Saturday , May 18 2024
Breaking News

भारतीय अमेरिकी समूहों ने रटगर्स विश्वविद्यालय से परिसर में अलगाववादी कश्मीरी झंडा नहीं लगाने का आग्रह किया

भारतीय अमेरिकी समूहों ने रटगर्स विश्वविद्यालय से परिसर में अलगाववादी कश्मीरी झंडा नहीं लगाने का आग्रह किया

इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप में बाढ़ और भूस्खलन, 14 लोगों की मौत

इजराइल ने रफह में संभावित ऑपरेशन से पहले फलस्तीनी नागरिकों की निकासी योजना के बारे में अमेरिका को जानकारी दी

वाशिंगटन
 भारतीय-अमेरिकी समुदाय के प्रमुख संगठनों ने अमेरिका के न्यूजर्सी में स्थित रटगर्स विश्वविद्यालय के कुलाधिपति से परिसर में अलगाववादी कश्मीरी झंडा लगाने की इजाजत नहीं देने का आग्रह किया और जोर देते हुए कहा कि ऐसा करने से अमेरिकी शैक्षणिक संस्थानों में फलस्तीन के समर्थन में हो रहे प्रदर्शनों के बीच एक गलत संदेश जाएगा।

अमेरिका के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में फलस्तीनी समर्थक गाजा में इजराइली सेना की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों के एक समूह ने शुक्रवार को कहा कि उनकी 10 में से आठ मांग रटगर्स विश्वविद्यालय के प्रशासन ने मान ली हैं।

प्रदर्शनकारियों की नौवीं मांग है कि ”रटगर्स परिसरों में जहां-जहां अंतरराष्ट्रीय झंडे लगे हुए हैं उन जगहों पर फलस्तीन, कुर्द और कश्मीरियों के क्षेत्रों के झंडे लगाये जाएं, जिन पर कब्जा किया हुआ है।”

हालांकि, जानकार सूत्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय ने प्रदर्शनकारी समूह की मांगें नहीं मानी हैं। उन्होंने बताया कि कुलाधिपति कार्यालय रटगर्स के न्यू ब्रंसविक परिसर में लगे हुए झंडों का जायजा लेगा और विश्वविद्यालय में दाखिला लेने वाले पंजीकृत छात्रों का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करेगा।

प्रदर्शनकारी समूह के दावों से कई भारतीय अमेरिकी समूह नाराज हो गए। उन्होंने विश्वविद्यालय से आग्रह किया कि वह अपने परिसर में अलगाववादी कश्मीरी झंडे लगाने की अनुमति न दे।

हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) के सुहाग शुक्ला ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”रटगर्स विश्वविद्यालय ‘झुक गया है’।”

‘कोएलिशन ऑफ हिंदी ऑफ नॉर्थ अमेरिका’ (सीओएचएनए) ने भी ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”रटगर्स विश्वविद्यालय ने नफरत के आगे झुकते हुए उस झंडे को लगाने की मंजूरी दे दी, जिससे कश्मीर में बचे हुए मामूली मूल अल्पसंख्यकों में डर फैल गया।”

संगठन ने कहा, ”इस झंडे के तले कश्मीरी हिंदुओं को उनकी उस मातृभूमि कश्मीर से व्यवस्थित रूस से बाहर निकाल दिया गया जिसका नाम प्राचीन हिंदू ऋषि कश्यप के नाम पर रखा गया था।’’

धर्म विवेका संगठन ने ‘एक्स’ पर कहा, ”रटगर्स विश्वविद्यालय ने सभी सार्वजनिक संस्थानों, विशेषकर अमेरिका के विश्वविद्यालयों के लिए एक डरावना उदाहरण पेश किया है।”

इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप में बाढ़ और भूस्खलन, 14 लोगों की मौत

जकार्ता
 इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप में बाढ़ और भूस्खलन के कारण 14 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

स्थानीय बचाव एजेंसी के प्रमुख मेक्सियनस बेकाबेल ने बताया कि दक्षिण सुलावेसी प्रांत के लुवु जिले में बृहस्पतिवार से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन हुआ।।

बाढ़ से 13 उप-जिले प्रभावित हुए हैं। क्षेत्र में अधिकतर जगह पानी और कीचड़ नजर आ रहा है। बारिश के कारण 1,000 से अधिक घर प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 42 तहस-नहस हो गए हैं।

एक खोज और बचाव दल ने रबड़ की नौकाओं और अन्य वाहनों का उपयोग करके निवासियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहरी ने शनिवार को कहा कि 100 से अधिक निवासियों को प्रभावित क्षेत्र के बाहर मस्जिदों या उनके रिश्तेदारों के घरों में ले जाया गया है।

 

इजराइल ने रफह में संभावित ऑपरेशन से पहले फलस्तीनी नागरिकों की निकासी योजना के बारे में अमेरिका को जानकारी दी

वाशिंगटन
इजराइल ने हमास उग्रवादियों का सफाया करने के उद्देश्य से दक्षिणी गाजा के रफह में अपने संभावित ‘ऑपरेशन’ से पहले आम फलस्तीनी नागरिकों को सुरक्षित निकालने की अपनी योजना के बारे में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन के अधिकारियों को जानकारी दी है। अमेरिकी अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

ये अधिकारी इस बारे में सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। उन्होंने बताया कि इजराइल द्वारा योजना की जानकारी दिए जाने के बावजूद अमेरिकी प्रशासन अपने इस रुख पर कायम है कि रफह में ऑपरेशन से फलस्तीन के कई आम लोगों की जान को जोखिम होगा।

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्रपति जो बाइडन और अन्य पश्चिमी अधिकारियों की इस चेतावनी के बावजूद रफह में सैन्य अभियान का संकल्प लिया है कि इससे कई आम लोगों की मौत होने और मानवीय संकट गहराने का खतरा है।

संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता एजेंसी ने शुक्रवार को कहा कि अगर इजराइल रफह पर हमला करता है तो लाखों लोगों की जान जा सकती है। यह सीमावर्ती शहर मानवीय सहायता की आपूर्ति के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश बिंदु है और इसमें बड़ी संख्या में विस्थापित फलस्तीनी नागरिक हैं।

अधिकारियों ने बताया कि इजराइलियों ने फलस्तीनी नागरिकों की जिस निकासी योजना के बारे में जानकारी दी है उसे अंतिम रूप नहीं दिया गया है और दोनों पक्ष इस मामले पर चर्चा जारी रखने पर सहमत हुए हैं।

हैती में भारी बारिश के कारण हुआ भूस्खलन, 13 लोगों की मौत

पोर्ट ऑ प्रिंस

उत्तरी हैती में दो दिन से जारी भारी बारिश के कारण कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

हैती की नागरिक सुरक्षा एजेंसी के बृहस्पतिवार के बयान के अनुसार, अधिकतर लोगों की मौत तटीय शहर कैप-हैतीएन के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में भूस्खलन के कारण हुईं।

अधिकारियों ने बताया कि 2,200 से अधिक घरों में पानी भर गया और हौट-कैप नदी में पशुओं के बह जाने से लोगों को काफी नुकसान हुआ।

बचाव कर्मी उत्तरी हैती में सड़कें साफ कर रहे हैं। आने वाले दिनों में और बारिश होने की संभावना है।

अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि पड़ोसी प्यूर्टो रिको में भी भारी बारिश की सूचना मिली है जिससे राजधानी सैन जुआन में उतरने वाली कम से कम एक दर्जन उड़ानों को डोमिनिकन गणराज्य और अन्य जगहों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

 

पूर्वी कांगो में विस्थापितों के दो शिविरों में बम विस्फोट से बच्चों सहित कम से कम 12 लोगों की मौत

गोमा

पूर्वी कांगो के उत्तरी किवु प्रांत में विस्थापित लोगों के दो शिविरों पर किए गए हमलों में बच्चों सहित कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई। स्थानीय अधिकारियों, एक सहायता समूह और संयुक्त राष्ट्र ने यह जानकारी दी।

संयुक्त राष्ट्र ने एक बयान में बताया कि उत्तरी किवु की प्रांतीय राजधानी गोमा शहर के पास लैक वर्ट और मुगुंगा में विस्थापित लोगों के दो शिविरों पर बम से हमले किए गए।

संयुक्त राष्ट्र ने इन हमलों को ‘‘मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का घोर उल्लंघन’’ बताया और कहा कि इन्हें ‘‘युद्ध अपराध माना जा सकता है।’’

कांगो सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल नदजीके काइको ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) को दिए गए एक बयान में इन हमलों के लिए रवांडा से कथित संबंधों वाले एम23 नामक विद्रोही समूह को जिम्मेदार ठहराया।

एम23 विद्रोही समूह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक बयान साझा कर इन हमलों में अपनी भूमिका होने से इनकार किया है और कांगो सेना को इनके लिए जिम्मेदार ठहराया है।

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता जीन जोनास याओवी टोसा ने ‘एपी’ को बताया कि हमलों में कम से कम 12 लोग मारे गए और 20 से अधिक घायल हो गए।

सहायता समूह ‘सेव द चिल्ड्रन’ ने कहा कि उसके सदस्य एक शिविर में थे तभी एक व्यस्त बाजार के पास उनके वाहन के आगे गोले गिरे।

उसने बताया कि दर्जनों लोग घायल हुए हैं जिनमें ज्यादातर महिलाएं एवं बच्चे हैं और मृतक संख्या अब भी स्पष्ट नहीं है।

कांगो के राष्ट्रपति फेलिक्स शीसेकेदी के कार्यालय ने एक बयान में बताया कि यूरोप की यात्रा गए राष्ट्रपति ने इन हमलों की सूचना मिलने के बाद शुक्रवार को देश लौटने का फैसला किया।

कांगो के राष्ट्रपति लंबे समय से आरोप लगाते रहे हैं कि रवांडा एम23 विद्रोहियों का समर्थन करके कांगो को अस्थिर कर रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने भी रवांडा पर विद्रोहियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है लेकिन रवांडा इन दावों से इनकार करता रहा है।

 

About rishi pandit

Check Also

ताइवान की संसद में जबरदस्त विवाद, सांसदों के बीच चले लात-घूंसे

ताइपे ताइवान (Taiwan) की संसद में शुक्रवार को सांसदों के बीच जबरदस्त विवाद देखने को …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *