Friday , July 5 2024
Breaking News

Holi 2021: 22 मार्च से लगेगा होलाष्टक, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि के साथ पूरी जानकारी

Holashtak 2021:digi desk/BHN/ पंचांग के अनुसार साल 2021 में होलाष्टक का आरंभ 22 मार्च से हो जाएगा। इस दिन फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि रहेगी। ज्योतिष के मुताबिक चंद्रमा मिथुन राशि में विराजमान होंगे और इस दिन आद्रा नक्षत्र भी रहेगा। वहीं अन्य ग्रहों व राशियों की बात की जाए तो वृष राशि में राहु और मंगल, वृश्चिक राशि में केतु, मकर राशि में गुरू और शनि, कुंभ राशि में बुध और मीन राशि में सूर्य व शुक्र विराजमान रहेंगे। ज्योतिषों के मुताबिक होलाष्टक का समापन होलिका दहन के दिन हो जाता है। पंचाग के मुताबिक होलिका दहन 28 मार्च को होगा। साथ ही 29 मार्च को होली खेली जाएगी। वहीं फुलेरा दूज 15 मार्च को मनाई जाएगी। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण राधा के साथ इसी दिन फूलों के साथ होली खेली थी। मथुरा और बृज में होली का महोत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। वहीं फुलरा दूज का भी विशेष महत्व है।

होलाष्टक में नहीं किए जाते हैं शुभ कार्य

पौराणिक मान्यता है कि होलाष्टक के दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। साथ ही इस दौरा खरमास भी शुरू हो चुके हैं। सूर्य के मीन राशि में प्रवेश के साथ खरमास का आरंभ हो चुका है। होलाष्टक के बाद 8 दिनों तक शादी विवाह या अन्य शुभ कार्य संपन्न करना अशुभ माना जाता है। साथ ही भूमि, भवन और वाहन आदि की भी खरीदारी को शुभ नहीं माना गया है। साथ ही यह भी मान्यता है कि होलाष्टक के दौरान पूजा पाठ का विशेष महत्व होता है और इसका पुण्य भी मिलता है। साथ ही ये त्योहार ऐस समय में आता है, जब मौसम में बदलाव होते रहता है, इसलिए अपनी दिनचर्या व खानपान को भी काफी अनुशासित रखना चाहिए।

499 साल बाद बन रहा है दुर्लभ योग

ज्योतिष विज्ञानियों के मुताबिक इस बार होली पर 499 सालों के बाद एक दुर्लभ योग बन रहा है। साथ ही दो खास संयोग बन रहे हैं। ज्योतिष के अनुसार इस बार को होली बहुत ही खास रहेगी। होली पर इस बार ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार इस तरह से ग्रहों का योग 499 साल पहले 03 मार्च, 1521 को बना था। वहीं होली इस बार होली सर्वार्थसिद्धि योग में मनाई जाएगी। होली पर अमृतसिद्धि योग भी रहेगा।

पौराणिक मान्यता

पौराणिक मान्यता के मुताबिक हिराण्यकश्यप राजा एक राक्षस राजा था और उसने 8 दिनों तक अपने पुत्र प्रहलाद को बहुत प्रताड़ित किया था, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से वे हर बार बच जाता थे। प्रहलाद कुमार की बुआ यानि हिरण्यकश्यप की बहन को आग से न जलने का वरदान प्राप्त था। वह प्रहलाद को लेकर अग्नि में बैठ गई परंतु होलिका जल गई और प्रहलाद बच गया था। होली का उत्सव बुराई पर अच्छाई की जीत को भी दर्शाता है। साथ ही यह भी मान्यता है कि इसी दिन भगवान कृष्ण ने मथुरा वृंदावन में फूलों की होली खेलकर इस त्योहार की शुरुआत की थी।

होली शुभ मुहूर्त 2021

होली होलिका दहन तिथि- 28 मार्च 2021 दिन रविवार।

होलिका दहन मुहूर्त – 28 मार्च 2021 शाम 06.36 मिनट से लेकर 8.56 मिनट तक

कुल अवधि लगभग 02 घंटे 19 मिनट की रहेगी।

होली 2021 की तिथि आरंभ और समाप्त समय

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 28 मार्च 2021 को प्रातः 03.27 से

पूर्णिमा तिथि समाप्त- 29 मार्च 2021 को रात 12.17 मिनट पर

About rishi pandit

Check Also

प्रदोष व्रत आज: पूजा शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

राष्ट्रीय मिति आषाढ़ 12, शक सम्वत् 1946, आषाढ़, कृष्ण, द्वादशी, बुधवार, विक्रम सम्वत् 2081। सौर …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *