सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़। ऊंची कुर्सियों पर बैठे अधिकारी किस तरह से अपने पद और रुतबे का दुरुपयोग करते हैं इसका एक मामला सतना में सामने आया। पुलिस द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार जिला पंचायत के मनरेगा अधिकारी एम.आर.पटेल ने अपनी अधीनस्थ महिला कर्मचारी जो रोजगार सहायक के पद पर कार्यरत है उसका तकरीबन दो साल तक दैहिक शोषण किया और जब महिला कर्मचारी ने विरोध किया तो उसे वीडियो वायरल करने की धमकी देकर बार- बार उसका यौन शोषण करता रहा। जिला पंचायत के इस अफसर से परेशान महिला कर्मचारी ने अंततः पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी। सिटी कोतवाली पुलिस ने फरियादिया की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया। बाद में आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया जहां से मनरेगा अधिकारी को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया।
इस सबन्ध में हासिल जानकारी के मुताबिक मनरेगा अधिकारी एम.आर.पटेल के कुकृत्यों से परेशान होकर 26 सितम्बर को सिटी कोतवाली पहुंची और रिपोर्ट दर्ज कराई कि मनरेगा अधिकारी पटेल ने उसे ग्राम पंचायत के कार्यों के लिए वित्तीय अधिकार का आदेश देंने के बहाने पहले जिला पंचायत कार्यालय में बुलाया और अपने सिटी होम स्थित कमरे में ले जाकर बलात्कार किया। इस दौरान उसने पीड़िता के साथ अंतरंग सम्बन्धो का वीडियो भी चोरी से बना लिया। इसके बाद जब उसका मन करता वीडियो वायरल करने की धमकी देकर पीड़िता का यौन शोषण करता रहा। दिसम्बर 2018 में भी आरोपी ने धमकी देकर अपने निवास एवँ पशुपतिनाथ मंदिर के पास बने सूने घर मे ले जाकर बलात्कार किया।
इसके पश्चात मनरेगा अधिकारी ने कुर्सी की धौंस देकर 14 अप्रैल को मैहर रोड में एक सुनसान जगह पर ले जाकर ब्लैकमेल करने की धमकी दी और बलात्कार किया। इसका जब पीड़िता ने विरोध किया तो 15 अप्रैल को आरोपी ने अपने घर के पास बुलाकर मारपीट की।
दो साल से कर रहा था दुष्कर्म
पीड़िता ने दर्ज कराई गई रिपोर्ट में कहा कि वह दो सालों से आरोपी एम.आर.पटेल के कुकृत्यों का शिकार हो रही थी, पर जब भी वह विरोध करने की कोशिश करती तो आरोपी विडियो वायरल करने की धमकी देकर उसे चुप करा देता था।
और पहुंच गई थाने
दो साल से आरोपी की यौन प्रताड़ना की शिकार हो रही पीड़िता का धीरज अंततः जवाब दे गया और वह पुलिस की शरण मे पहुंच गई।
पुलिस ने इन धाराओं के तहत दर्ज किया मामला
पीड़िता की शिकायत पर सिटी कोतवाली पुलिस ने आरोपी मनरेगा अधिकारी एम.आर.पटेल के खिलाफ अपराध क्रमांक 555/20 धारा 376 (2) ख, 376(2)के, 376(2)एन ताहि 3(2)(5), एससीएसटी एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्व किया गया।
मामला हाई प्रोफाइल होने से पुलिस कप्तान धर्मवीर सिंह ने जांच का जिम्मा सीएसपी विजय प्रताप को सौंपी। जांच पड़ताल के बाद मंगलवार को पुलिस ने आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
आरोपी की गिरफ्तारी में उपनिरीक्षक संदीप चतुर्वेदी, सहायक उपनिरीक्षक सुभाष वर्मा, प्रधान आरक्षक महेन्द्र सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा।