National Dengue Day 2021:digi desk/BHN/ 16 मई के दिन को हम डेंगू दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं। इस साल भी यह दिन नेशनल डेंगू डे के रूप में मनाया जा रहा है। हालांकि कोरोना महामारी के कारण डेंगू के बारे में ज्यादा बातचीत नहीं हो रही है। डेंगू की बीमारी कोरोना वायरस से कम खतरनाक नहीं है। चूंकि यह बीमारी सिर्फ मच्छरों के काटने से फैलती है। इस वजह से यह कोरोना जितनी तेजी से नहीं फैलती है। इसके बावजूद हर साल बड़ी संख्या में लोग डेंगू की वजह से मौत के मुंह में समा जाते हैं। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य डेंगू के प्रति लोगों को जागरुक करना है। आइये जानते हैं यह बीमारी कैसे फैलती है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे बचने के लिए क्या सावधानियां करनी चाहिए।
कैसे फैलता है डेंगू
यह बीमारी डेंगू नामक वायरस से होती है। यह वायरस एडीज नामक मच्छर के काटने से फैलता है। कोविड की तरह में बुखार आता है और खून में प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगते हैं। कोरोना महामारी के बीच हमें डेंगू से भी सावधान रहने की जरूरत है। सही समय पर सही इलाज नहीं मिलने पर डेंगू जानलेवा भी हो सकता है। आमतौर पर बारिश के मौसम में यह बीमारी फैलती है। दरअसल, बारिश के मौसम में हर जगह पानी जमा रहता है। जहां मच्छर पैदा होते हैं और डेंगू फैलाते हैं।
क्या हैं लक्षण
तेज बुखार, मुहांसे, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द डेंगू का आम लक्षण है। ज्यादा गंभीर मरीजों में रक्तस्राव, बीपी में अचानक से गिरावट समेत अन्य समस्याएं हो सकती हैं। इससे व्यक्ति की मौत तक हो सकती है। सिरदर्द, जी मिचलाना, उल्टी, ग्रंथियों में सूजन, आंखों में चुभन, दर्द आदि डेंगू के आम लक्षण हैं। आमतौर पर यह बीमारी एक से दो सप्ताह में ठीक हो जाती है। कुछ मामलों में डेंगू बिगड़ जाता है और मरीज की हालत गंभीर हो जाती है। ऐसी स्थिति में मरीज की त्वचा पर लाल चकत्ते होना, रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त होना, खून में प्लेटलेट्स का लगातार गिरना, पेट में असहनीय दर्द, मल, मूत्र या उल्टी में खून का आना, थकान महसूस करना, बेचैनी या घबराहट लगना, सांस लेने में दिक्कत महसूस करना, मसूड़ों से या नाक से खून का बहना आदि लक्षण दिख सकते हैं।
डेंगू से कैसे बचें
डेंगू से बचने का कोई विशेष तरीका नहीं है। डेंगू मच्छर से फैलता है और मच्छर से बचकर आप खुद को डेंगू से बचा सकते हैं। इसके लिए सावधानीपूर्वक मच्छर भगाने वाले किटनाशकों का प्रयोग करें और सोते समय मच्छरदानी जरूर लगाएं। सुगंधित साबुन और परफ्यूम का इस्तेमाल न करें, मच्छर इससे आकर्षित होते हैं। अपने आस-पास पानी को जमने नहीं दें। आमतौर पर डेंगू का कारण बनने वाले एडीज मच्छर ऐसे ही ठहरे हुए पानी में पनपते हैं।
ये आयुर्वेदिक उपाय भी कारगर
डेंगू से बचने के लिए खिड़की या बरामदे में तुलसी का पौधा लगाएं, इसके अलावा गेंदा, सिट्रानेला, एग्रेटम व लेमन बाम के पौधे लगाने से भी मच्छर नहीं आते हैं। सोते समय सिरहाने से कुछ दूर कपूर व नीम के मिक्सचर के तेल का दीपक जलाएं और शरीर में तुलसी के पत्तों का रस लगाकर सोएं। इसके अलावा पुदीने के पत्तों के रस का छिड़ाव पूरे घर में प्रतिदिन करने से मच्छर दूर भागते हैं। नारियल, नीम, लौंग, पिपरमिंट व नीलगिरी के तेल को आपस में मिलाकर लगाने से इसके गंध से मच्छर नहीं आते हैं।
डॉक्टर के संपर्क में रहना जरूरी
डेंगू और कोरोना के शुरुआती लक्षण मिलते- जुलते हैं और कोरोना काल में कोई भी इंसान डेंगू को कोरोना समझने की भूल कर सकता है। ऐसा कतई न करें। बुखार आने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और सभी जरूरी जांच कराएं। बिना डॉक्टर से पूछे कोई दवाई न खाएं और न ही किसी को दवाई खाने की सलाह दें।