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India China Faceoff : …अब इन क्षेत्रों से पीछे हटेगी चीनी सेना! 12 घंटे तक चली कमाडंर स्तर की वार्ता

  • 12 घंटे तक चली भारत चीन के बीच कमांडर स्तर की वार्ता
  • हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा पोस्ट और देपसांग से सेना वापस बुलाने पर चर्चा
  • पूर्वी लद्दाख से हो चुकी है सेना की वापसी

India china talks pla to go back from these areas:digi desk/BHN/ भारतीय और चीनी कंमाडरों के बीच शनिवार को मॉल्डो बॉर्डर पर 10वें दौर की वार्ता हुई. बैठक में प्रमुख विवादित स्थल हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा पोस्ट और देपसांग से सैन्य बलों को वापस बुलाने पर चर्चा हुई और पैंगोंग त्सों नदी के उत्तर और दक्षिण तट पर यथास्थिति बहाल करने की बात कही गयी. इस दौरान हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा पोस्ट और देसपांग से तेज गति से सैन्य बलों को वापस बुलाने पर जोर दिया गया. इस बैठक का नेतृत्व भारतीय पक्ष की ओर से लेह स्थित XIV कोर के कमांडर पीजीके मेनन ने किया. वहीं चीनी पक्ष का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट कमांडर, मेजर जनरल लियू लिन ने किया.

गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच जारी सैन्य गतिरोध के 9 महीने बीत गये हैं. समझौता होने के बाद दोनों पक्षों ने पैंगोंग त्सों झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर के क्षेत्रों से अपने अपने सैनिक वापस बुला लिये हैं. साथ ही साथ ही अस्त्र-शस्त्रों, अन्य सैन्य उपकरणों, बंकरों एवं अन्य निर्माण को भी हटा लिया है. शनिवार को हुई बैठक में अन्य इलाकों से भी सैन्य वापसी की प्रक्रिया पर बातचीत हुई.

बता दें कि देपसांग में चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को टोंटीलेक नामक स्थान पर रोक दिया था. जिससे भारतीय सैनिकों को अपने पारंपरिक पेट्रोलिंग प्वाइंट PP10, PP11, PP11A, PP12 और PP13 तक पहुंच नहीं पा रहे थे. देपसांग मैदान दौलत बेग के पास भारतीय स्ट्रेटजिक बेस के करीब है जो कराकोरम दर्रे के करीब है. वार्ता में , भारतीय पक्ष को डेमचोक क्षेत्र के निवासियों के चराई अधिकारों के विषय के बारे में भी पता चला है.यहा पर पिछले तीन वर्षों में भारत के लोग अपने मवेशियों को चराने जाते हैं और वहां उन्हें चीन के विरोध का सामना करना पड़ता है.

इससे पहले 11 फरवरी को संसद में संबोधित करते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर संसद में बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि भारत और चीन के बीच समझौता हुआ है जिसके अनुसार पैंगोंग लेक से सैनिकों की वापसी होगी. भारत ने स्पष्ट किया है कि एलएसी (LAC) में बदलाव ना हो और दोनों देशों की सेनाएं अपनी-अपनी जगह पहुंच जाएं. हम अपनी एक इंच जगह पर भी किसी को कब्जा नहीं करने देंगे.

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