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Coronavirus: जब लक्षण और जांच रिपोर्ट बताए अलग-अलग बातें तो अपनाएं ये रास्ते

Coronavirus:digi desk/BHN/ इंदौर/ अमूमन यह देखने में आता है कि कोरोना संक्रमण के कोई लक्षण नजर नहीं आने के बावजूद भी व्यकि्त की रिपोर्ट पाजिटिव आ रही है और कुछ मामले ऐसे भी हैं जिसमें जांच की रिपोर्ट तो नेगेटिव है लेकिन व्यकि्त विशेष को वे तमाम लक्षण हैं जो एक संक्रमति व्यकि्त के होते हैं। डाक्टरों की मानें तो लक्षण नजर नहीं आने पर भी रिपोर्ट पाजिटिव वाले मरीजों की संख्या करीब 90 प्रतिशत होती है। यही नहीं संक्रमितों की बढ़ती संख्या में ऐसे लोगों बड़े वाहक के रूप में सामने आते हैं। ऐसे में जरूरी है कि लक्षण होने पर भी यदि जांच रिपोर्ट नेगेटिव आए तब और लक्षण नहीं होने पर जांच रिपोर्ट पाजीटिव आए तब किन-किन सावधानियों को बरता जाए।

डा. वीपी पांडे के अनुसार दोनों ही परिसि्थतियों में लोगों को शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना सबसे जरूरी होता है। आपकी जरासी चूक संक्रमितों की संख्या भी बढ़ा सकती है। यही नहीं आपका उपचार भी रिपोर्ट व लक्षण के अनुसार तय होता है। संक्रमण से बचाव व संक्रमित के ठीक होने दोनों ही बातों में सावधानी बड़ा महत्व रखती है।

डा. संजय लोंढे के अनुसार लक्षण का दिखना या न दिखना वायरस के प्रभाव व आपकी रोगप्रतिरोधक क्षमता पर निर्भर करता है। कोरोना संक्रमण होने के बाद उपचार के लिए अभी तक कोई दवा विशेष ऐसी नहीं आई जो सबको एक समान दी जा सके। लक्षणों, रिपोर्ट और समस्याओं के आधार हर डाक्टर अपने हिसाब से उपचार कर रहा है।

आहार एवं पोषण विशेषज्ञ डा. संगीता मालू के अनुसार दोनों ही परिसि्थतियों में संतुलित आहार लेना जरूरी है। संतुलित आहार में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा, कार्बोहाइड्रेट सामान्य व तेल-घी कम मात्रा में लेना चाहिए। इसके अलावा बासी व फ्रिज के ठंडे पदार्थ का सेवन किसी भी सि्थति में न करना ही बेहतर होता है।

जब लक्षण हो भारी और रिपोर्ट हो नेगेटिव

  • * कम से कम 5 दिन आइसोलेशन में रहें।
  • * 5 दिन में सि्थति में सुधार न हो तो दुबारा जांच कराएं।
  • * 4-5 दिन में यदि बुखार नहीं आए, आक्सीजन लेवल सही रहे, सांस नहीं फूले या अन्य लक्षण नजर नहीं आए तो अन्य जांच की जरूरत नहीं।
  • * डाक्टरी सलाह से ही सीटी स्केन कराएं।
  • * डाक्टरी सलाह बिना कोई जांच न कराएं।
  • * लक्षणों के आधार पर डाक्टरी सलाह से ही उपचार कराएं।
  • * जिस दिन लक्षण नजर आए उसी दिन प्राथमिक जांच करा लें।
  • * यदि थोड़ा भी गला खराब हो तो भाप लें और गरारे जरूर करें।
  • * नाक बंद हो तो ही भाप लें।
  • * जांच रिपोर्ट आने तक एंटीबायोटिक, विटामिन सी, जिंक की टेबलेट लेते रहें।

जब लक्षण नजर न आए और रिपोर्ट पाजीटिव आए

  • * 14 दिन आइसोलेशन में रहे
  •  मन से उपचार करने के बजाए डाक्टर को जरूर दिखाएं।
  • * भाप, गर्म पानी और गरारे नियमित करें।
  • * एंटीबायोटिक, विटामिन सी और जिंक टेबलेट जरूर लें।
  • * उपचार कराने में लापरवाही न बरतें।

ऐसा हो आहार

  • * चाय मसाला, तुलसी, अदरक को पानी में उबालकर उसे छानकर उसमें स्वाद के लिए गुड़ या शहद मिलाकर पिएं।
  • * सुबह-सुबह गुनगुना पानी जरूर पिएं।
  •  प्रोटीन युक्त आहार अधिक मात्रा में लें।
  • * बादाम, अखरोट, मूंगफली, तिल, अलसी, खसखस, अलीव, खरबूजा, कद्दू और सूरजमुखी के बीजों का सेवन करें।
  • * बेसन, गेहूं का आटा व ज्वार या बाजरे के आटे को मिक्स कर उसकी रोटी खाएं।
  • * मौसमी फल जरूर खाएं।
  • * ताजा दही, दही से बनी लस्सी, नारियल पानी लें।
  • * राजगिरा, मोरधन, दालें जरूर खाएं।
  • * वेजीटेबल सूप पिएं।

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