Sunday , December 22 2024
Breaking News

हिंदुस्तान से मुकाबला संभव नहीं… पाकिस्तानी एक्सपर्ट ने खोली अपने देश की पोल

इस्लामाबाद
 कंगाली में डूबे पाकिस्तान एक बार फिर भारत के साथ व्यापार शुरू करने के लिए छटपटा रहा है, लेकिन नई दिल्ली ने साफ कर दिया है कि वार्ता, व्यापार और आतंकवाद साथ नहीं चल सकते। भारत ने पाकिस्तान को सीधा संदेश दिया है कि जब तक आतंकवाद रहेगा, पाकिस्तान के साथ संबंधों में सुधार नहीं हो सकता है। दरअसल, भारत एक नई रणनीति पर काम कर रहा है, जो पाकिस्तान को भरपूर नुकसान पहुंचा रही है। ऐसे में भारत को पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह से संबंध बनाने में कोई रुचि नहीं है। पाकिस्तानी रक्षा एक्सपर्ट का मानना है कि पाकिस्तान इस समय भारत का मुकाबला नहीं कर सकता है।

परमाणु शक्ति से संपन्न भारत और पाकिस्तान एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा में लगे हुए हैं और अक्सर एक दूसरे से भिड़ते रहे हैं, जिसका अंत नजर नहीं आता। दोनों देशों के बीच कई युद्ध हो चुके हैं, जिसमें पाकिस्तान को हर बार करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। पाकिस्तानी एक्सपर्ट साद हाफिज ने फ्राइडे टाइम्स के एक लेख में कहा है कि पाकिस्तान की आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई न करने के इरादे ने स्थिति को जटिल बना दिया है। नतीजा ये हुआ कि भारत ने अपनी रणनीति बदल दी। अब भारत सर्जिकल स्ट्राइक और राजनयिक व आर्थिक दबाव की नीति की तरफ शिफ्ट कर गया है। भारत की रणनीति उसके इरादे के मुताबिक पाकिस्तान को नुकसान पहुंचा रही है।

भारत को पाकिस्तान की जरूरत नहीं

साद ने लिखा, भारत ने अपने कूटनीतिक प्रयासों के चलते पाकिस्तान को दुनिया में किनारे करने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। भारत व्यापार शुरू करने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर देगा, क्योंकि अगर वह संबंध शुरू करता है तो पाकिस्तान को अलग-थलग करने के वर्षों से किए उसके प्रयास बेकार हो जाएंगे। भारत को तो पाकिस्तान से फायदा नहीं होगा, लेकिन आर्थिक रूप से तबाह पाकिस्तान को इससे बड़ी राहत मिलेगी।

भारत एक उभरती हुई वैश्विक महाशक्ति है जिसके पास व्यापक अंतरराष्ट्रीय समर्थन है। यही नहीं भूराजनीतिक, आर्थिक और सैन्य रूप से भी इस क्षेत्र पर हावी है। इसके चलते पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों में अधिकांश कार्ड भारत के पास हैं। इसके उलट लगातार राजनीतिक उथल-पुथल, बदहाल आर्थिक स्थिति और चरपमंथ का समर्थन करने वाली छवि के चलते पाकिस्तान कमजोर है। यह असंतुलन भारत को बातचीत या विवाद की स्थिति में अपना पक्ष मनवाने में अधिक लाभ देता है। ऐसे में भारत के पाकिस्तान को रियायत देने की कम ही उम्मीद है।

भारत का मुकाबला करना संभव नहीं

कई विशेषज्ञ ये मानते हैं कि शायद चुनाव के चलते भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के प्रस्ताव पर कोई उत्साह नहीं दिखाया है और नतीजे आने के बाद नई दिल्ली एक बार फिर पाकिस्तान के प्रस्ताव पर विचार कर सकता है। लेकिन साद हाफिज ऐसा नहीं मानते हैं। उनका मानना है कि भारत संभवतः चुनाव के बाद भी पाकिस्तान पर दबाव बनाना जारी रखेगा। गेंद अब पाकिस्तान के पाले में है कि वह भारत को विश्वास दिलाए कि वह इस बार गंभीर है। साद हाफिज का कहना है कि पाकिस्तान को अब कश्मीर को लेकर ख्वाब छोड़ने की सख्त जरूरत है। उसे स्वीकार करना होगा कि संसाधनों की कमी, कमजोर अर्थव्यवस्था और सीमित अंतरराष्ट्रीय समर्थन के चलते अब उसके लिए भारत के साथ मुकाबला करना संभव नहीं है।

परमाणु युद्ध का डर भी हो रहा बेकार

पाकिस्तान के कब्जे वाले पीओके के गिलगिट क्षेत्र से आने वाले सोहराब अब्बास का कहना है कि पाकिस्तान अब भारत पर दबाव बनाने के लिए परमाणु युद्ध का भी डर नहीं दिखा सकता है। भारत इस समय इतना मजबूत है कि वह अमेरिका समेत किसी भी दबाव के खिलाफ खड़ा हो सकता है। अगर पाकिस्तान को भारत के साथ अच्छे रिश्ते चाहिए तो उसे यथार्थवादी बनना होगा और समझौते करने होंगे।

About rishi pandit

Check Also

पाकिस्तान में एक बार फिर आतंकी हमला, 16 जवानों की मौत, आठ घायल

पेशावर पाकिस्तान में एक बार फिर आतंकी हमला हुआ है। आतंकियों ने एक सुरक्षा चौकी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *