आत्मनिर्भर भारत और सेंट्रल सेक्टर स्कीम की जिला अनुप्रवर्तन समिति की बैठक
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ आत्मनिर्भर भारत केंद्र सरकार की 10 हजार फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन बनाने और उनके संवर्धन की महत्वाकांक्षी योजना के तहत सतना जिले के मझगवां विकासखंड के 19 ग्राम और अमरपाटन विकासखंड के 38 ग्रामों को क्रियान्वयन के लिए चिन्हित किया गया है। जिसमें मझगवां विकासखंड के 19 ग्रामों को रेड ग्राम (तुअर) एवं अमरपाटन विकासखंड के 38 ग्रामों को प्याज उत्पादन के किसानों का एफपीओ क्लस्टर बनाया गया है। कलेक्टर अजय कटेसरिया की अध्यक्षता में संपन्न योजना की जिला मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक में तुअर के विपुल उत्पादन वाले क्षेत्र महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके, यवतमाल, अमरावती में जिले के किसानों को एक्स्पोज़र विजिट कराई जाकर तुअर की उन्नत खेती के गुर सिखाने का निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार कलेक्टर ने प्याज उत्पादक किसानों को कृषि यंत्रीकरण और टेक्नोलॉजी अपनाने के लिए प्रेरित करने के निर्देश भी उद्यानिकी के अधिकारियों को दिए हैं।
कलेक्टर श्री कटेसरिया ने कहा कि जिले में किसान अरहर की खेती मुख्यतः छिटका पद्धति से बोनी और बिना खाद, कीटनाशक एवं अन्य तकनीकों को अपनाए बगैर करते हैं। जिससें उत्पादन पर्याप्त नहीं मिलता है। जिले के तुअर उत्पादक किसानों को महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र एवं यवतमाल, अमरावती आदि विपुल उत्पादन वाले क्षेत्रों में एक्सपोजर विजिट कराएं, ताकि वह तुअर की वास्तविक अच्छी पद्धति के अनुसार खेती का उत्पादन बढ़ा सकें। किसानों का अध्ययन भ्रमण कराएं, ताकि तुअर की खेती की तकनीक और खाद, बीज, कीटनाशक आदि के प्रयोग के बारे में भली-भांति जान सकें। इससे तुअर का अच्छा उत्पादन जिले के किसान भी ले सकेंगे।
कलेक्टर ने अमरपाटन क्षेत्र के 38 ग्रामों के प्याज उत्पादक किसानों के क्लस्टर के चयनित किसानों को प्याज की खेती में नवीन तकनीक और कृषि यंत्रीकरण से जोड़ने के निर्देश भी दिए। उप संचालक उद्यानिकी नारायण सिंह कुशवाह ने बताया कि धान की खेती में रोपाई के दौरान ट्रांसप्लांटर की उपयोगिता होती है। लेकिन प्याज की खेती में ट्रांसप्लांटर की जगह किसान मैनुअल रोपाई को प्राथमिकता देते हैं। कलेक्टर अजय कटेसरिया ने कहा कि धान की रोपाई के लिए आज से 10-15 वर्ष पहले पैडी ट्रांसप्लांटर के बारे में यही धारणा थी। लेकिन जब किसानों ने धान रोपाई में यंत्रीकरण का उपयोग करना शुरू किया तो आज धान की रोपाई में ट्रांसप्लांटर महत्वपूर्ण आवश्यकता बन चुका है। उन्होंने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को प्याज उत्पादक किसानों को यंत्रीकरण के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। ताकि वे ओनियन ट्रांसप्लांटर का उपयोग प्याज की रोपाई में कर सकें। कृषि यंत्रीकरण योजना में 50 प्रतिशत का अनुदान भी किसान को मिलेगा। कलेक्टर ने प्याज और तुअर उत्पादक किसानों को उनकी उपज का अधिकतम मूल्य दिलाने एवं वैल्यू एडिशन के लिए उन्हें देश-प्रदेश की उन्नत मंडियों से लिंक कराने एवं भंडारण, सप्लाई चैन आदि से जोड़ने के निर्देश भी दिए।
वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट में भी प्याज प्र-संस्करण पर चर्चा
आत्मनिर्भर भारत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत सतना जिले में ‘‘वन डिस्ट्रिक-वन प्रोडक्ट’’ के तहत चयनित फसल प्याज और प्याज के उत्पाद तथा सहायक अन्य फसल टमाटर के उत्पाद पर भी चर्चा की गई। उप संचालक उद्यानिकी श्री कुशवाह ने बताया कि जिले में लगभग 6196 हेक्टेयर रकबे में टमाटर उत्पादित होता है। जिसके प्र-संस्करण के लिए केचप, पेस्ट, प्यूरी के खाद्य प्र-संस्करण के प्रकरण तैयार कर बैंकों को प्रेषित किए गए हैं। इस मौके पर सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित संजयराव झाड़े, डीडीएम नाबार्ड इलिसियस कुजूर, एलडीएम पीसी वर्मा, सचिव अनुपमा एजुकेशन शैला तिवारी, प्रमोद तिवारी, महाप्रबंधक उद्योग आरके सिंह उपस्थित थे।
एलडीएम पीसी वर्मा की विदाई
अग्रणी जिला प्रबंधक पीसी वर्मा के सतना से जबलपुर स्थानांतरित होने पर बैठक में कलेक्टर अजय कटेसरिया ने एलडीएम की कार्य प्रणाली का सराहना करते हुये उन्हें पुष्प-गुच्छ भेंटकर विदाई दी।