सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ उप संचालक कृषि एवं किसान कल्याण ने किसानों को सामायिक सलाह देते हुए कहा है कि वे खेतों पर खरीफ की फसलों की सतत निगरानी रखें। किसानों से कहा गया है कि वे फसलों में कीट-व्याधियों और इल्लियों का प्रकोप दिखाई देते ही उसके नियंत्रण की तुरंत उपाय करें। जिन खेतों में खरपतवार आ गये हैं, उनकी समाप्ति के लिये डोरा-कुल्पा चलायें। आवश्यक होने पर हाथों से निंदाई भी करें। खरपतवार को समाप्त करने के लिये अनुशंसित रूप से रासायनिक खरपतवार नाशक औषधियों का उपयोग भी किया जाये।
उप संचालक कृषि एवं किसान कल्याण ने किसानों को सलाह दी है कि वे बीज दर बढ़ाकर उचित दूरी पर सोयाबीन की बोवनी कर सकते हैं। इसके लिए संबंधित कृषि विभाग के अधिकारियों की सलाह भी ली जा सकती है।
किसान फसलों पर सतत निगरानी रखें। इल्लियों तथा अन्य कीट-व्याधियों की स्थिति पता चलने पर तुरंत अनुशंसित औषधियों का छिड़काव करें। फिरोमनट्रेप्स भी लगायें। सोयाबीन को मोजेक वायरस एवं पीला मोजेक वायरस से बचाने के लिये सतत निगरानी की जाये। रोगग्रस्त पौधों को तत्काल उखाड़कर नष्ट कर दें।
जिले में अब तक 210.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज
जिले में इस वर्ष 1 जून से 19 जुलाई 2021 तक 210.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। अधीक्षक भू-अभिलेख सतना से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले की सतना (रघुराजनगर) तहसील में 384.7 मि.मी., सोहावल (रघुराजनगर) में 417.2 मि.मी., बरौंधा (मझगवां) में 134.1 मि.मी., बिरसिंहपुर में 216 मि.मी., रामपुर बघेलान में 171 मि.मी., नागौद में 176 मि.मी., जसो (नागौद) में 115.6 मि.मी., उचेहरा में 231 मि.मी., मैहर में 117.5 मि.मी., अमरपाटन में 148 मि.मी. तथा रामनगर तहसील में 200.7 मि.मी. औसत वर्षा अब तक दर्ज की जा चुकी है। जिले की औसत सामान्य वर्षा 1039.7 मि.मी. है। गत वर्ष इस अवधि तक जिले में 313 मि.मी. वर्षा दर्ज की जा चुकी थी।