सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ किसानों को कृषि फसलों हेतु किराये पर ट्रेक्टर एवं यंत्र उपलब्धि कराकर सेवाऐं देने के उद्देश्य से बैंक ऋण आधार पर कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित करने की इच्छुक व्यक्तियों से ऑनलाईन आवेदन पत्र संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी के पोर्टल www.mpdage.org के माध्यम से आमंत्रित किये गये है। प्रत्येक कस्टम हायरिंग केन्द्र हेतु आवश्यक ट्रेक्टर एवं कृषि यंत्रों से संबंधित कृषि मशीनों के क्रय की लागत पर आवेदकों (सामान्य, अजा एवं अजजा) को 40 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख रूपये तक का अनुदान दिया जायेगा। अनुदान की गणना सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन योजना में प्रत्येक यंत्र हेतु दिये गये प्रावधान अनुसार अधिकतम सीमा तक की जायेगी।
इसके साथ ही हितग्राही भारत सरकार के एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (ए.आई.एफ) अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के भी पात्र होंगे। योजनांतर्गत प्राप्त आवेदन इसी वित्तीय वर्ष अर्थात वर्ष 2021-22 हेतु ही वैध रहेंगे। प्रत्येक आवेदक को आवेदन हेतु धरोहर राशि बैंक ड्राफ्ट के रूप में जमा करानी होगी। सामान्य वर्ग के आवेदको को राशि 10 हजार रूपये तथा अनुसूचित जाति/जनजाति तथा महिला आवेदकों को 5 हजार रूपये का बैंक ड्राफ्ट बनवाना होगा। बैंक ड्राफ्ट की मूल प्रति अभिलेखों के सत्यापन के समय संबंधित कार्यालय में जमा कराई जानी अनिवार्य होगी। आवेदन 19 जुलाई से 30 जुलाई 2021 तक प्रस्तुत किए जा सकेंगे। जिलेवार आवेदको के अभिलेखो का सत्यापन एवं बैंक ड्राफ्ट जमा करने की अवधि 31 जुलाई 2021 से 4 अगस्त तक होगी। जिलेवार प्राथमिकता सूचियो की लाटरी पद्धति से निर्धारण 6 अगस्त को दोपहर 12 बजे से जिलो से संबंधित कृषि यंत्री, कार्यपालन यंत्री कार्यालय में लाटरी से जिलेवार निर्धारित की गई प्राथमिकता सूचियां संचालनालय कृषि अभियांत्रकीय के पोर्टल पर 7 अगस्त से देखी जा सकेगी।
प्रत्येंक जिले हेतु हितग्राहियों का चयन लॉटरी पद्धति से किया जायेगा। एक व्यक्ति केवल एक जिले/ग्राम हेतु ही आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा। ऑनलाईन आवेदन उपरांत आवेदकों के मूल अभिलेखों का सत्यापन उनके आवेदित जिले से संबंधित संभागीय कृषि यंत्री/कार्यपालन यंत्री कार्यालयों में 31 जुलाई से 4 अगस्त 2021 तक किया जायेगा। अभिलेखों सत्यापन में उपयुक्त पाये गये आवेदकों की श्रेणीवार तथा कृषि संकाय स्नातक अनुसार लॉटरी 6 अगस्त 2021 को दोपहर 12 बजे से संबंधित कृषि यंत्री कार्यालय में प्रारंभ की जायेगी। विस्तृत विवरण संचालनालय की वेबसाईट पर देखा जा सकता है।
किसान 70 प्रतिशत अंकुरण क्षमता वाला बीज ही बोयें
उप संचालक कृषि एवं किसान कल्याण ने जिले के किसानों को सलाह दी है कि कम से कम 70 प्रतिशत अंकुरण क्षमता वाले बीज की बुवाई करें। कम से कम 2 से 3 सोयाबीन की उन्नत प्रजातियों (जे.एस. 9560, जे.एस 9305, जे.एस. 2034, जे.एस. 2029, आर.व्ही.एस. 2001-4, आर.व्ही.एस. 24, एन.आर.सी. 86, एन.आर.सी. 138 आदि) की बुवाई करें। बीजोउपचार करके ही फसलो की बुआई करे। संतुलित खाद एवं उर्वरक का उपयोग करे। सोयाबीन फसल के अलावा कम से कम 20 से 30 प्रतिशत रकबे में विभिन्न फसले (उड़द,मूंग, अरहर, धान) जरूर लगावे। अधिक जानकारी के लिए अपने क्षेत्र के नजदीकी वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय या क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी से सम्पर्क करे।