सेक्टर अधिकारियों की प्रशिक्षण बैठक संपन्न
सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अजय कटेसरिया ने रैगांव विधानसभा उप निर्वाचन के लिये नियुक्त सेक्टर अधिकारियों को भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार शांतिपूर्ण एवं विधि-सम्यक रूप से मतदान संपन्न कराने के निर्देश दिये हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि पूरी निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान आर्दश आचरण संहिता का पालन करते हुये निर्वाचन कार्य में संलग्न सभी अधिकारी-कर्मचारी निष्पक्ष तरीके से कार्य करें और निष्पक्ष दिखें भी। रैगांव विधानसभा निर्वाचन के लिये नियुक्त सेक्टर अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुये जिला निर्वाचन अधिकारी ने क्रिटिकल और वर्नरेबल मतदान केन्द्रों का अंतर भी समझाया। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित संजयराव झाड़े, उप जिला निर्वाचन अधिकारी राजेश शाही, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसके जैन, रिटर्निंग ऑफीसर रैगांव नीरज खरे, डिप्टी कलेक्टर सुरेश जादव, सुरेश गुप्ता, एसडीएम केके पाण्डेय, जिला मास्टर ट्रेनर डॉ बीके गुप्ता भी उपस्थित थे।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कटेसरिया ने कहा कि रैगांव विधानसभा उप चुनाव के लिये कुल 44 सेक्टर बनाये गये हैं। जिनमें सेक्टर अधिकारी प्रभार क्षेत्र में 2 से 9 मतदान केन्द्र अधिकतम 4 से 5 लोकेशन में आयेंगें। उन्होने कहा कि सेक्टर अधिकारी अपने सेक्टर पुलिस अधिकारी के साथ क्षेत्र का बार-बार दौरा करें और मतदाताओं के ऐसे गांव, मजरे, टोले एवं मतदान केन्द्र के वर्नरेबल मैपिंग की जाकर शीघ्र प्रस्तुत करें। उन्होने सेक्टर अधिकारियों को क्रिटिकल मतदान केन्द्र और वर्नरेबल क्षेत्र की परिभाषा और अंतर बताते हुये अतिसंवेदनशीलता की जांच एवं निर्धारण करने के प्रपत्र के संबंध में तकनीकी जानकारी दी।
मतदान केन्द्रों की वर्नरेबल मैपिंग 3 दिन में पूरी करें
पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया कि सभी सेक्टर अधिकारियो के साथ एक-एक सेक्टर पुलिस अधिकारी भी नियुक्त किये गये है। इसके अलावा मोबाईल पुलिस अधिकारियों की टीम भी रहेगी। सेक्टर अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे मतदान केन्द्रों की भौतिक स्थिति की जानकारी, पहुंच मार्ग एवं संपत्ति विरूपण, आदर्श आचरण संहिता पर नजर रखें और मतदान केन्द्र से 100 मीटर की दूरी का दायरा पूर्व से ही चिन्हित कर लें। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सेक्टर अधिकारी संबंधित थाना प्रभारी संबंधित क्षेत्र के कार्यपालिक मजिस्ट्रेट एवं संलग्न पुलिस अधिकारियों के साथ बैठकर बीएम-1 प्रपत्र की पूर्ति करें और वर्नरेबल मैपिंग कार्य 2 से 3 दिन के भीतर पूरा करवायें।
इसके पूर्व सेक्टर अधिकारी और पुलिस अधिकारियों की संयुक्त बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसके जैन ने वर्नरेबल मैपिंग और प्रपत्र भरने की जानकारी विस्तार से देते हुये कहा कि पूरे निर्वाचन के दौरान सेक्टर अधिकारी और सेक्टर पुलिस अधिकारी आपसी समन्वय के साथ क्षेत्र का संयुक्त भ्रमण करें और शांतिपूर्ण, निष्पक्ष, भयमुक्त वातावरण में मतदान संपन्न करायें। अतिरिक्ति पुलिस अधीक्षक ने अतिसंवेदनशीलता की जांच एवं निर्धारण करने संबंधी प्रोफार्मा बीएम-2 भरने और अतिसंवदेनशील मोहल्लो, पाकेट, मतदाता वर्गो की सूची तैयार करने की तकनीकी जानकारी दी।
अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी राजेश शाही ने कहा कि रैगांव विधानसभा उप निर्वाचन के लिये छोटे-छोटे सेक्टर बनाये गये हैं। सेक्टर अधिकारियों के पास ईव्हीएम से लेकर प्रशिक्षण और रिपोर्टिंग तक की जिम्मेदारी होगी। उन्होने कहा कि सेक्टर की टीम एक यूनिट की तरह काम करते हुये हर परिस्थितियों को कंट्रोल करें। उन्होने कहा कि मतदान केन्द्र की सुविधाओं के बारे में भी सेक्टर अधिकारी अपडेट रहें।
[9:03 PM, 10/5/2021] Prakesh Gautem: मतदान के बाद क्लोज बटन अनिवार्य रूप से दबायें
सेक्टर अधिकारियों को ईव्हीएम, वीवीपैट मशीनों की हैन्ड्स-ऑन ट्रेनिंग
रैगांव विधानसभा क्षेत्र उप निर्वाचन के लिये नियुक्त सभी 44 सेक्टर अधिकारियों और 13 रिजर्व सेक्टर अधिकारियों को मतदान के समय उपयोग होने वाली ईव्हीएम एवं वीवीपैट मशीनों की हैन्ड्स-ऑन ट्रेनिंग मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में दी गई। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अजय कटेसरिया ने सेक्टर अधिकारियों से कहा कि मतदान केन्द्र के अधिकारियों द्वारा मतदान संपन्न होने के बाद ईव्हीएम का क्लोज बटन दबाना अत्यंत आवश्यक है। इसी प्रकार मॉकपोल का डाटा क्लीयर करने और वीवीपैट की बैटरी भी मतदान संपन्न होने के बाद निकालना भी जरूरी है। उन्होने कहा कि सेक्टर अधिकारी सुनिश्चित करें कि उनके प्रभार क्षेत्र के मतदान दलों के अधिकारी इस बारे में भली-भांति अवगत रहें।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सभी सेक्टर अधिकारियों को अतिरिक्त रूप से एक-एक मशीन दी जायेगी। किसी मतदान केन्द्र की मशीन खराब होने पर वो इससे बदल सकेंगे। इसी प्रकार सभी जोनल अधिकारियों को एक सेट मशीन दी जायेगी।
मास्टर ट्रेनर डॉ बीके गुप्ता ने बताया कि मतदान दलों को रवाना होने से पूर्व ईव्हीएम और वीवीपैट मशीने पूरी तरह से तैयार करके दी जायेंगी। इन्हे आपस में जोड़कर चेक नहीं करना है। ऐसा करने पर वीवीपैट को ईव्हीएम से जोड़ते ही 7 पर्चियां कटेंगी। उन्होने कहा कि मशीनों की केवल सील और नंबर इत्यादि चेक करने हैं। मतदान केन्द्रों पर वास्तविक मतदान प्रारंभ होने के पूर्व एजेन्टों की उपस्थिति में मॉकपोल अवश्य करना है। जिन केन्द्रों पर मॉकपोल नहीं होगा, वहां पर मतदान संपन्न नही कराया जा सकेगा। उन्होने बताया कि वास्तविक मतदान प्रारंभ होने के बाद किसी भी मशीन के खराब होने पर ईव्हीएम और वीवीपैट का पूरा सेट बदला जायेगा और मॉकपोल पुनः करना होगा। मॉकपोल के दौरान किसी एक मशीन के खराब होने पर सिर्फ वहीं मशीन बदली जायेगी। वास्तविक मतदान शुरू रहने के दौरान केवल वीवीपैट को बदलने की आवश्यकता हो तो पुनः कोई मॉकपोल नही किया जायेगा।
ईव्हीएम और वीवीपैट के हैन्ड्स-ऑन प्रशिक्षण के दौरान बीएल बागरी ने बीयू, सीयू और वीवीपैट संचालन की तकनीकी जानकारी देते हुये बताया कि मतदान केन्द्र के अधिकारी तीन बातो पर विशेष ध्यान रखें। मॉकपोल का डाटा वास्तविक मतदान के पूर्व अनिवार्य रूप से क्लीयर करें। मतदान समाप्ति के पश्चात ईव्हीएम की सीयू का क्लोज बटन अनिवार्य रूप से दबायें और वीवीपैट की बैटरी मतदान समाप्ति के पश्चात अलग निकालकर रखें। उन्होने बताया कि वास्तविक मतदान के बीच जो मशीने खराब होती हैं, उन्हे मतदान केन्द्र से वापस नहीं लानी है। ऐसी मशीनों को पीठासीन अधिकारी अपनी सुपुर्दगी में सामग्रा जमा करने समय स्वतः लायेंगे।