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Vegetable Rate Hike: अनमने मानसून से बढ़ रही महंगाई, सब्जियां थाली से गायब

  1. अन्य प्रदेशों के भरोसे हो रही सब्जियों की आपूर्ति
  2. लौकी-बैंगन को छोड़ लगभग सभी सब्जियां महंगी
  3. मध्यमवर्गीय परिवारों पर बढ़ रहा महंगाई का बोझ

Madhya pradesh indore vegetable rate hike inflation is increasing due to unfavorable monsoon vegetables are disappearing from the plate: digi desk/BHN/इंदौर/ अनमने से मानसून और भरपूर वर्षा नहीं होने का असर अब सब्जियों की महंगाई के रूप में नजर आने लगा है। गरीब-निम्न वर्गीय की थाली से सब्जियां गायब हो गई है और मध्यमवर्गीय परिवार सब्जी खाने से पहले सोचने लगा है। आलू-प्याज और टमाटर के बाद हरी सब्जियों की महंगाई लोगों को हैरान और परेशान कर रही है।

थोक बाजार में तंग आपूर्ति से दामों में उछाल है लेकिन खेरची बाजार की मुनाफाखोरी सब्जियों की महंगाई में और आग लगा रही है। थोक बाजार के मुकाबले खेरची दुकान-ठेलों पर सब्जियां दो से ढाई गुना महंगी बेची जा रही है।

इंदौर की थोक मंडी में अन्य जिलों से आपूर्ति

इंदौर की थोक मंडी में आपूर्ति अभी अन्य जिलों और प्रदेश के भरोसे ही है। थोक कारोबारी सलीम चौधरी कहते हैं टमाटर कोटा और महाराष्ट्र के संगमनेर से इंदौर आ रहा है। सूरजना की फली गुजरात से आ रही है। कटहल केरल से थोक मंडी में पहुंच रहा है।

निमाड़ से आती है सब्जियां

स्थानीय स्तर पर भी निमाड़ की ओर से थोड़ी बहुत जो सब्जियां आ रही है उनमें बैंगन, लौकी और गिलकी जैसी सब्जियां प्रमुख है। पत्ते वाली सब्जियों की आवक सीमित है और गुणवत्ता ठीक नहीं है।

सब्जी व्यापारियों का कहना है कि जब तक बरसात का एक अच्छा दौर नहीं आ जाता सब्जियों की आवक नहीं बढ़ेगी। ताजा स्थिति को देखते हुए लग रहा है कि महीनेभर तक तो सब्जियों की आवक बढ़ेगी नहीं। आने वाले दिनों में बस पीली मिर्च और कुछ छुटपुट सब्जियों की नई फसल ही आएगी।

दोगुना तक मुनाफा

थोक कारोबारियों के अनुसार, उपभोक्ताओं के लिए सब्जियां महंगी होने का कारण बीच में होने वाली जबरदस्त मुनाफाखोरी है। थोक विक्रेता सलीम और शकील चौधरी के अनुसार, थोक मंडी से जो सब्जी 40 रुपये किलो के दाम पर बाहर जा रही है वो उपभोक्ता को सीधे 100 रुपये किलो बेची जा रही है।

खेरची में प्रत्येक सब्जी को दो से ढाई गुना दाम पर कम से कम बेचा जा रहा है। ऐसे में बाजारों में ज्यादातर हरी सब्जियां 70 से 100 रुपये किलो तक बिक रही है। सस्ती सब्जियों के नाम पर बैंगन, लौकी, गिलकी, टिंडा और ककड़ी जैसी सब्जियां है। इनमें भी बैंगन-लौकी को छोड़ बाकी सब्जियां 50 रुपये किलो से ज्यादा दाम पर ही है।

सब्जियां महंगी है ऐसे में यदि खेरची बाजार में मुनाफा थोड़ा कम हो जाए तो लोगों को सब्जियों की महंगाई से राहत मिल सकती है। हालांकि इंदौर में मांग बहुत है ऐसे में खेरची विक्रेता दाम कम करने को तैयार नहीं होता।

थोक सब्जी मंडी में प्रति किलो भाव

  • शिमला मिर्च-50-60
  • मोटी मिर्च 30-35
  • हरी मिर्च बुलढाणा-70-80
  • लौकी 15-20
  • गिलकी- 40-25
  • फूल गोभी-30 नग
  • पत्ता गोभी- 15-16
  • पालक- 30-50
  • मैथी- 50-60
  • धनिया- 50-65
  • सुरजना फली- 75-80
  • बैंगन- 15-20
  • अदरक- 90-100
  • अरबी- 30-32
  • कटहल 50-60
  • ग्वार फली-50-60
  • भिंडी- 25-30
  • टिंडा- 25-30
  • टमाटर- 600-1200 रुपये क्रेट
  • लहसुन-120-200 रुपये किलो

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