प्रदेशवासी करें कोरोना अनुकूल व्यवहार का पालन-शिवराज सिंह चौहान
सतना/भोपाल, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि न केवल हमारे देश में अपितु दुनिया के कई देशों में कोविड के प्रकरण बढ़ना चिंता का विषय है। ब्रिटेन में तीन महीने के लॉकडाउन के बाद 55 हजार केस आये हैं। दुनिया के अन्य देशों में भी कोरोना के प्रकरण तेजी से बढ़ रहे हैं। देश में भी कई जिलों में पॉजिटिविटी दर दस प्रतिशत से कम नहीं हुई है। अतः यह स्पष्ट है कि वायरस अभी मौजूद है। दक्षिण और उत्तरपूर्व के राज्यों में पॉजिटिव प्रकरण तेजी से आ रहे हैं। कई जगह प्रकरण प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेशवासियों से मेरी अपील है कि कोरोना से निश्चिंत न हों। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने रविवार को स्मार्ट सिटी पार्क में पौध-रोपण के बाद उक्त बात कही।
78 हजार टेस्ट में 18 आये पॉजिटिव
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कल प्रदेश में 78 हजार टेस्ट किये गये, जिनमें से 18 पॉजिटिव आये। परसों जो टेस्ट किये गये उसमें 11 पाजिटिव आये थे। अतः यह स्पष्ट है कि प्रदेश में वायरस है। पॉजिटिव लगातार आ रहे हैं। अगर हम असावधान रहे तो यह तीसरी लहर को निमंत्रण देने के समान होगा।
तीसरी लहर के लिए तैयारियाँ जारी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में अधिकतम टेस्ट करने, पॉजिटिव आये व्यक्तियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग कर उन्हें आइसोलेशन में रखने का कार्य जारी है। प्रदेश में टीकाकरण का अभियान भी लगातार चल रहा है। कोरोना की तीसरी लहर का सामना करने के लिए अस्पतालों में आवश्यक व्यवस्था स्थापित करने के लिए भी राज्य सरकार सक्रिय है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि तीसरी लहर से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय कोरोना अनुकूल व्यवहार का पालन करना है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, विश्व स्वास्थ्य संगठन और स्वास्थ्य विभाग भी बार-बार कोरोना अनुकूल व्यवहार के पालन का आग्रह कर रहा है। प्रदेशवासियों से इसके प्रति गंभीर रहने की अपील है।
कोरोना के विरूद्ध जंग में नर्स बहनों का जोश और जुनून अद्भुत रहा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना के विरूद्ध जंग में जुटी सभी नर्स बहनों ने जिस जोश और जुनून से अपने कर्त्तव्यों को निभाने की पराकाष्ठा की है, वह अद्भुत है। प्रदेश में कोरोना नियंत्रण के लिये जो समन्वित प्रयास हुए उनमें नर्स बहनों का योगदान महत्वपूर्ण रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपने ट्वीट के माध्यम से प्रदेश की सभी नर्स बहनों का हृदय से अभिनंदन किया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य अमले की नर्स बहनों ने कोरोना योद्धा की भूमिका निभाते हुए बुलंद हौसलों के साथ कोरोना से जंग लड़ी है। उनके द्वारा न केवल कोरोना मरीजों का उपचार किया गया बल्कि अपने व्यवहार से उनका मनोबल भी बढ़ाया है। अस्पताल और कोविड केयर सेंटर्स से जो कोरोना मरीज ठीक होकर अपने घर गये, उन्होंने नर्स बहनों द्वारा की गई सेवाओं के प्रति आभार भी माना।
टीकाकरण महाअभियान में भी रही सक्रिय भूमिका
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना से सुरक्षा कवच देने के लिये चलाये गये टीकाकरण महाअभियान में भी नर्स बहनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उनके सहयोग से प्रदेश में सर्वाधिक टीकाकरण हो सका और मध्यप्रदेश ने वैक्सीनेशन में देश में एक अलग पहचान बनाई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि टीकाकरण महाअभियान के शुरूआती दिनों में रिकार्ड वैक्सीन लगाई गई, जिसमें नर्स बहनों के सहयोग को नकारा नहीं जा सकता। सुबह से लेकर देर रात तक वैक्सीन लगाने का कार्य चलता रहा और नर्स बहनों ने समय और अपनी परवाह न करते हुए टीकाकरण केन्द्रों पर आये सभी व्यक्तियों को वैक्सीन लगाई। यह उनके बुलंद हौसलों का परिचायक है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संभावित कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिये पुनः जन-भागीदारी मॉडल को अपनाते हुए कार्य किया जाएगा। इसके लिये स्वास्थ्य विभाग के अमले के साथ जिला, ब्लॉक, वार्ड और ग्राम स्तर के क्राईसिस मैनेजमेंट ग्रुप एवं समाजसेवी संस्थाएँ अभी से सक्रिय हैं।
मुख्यमंत्री सोमवार को कोविड बाल सेवा योजना के बच्चों को राशि का अंतरण करेंगे
मुख्यमंत्री 19 जुलाई को कोविड-19 बाल सेवा योजना के हितग्राही बच्चों के खाते में राशि अंतरित करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान बच्चों से संवाद भी करेंगे। अपरान्ह 3 बजे मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित होने वाले कार्यक्रम का प्रसारण सोशल मीडिया पर भी होगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण से कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, जिसकी पूर्ति नहीं की जा सकती। कोरोना की दूसरी लहर में कई बच्चों के सिर से उनके माता-पिता का साया भी उठ गया। इस स्थिति में बच्चों की जिम्मेदारी उठाने के लिये मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना शुरू की गई। योजना में प्रावधान किया गया है कि अनाथ हुए बच्चों को प्रति माह 5 हजार रूपये आर्थिक सहायता के साथ निःशुल्क शिक्षा, निःशुल्क राशन के साथ सुरक्षित आवासीय सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाए। बच्चों की प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक की जिम्मेदारी राज्य सरकार उठाएगी।