अनूपपुर,भास्कर हिंदी न्यूज़/ छत्तीसगढ़ राज्य के मनेंद्रगढ़ वन क्षेत्र अंतर्गत भौता बीट के कोयलहवा इलाके से 27 सितंबर की शाम 39 हाथियों का समूह मध्यप्रदेश के कोतमा क्षेत्र अंतर्गत टांकी बीट में पहुंच गया है। मंगलवार को पूरे दिन यह हाथी जंगल में रुके हुए हैं। सोमवार- मंगलवार की दरम्यानी रात यह हाथी तीन ग्रामीणों के घरों के दीवार को तोड़ दिया और कई किसानों की बाड़ी में लगे गन्ना और केला की फसल को नुकसान पहुंचाया है। वन विभाग की टीम हाथियों पर मूवमेंट रखी हुई है।
हाथियों का यह समूह रात के समय ग्राम पंचायत टांकी अंतर्गत केरहा टोला से फुलवारी टोला में पहुंचा और ग्राम निवासी तुलसी विश्वकर्मा के बाड़ी में लगे गन्ना, केला की फसल को खाया तथा दीवार तोड़ी फिर हाथियों का दल चार भाग में बंट कर टांकी गांव के फुलवारीटोला, बिछली टोला, छपरा टोला, नवाटोला में विचरण कर ग्रामीणों की खेतों में लगी धान व अन्य फसलों का नुकसान कर सुबह होते- होते टांकी, मलगा बीट के महानीम कुंडी के जंगल में चले गए और दिन भर वहीं रूके रहे। वन विभाग द्वारा बताया गया इस जंगल में स्थित नाला में पर्याप्त पानी एवं मिश्रित प्रजाति के वन है। पूर्व के वर्षों में भी अनेकों बार छत्तीसगढ़ राज्य के मनेंद्रगढ़ एवं मरवाही वन परीक्षेत्र से विचरण कर टांकी एवं मलगा में हाथियों के समूह ने अपना रहवास बनाकर कई दिनों तक रुके रहे। 24 अगस्त की रात भी सात हाथियों का समूह बिजुरी वन परिक्षेत्र के साजाटोला में आ गया था।बताया गया पहली बार इतनी बड़ी संख्या में हाथियों का समूह आया हुआ है।
विभाग ने और भी हाथियों के समूह के आने की संभावना को देखते हुए टांकी के जंगल के बीच बसे बैगानटोला के 45 महिला- पुरुष एवं बच्चों को पंचायत भवन व अन्य स्थल पर जिला प्रशासन के सहयोग से सुरक्षित शरण दी है। हाथियों के आने की सूचना पर डीएफओ अनूपपुर डॉ ए ए अंसारी ने एसडीओ अनूपपुर के बी सिंह के नेतृत्व में टीम गठित कर कोतमा वन परीक्षेत्र अधिकारी परिवेश सिंह भदौरिया के साथ कोतमा बिजुरी एवं जैतहरी के अधिकारियों- कर्मचारियों के साथ ग्राम पंचायत टांकी के सहयोग से ग्रामीणों को सतर्क करने के लिए मुनादी कराई है। मंगलवार को कोतमा एसडीम ऋषि सिंघई तथा कोतमा तहसीलदार मनीष शुक्ला ने ग्राम टांकी के बैगान टोला सैतुनचुआ जाकर वहां के हालात देखें तथा एक दिन पूर्व रात में हाथियों के समूह द्वारा किए गए फसल नुकसान एवं मकानों की तोड़फोड़ को देखा।हाथियों का समूह जो मलगा टांकी के जंगल में दिन में रुका हुआ है के रात होने पर जंगल से सटे मजरे टोले में विचरण करते हुए आने की संभावना को देखते हुए बैगान टोला के ग्रामीणों को पंचायत भवन एवं अन्य स्थान पर सुरक्षित किए जाने एवं उनके खाने-पीने की व्यवस्था करायी गई है।