India on Afghanistan : digi desk/BHN/अफगानिस्तान में तालिबान राज को लेकर दुनिया भर के देश सशंकित हैं। भारत सहित तमाम लोकतांत्रिक देशों को लगता है कि तालिबान राज में ना सिर्फ वहां के लोगों की परेशानी बढ़ जाएगी, बल्कि दुनिया भर में आतंकवाद का खतरा बढ़ जाएगा। दुनिया के तमाम मुल्क इस बात को लेकर दुविधा में हैं कि आखिर इस हालात से कैसे निपटा जाए। यूं तो तालिबान का कहना है कि उसके राज से किसी को डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन इसकी बातों पर ना वहां के लोगों को भरोसा है ना ही दुनिया के देशों को। ऐसे में भारत का रवैया किस तरह का होगा, इस पर देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत ने ‘India Us Partnership – Securing 21st century’ कार्यक्रम में चर्चा के दौरान खुलासा किया।
बदला नहीं है तालिबान
सीडीएस बिपिन रावत का कहना है कि हमने तालिबान के शासन का अनुमान लगाया था और उसी पर अपनी आकस्मिक योजनाएं बनाई हैं।
यह वही तालिबान है, ये बदला नहीं है। बस इतना हुआ है कि अब साथी बदल गए हैं। अलग-अलग साझेदारों के साथ यह वही पुराना तालिबान है। लेकिन हम तालिबान के शासन से होनेवाली किसी भी आतंकी गतिविधि से निपटने के लिए तैयार हैं। ये जरुर है कि इसकी टाइमलाइन ने हमें चौंका दिया है क्योंकि हम उम्मीद कर रहे थे कि शायद तालिबान को कुछ महीने और लगेंगे। लेकिन यह काफी हद तक वही है, वही तालिबान जो 20 साल पहले वहां था। उन्होंने कहा कि भारत के सामने दोतरफा चुनौतियां हैं। उत्तरी सीमा के साथ-साथ पश्चिमी सीमा पर भी न्यूक्लियर हथियार से लैस देश है। इसलिए हमारी तैयारी शुरु से ही इन दोनों का ताकतों का मुकाबला कर सकने की रही है।
जहां तक अफगानिस्तान का संबंध है, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी आतंकी गतिविधि के अफगानिस्तान से बाहर निकलने और भारत में अपना रास्ता तलाशने की संभावना ना हो। अगर ऐसा हुआ ही तो, जिस तरह से हम फिलहाल अपने देश में आतंकवाद से निपट रहे हैं, उससे भी वैसे ही निपटा जाएगा।