आधार पर राशन दिया जाएगा। रोगी परिवार का मुखिया होगा तो उसके आश्रितों को राशन मित्र पोर्टल पर सत्यापन के बाद सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ दिया जा सकेगा। इसी प्रकार कलेक्टर से पहचान पत्र लेने वाले किन्न्र भी इस योजना में पात्र होंगे।
अब 40 फीसद से अधिक दिव्यांगता पर ही राशन
शासन ने दो प्राथमिकता परिवार श्रेणियों में भी संशोधन किया है। पहले पंजीकृत मंदबुद्धि एवं बहुविकलांग व्यक्तियों को राशन दिया जाता था। अब 40 फीसद से अधिक दिव्यांगता वाले व्यक्तियों को ही राशन मिलेगा। ऐसे ही शहरी घरेलू कामकाजी महिलाएं श्रेणी में भी संशोधन किया गया है।
प्राकृतिक आपदा श्रेणी समाप्त
शासन ने प्राकृतिक आपदा श्रेणी समाप्त कर दी है। इस श्रेणी में वर्ष 2013-14 में प्राकृतिक आपदा प्रभावित ऐसे परिवारों को प्राथमिकता परिवार की श्रेणी में रखा गया था, जिनकी फसलों को प्राकृतिक आपदा से 50 फीसद या उससे अधिक नुकसान हुआ है।