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गवाही देने आए एसईसीएल के सेफ्टी जनरल मैनेजर की संदिग्ध मौत…!

उमरिया,भास्कर हिंदी न्यूज़/ कोर्ट में गवाही देने आए एसईसीएल बिलासपुर के सेफ्टी जनरल मैनेजर की उमरिया जिले के नौरोजाबाद रेस्टहाउस में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। हालांकि सेफ्टी जनरल मैनेजर अनिल मिश्रा की मौत को हार्ट अटैक से हुई मौत बताया जा रहा है लेकिन सवाल भी उठाए जा रहे हैं कि जब तकलीफ के बाद उन्हे रात के समय सेंट्रल अस्पताल ले जाया गया था तो डॉक्टरों ने ये क्यों कह दिया कि उनका बीपी और ईसीजी ठीक है। अनिल मिश्रा एसईसीएल जोहिला एरिया क्षेत्र की उमरिया खदान में सब एरिया मैनेजर के पद पर पदस्थ रहे हैं। उस दौरान हुए एक मामले में उन्होंने थाने में अपराध दर्ज कराया था और उसी मामले में वे न्यायलय में गवाही देने के लिए उमरिया आए थे।

रेस्ट हाउस में हुई घटना

उमरिया कोर्ट में गवाही देने के बाद वे कालरी के उधा विश्राम गृह पहुंचे। 5 मार्च 2021 की सुबह करीब 3 बजे उन्हे अचानक सीने में दर्द और बेचैनी महसूस हुई। इसी दौरान रेस्ट हाऊस में ही मौजूद जोहिला क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक तथा अन्य अधिकारियों द्वारा श्री मिश्रा को रीजनल अस्पताल ले जाया गया। जहां डाक्टरों द्वारा उनकी ईसीजी और अन्य जांच की गई, जिसमे सभी रिपोर्ट सामान्य बताई गई। डॉक्टरों ने जब यह कह दिया कि उनका बीपी और ईसीजी ठीक है तो उन्होंने वापस रेस्ट हाऊस जाने की इच्छा जताई। उन्हें रात में ही वापस रेस्ट हाउस छोड़ दिया गया लेकिन जब सुबह लोगों ने देखा तो पाया कि वे निढाल पड़े थे। इसके बाद उन्हें फिर अस्पताल ले जाया गया जहां डॉकटरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हालांकि इस मामले में यह भी कहा जा रहा है कि सुबह करीब 7 बजे अनिल मिश्रा को फिर सीने मे दर्द महसूस होने लगा था जिसके बाद उन्होंने आवाज लगा कर मदद की गुहार लगाई। जिसे सुन कर विश्राम गृह में मौजूद लोग उन्हे ऊपर से नीचे उतार कर ले आये तथा अस्पताल ले जाने की तैयारी करने लगे, तभी उनकी मृत्यु हो गई।

बड़ी लापरवाही

उमरिया सब एरिया के पूर्व उप क्षेत्रीय प्रबंधक अनिल मिश्रा की मौत को लेकर जिले मे तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। कुछ लोग इसे कोर्ट मे चल रहे मामले से जोड कर देख रहे हैं तो कई इस घटना के पीछे रीजनल अस्पताल की लापरवाही को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। लोगों का कहना है कि कॉलरी के सेंट्रल अस्पताल में जब हार्ट अटैक की पहचान ही नहीं हो सकती तो फिर वहां सुविधा ही क्या है। कर्मचारियों का कहना है कि सेंट्रल अस्पताल की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वहां एक अधिकारी की जांच में जब इतनी लापरवाही बरती जाती है तो मजदूरों के साथ क्या होता होगा।

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