सीधी,भास्कर हिंदी न्यूज़/ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, उमरिया से जो मादा बाघ लाकर कुसमी के जंगल मांचमहुआ में बने अस्थाई बाड़े में छोड़ी गई थी, उसके लिए 9 जून की शाम को बाड़े का गेट खोल दिया गया। रात भर मादा बाघ बाड़े से नहीं निकली। दूसरे दिन सुबह 6 बजे बाड़े से निकलकर बीट खरसोती के जंगल में लगभग दो से तीन किलोमीटर तक भ्रमण कर मांचमहुआ के पास जंगल में रह रही है। इस मादा बाघ के लिए शुक्रवार को एक नर बाघ को निश्चेत कर रेस्क्यू वाहन से पुनः कुसमी के जंगल मांचमहुआ में बने अस्थाई बाड़े में शिफ्ट किया गया है, जिसे दो-तीन दिन बाद जंगल में विचरण के लिए छोड़ दिया जाएगा। इस नर बाघ को अस्थाई बाड़े में, जिसमें पूर्व में मादा बाघ को रखा गया है, ताकि वह मादा बाघ के गंध, यूरिन आदि को सूंघ कर जंगल में जोड़ा बना सके, जिससे संजय टाइगर रिजर्व के अंतर्गत बाघों की संख्या में वृद्धि हो। दुबरी परिक्षेत्र के गोंईदवार में स्थाई रूप से रह रही मादा बाघ जिसका कालर ट्रेकिंग हेतु चार वर्ष पूर्व लगाया गया था, अत्यधिक टाइट हो जाने के कारण उसे निश्चेत कर उसका कालर हटाकर पुनः मादा बाघ को स्वच्छंद भ्रमण के लिए छोड़ा गया है। मादा बाघा के 6 माह के 3 शावक उसके साथ रह रहे हैं।
गांवों में मुनादी
नर बाघ की कालरिंग के लिए कालर डब्लूसीटी द्वारा प्रदाय किया है तथा सभी कार्य को संजय टाइगर रिजर्व सीधी के डॉ. अभय सेंगर, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया के डॉ. नितिन गुप्ता, डब्लूसीटी के डॉ. प्रशांत एवं सेवानिवृत्त उप संचालक, पशुपालन विभाग सीधी के डॉ. कैलाश तिवारी द्वारा किया गया। कुसमी, भदौरा, सोनगढ़, खरसोती आदि गांवों में मुनादी कराकर आम जनता को बाघ विचरण के संबंध में सूचना दी गई है। आम जनता से यह अपील की गई है कि वे जंगल में अकेले न जाएं तथा जब भी जंगल में जावें चौकन्ने व सतर्क रहें।