छायाकार: सुनील सिंह सोलंकी
कोरोना के लिए सख्ती ग्रामीणों को नहीं आई रास
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज। शहर के जवाहर नगर स्टेडियम में सोमवार को दस सिरों वाला दशानन देर शाम मर्यादा पुुरुषोत्तम श्रीराम के बाणों से धू-धू कर दहक उठा। कोरोना वायरस संक्रमण की आशंका के चलते स्टेडियम में बहुत कम लोगों को प्रवेश दिया गया था। बावजूद इसके लोगों ने स्टेडियम के बाहर ही खड़े होकर आसमान में उठती चिंगारियों को देख कर तसल्ली कर ली कि दंभी रावण का दहन हो चुका है।
रावण के साथ-साथ उसके पुत्र मेघनाद व भाई कुंभकर्ण के पुतलों का दहन भी हुआ। प्रभु श्री राम के तीरों ने एक ही बाण में रावण का प्रतीकात्मक संहार किया। इसके पूर्व सुभाष पार्क की रामलीला मंडली ने रावण के पुतले के पास बनाये गये मंच पर राम-रावण युद्ध का मंचन किया। कोविड-19 के चलते जिला प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट निर्देश जारी किये थे कि स्टेडियम के भीतर मात्र 200 लोगों को प्रवेश दिया जा सकेगा। स्टेडियम के भीतर प्रवेश करने वालों के लिए मास्क अनिवार्य किया गया था। इसके साथ प्रवेश द्वार पर सेनेटाइज करने की व्यवस्था भी की गई थी। प्रशासन के निर्देशों के मुताबिक सोमवार की सुबह से ही शहर भर में स्थापित की गई दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो गया। कोरोना के चलते इस बार चल समारोह पर प्रतिबंध लगाया गया था लिहाजा लोग प्रतिमाओं को लेकर सीधे विसर्जन स्थल पर पहुंचे और अगले बरस फिर आने की प्रार्थना करते हुए माता को विदाई दी।
बंद गाड़ी में निकले प्रभु राम
कोविड-19 ने चल समारोह तो रोका ही साथ रावण दहन के पश्चात प्रभु श्री राम को भी बंद गाड़ी में चलने पर मजबूर कर दिया। प्रशासन के निर्देशों के मुताबिक जवाहर नगर स्टेडियम से बंद गाड़ी में प्रभु श्रीराम, जानकी जी एवं लक्ष्मण भ्रमण करते हुए शहर के प्रमुख चौराहों से निकले। चौराहों पर जगह-जगह जनप्रतिनिधियों, व्यवसाईयों एवं समाजसेवियों ने उनकी भावपूर्ण आरती की।
दूर-दराज से आए लोग
कोरोना के भय से शहर के लोगों ने चल समारोह व रावण दहन को देखने में कुछ खास दिलचस्पी नहीं दिखाई परंतु आस-पास के ग्रामीण इलाकों से भारी संख्या में लोग शहर पहुंचे। इन्हें संभालने के लिए पुलिस प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस की डांट-फटकार के बावजूद लोग सड़क किनारे भगवान राम के दर्शनों के लिए डटे रहे।