अनूपपुर,भास्कर हिंदी न्यूज़/ जिले में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा अबतक उठाए गए कदमों की सोमवार को कलेक्टर चंद्र मोहन ठाकुर ने विभिन्ना विभागों के अधिकारियों की बैठक में विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कोरोना संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए अधिकारियों को अलग-अलग दायित्व सौंपते हुए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
बैठक में कलेक्टर ने घर-घर मेडिकल किट बंटवाने का कार्य अपने हाथों में लेने के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों जनपद को निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि खंड स्तर पर जितनी दवाएं रखी है उन्हें मुख्य कार्यपालन अधिकारी अपने आधिपत्य में लेकर मेडिकल किट बनवा कर उनका घर- घर में वितरण कराना सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने साफतौर पर कहा कि केवल मेडिकल किट बंटवाना ही काफी नहीं है, बल्कि जिन लोगों को किट दी गई हैं, उनसे उनका इस्तेमाल कराना भी सुनिश्चित किया जाए है। इसके लिए यह आवश्यक है कि घरों पर जाकर दवाइयों के पत्ते देखे जाएं कि दवाएं वास्तव में खाई जा रही हैं या नहीं।
कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारियों राजस्व को निर्देश दिए कि वे मुख्य कार्यपालन अधिकारियों जनपद के साथ खंड चिकित्सा अधिकारियों एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को जोड़कर इस अभियान को चलाना सुनिश्चित करे। आपने मुख्य कार्यपालन अधिकारियों जनपद को निर्देश दिए कि वे स्वयं भी कुछ घरों में जाकर उनके सदस्यों से पूछे कि उन्होंने दवा खाई या नहीं और दवाई का पत्ता भी देखें। कलेक्टर ने रोजाना दवा बांटने की सूची जिला कार्यालय को भिजवाने के निर्देश दिए। आपने गांव, वार्ड, मोहल्लों मे लोगों का इलाज करने वाले नीम-हकीम, झोलाछाप डॉक्टरों की सूची बनाने के अनुविभागीय अधिकारियों राजस्व को निर्देश दिए और कहां कि वे उनकी बैठक लेकर उन्हें समझाईश दें कि उनके पास आने वाले संक्रमित मरीजों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संक्रमितों के इलाज के लिए सुझाई गई दवाईयां दें।
कलेक्टर ने कहा कि गांव-मोहल्लों में किल कोरोना टीम को सक्रिय किया जाए। आपने कहा कि ऑक्सीजन नापने के लिए हरेक गांव में एक ऑक्सीमीटर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के पास दवाओं एवं ऑक्सीमीटर की कमी नहीं है परंतु गांव स्तर तक इसके उपयोग की मॉनिटरिंग की जरूरत है। रोजाना सुबह शाम लोगों के ऑक्सीजन को नापना आवश्यक है। गांव में जितने होम आइसोलेशन कोरोना संक्रमित मरीज है, अथवा जिनमें कोरोना के लक्षण दिखते हैं, उनका घर पर अथवा कोविड केयर सेंटर में ऑक्सीजन लेवल जांचा जाए। हरेक गांव में लोगों के ऑक्सीजन लेवल की जांच की जाए।