Mirchi baba in Madhya Pradesh Congress: digi desk/BHN/ भोपाल। मध्य प्रदेश की सियासत के भी अलग ही रंग हैं। पिछले कई वर्षों में यहां संत-महात्माओं ने राजनीति में रुचि दिखाकर अलग छवि बनाई है। शिवराज सिंह से लेकर कमल नाथ सरकार तक में नामदेव दास त्यागी ‘कंप्यूटर बाबा” चर्चा में रहे। हालांकि भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थामना उनके लिए भारी पड़ गया और अब वे सियासी परिदृश्य से गायब हैं। उनकी जगह महामंडलेश्वर वैराग्यानंद गिरी महाराज ‘मिर्ची बाबा” ले रहे हैं। मिर्ची बाबा ने बुधवार को भोपाल में अपने आश्रम में शिवजी का एक लाख पुष्पों से पूजन किया, जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ भी शामिल हुए। दावा है कि इस विशेष अनुष्ठान में शामिल होने वाले की मनोकामना पूर्ण होती है और शत्रु परास्त होते हैं।
कंप्यूटर बाबा जहां अपने कंप्यूटर प्रेम की वजह से इस नाम से जाने गए, वहीं मिर्ची बाबा मिर्च से हवन और विशेष अनुष्ठान करते हैं। कंप्यूटर बाबा को शिवराज सिंह चौहान के तीसरे कार्यकाल के आखिरी दिनों में राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनी तो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समर्थन से उन्होंने कमल नाथ सरकार में भी राज्यमंत्री का दर्जा हासिल कर लिया।
कांग्रेस सरकार के सत्ता से जाने के बाद कंप्यूटर बाबा के इंदौर स्थित आश्रम की छानबीन हुई। अतिक्रमण की जमीन पर बने आश्रम पर शिवराज सरकार ने बुलडोजर चलवा दिया। बाबा को जेल जाना पड़ा।
उनके स्थान पर कांग्रेस में अब महामंडलेश्वर वैराग्यानंद गिरी महाराज ‘मिर्ची बाबा” आ गए हैं। इन्हें भी कमल नाथ सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा मिला था। 2019 के लोकसभा चुनाव में मिर्ची बाबा ने भोपाल से चुनाव लड़ रहे दिग्विजय सिंह की जीत का दावा किया। यह भी कहा कि यदि उनकी जीत नहीं होती है, तो वे जल समाधि ले लेंगे, हालांकि बाद में वे पलट गए। अब कमल नाथ मिर्ची बाबा को तरजीह दे रहे हैं।
कमल नाथ का साफ्ट हिंदुत्व
कांग्रेस में कमल नाथ साफ्ट हिंदुत्व के लिए जाने जाते हैं। सार्वजनिक रूप से पूजन, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड के पाठ सहित वे धार्मिक गतिविधियों में शामिल होते रहते हैं। उनके समर्थक उन्हें हनुमान भक्त भी बताते रहे हैं। अयोध्या में श्रीराम मंदिर के शिलान्यास के दिन उन्होंने पूरे प्रदेश में कांग्रेस कार्यालयों में सुंदरकांड के पाठ का आयोजन करवाया था। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने महाकाल मंदिर, राम वनगमन पथ और गो-शालाओं के लिए कई योजनाओं की तैयारी की थी।