Coronavirus Vaccine:digi desk/BHN/ बीते एक साल से कोविड-19 महामारी से दुनिया जूझ रही है और हर कोई यही सोच रहा है कि आखिर दुनिया से कोविड-19 महामारी कब खत्म होगी और कब हम फिर से सामान्य जीवन जी पाएंगे? लेकिन अब कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीन आ चुकी है तो इस लिहाज से हेल्थ विशेषज्ञों ने अनुमान लगाना शुरू कर दिया है कि कोरोना मुक्त दुनिया का सपना कब साकार हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग के अनुसार अब तक दुनियाभर में 11.90 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है। इस एजेंसी ने दुनिया भर में दिए जा रहे कोरोना वैक्सीन का डाटाबेस तैयार किया है। इस डाटाबेस के आधार पर कोरोना महामारी के खात्मे का आकलन किया जा रहा है।
वैक्सीन तैयार करेगा हर्ड इम्युनिटी
किसी व्यक्ति को जब टीका लगाया जाता है तो उसके कुछ हफ्तों के भीतर कोरोना वायरस से लड़ने की ताकत शरीर में विकसित हो जाती है, लेकिन अगर किसी समुदाय में चंद लोगों को ही यह टीका लगा है तो वायरस का संक्रमण फिर फैल सकता है। ऐसे में जितने ज्यादा लोगों को कोरोना का टीका लगेगा, टीकाकरण किए गए लोगों का समूह वायरस के खिलाफ सामूहिक प्रतिरक्षा पैदा कर देगा। ऐसे एक बड़ी आबादी कोरोना के संक्रमण से बेअसर हो जाएगी। इसी के साथ कोरोना संक्रमण फैलना भी बंद हो जाएगा। मेडिकल की भाषा में इस स्तर को ही सामूहिक प्रतिरक्षा कहा जाता है। हालांकि विशेषज्ञों के बीच इस स्तर तक जाने के लिए आबादी की हिस्सेदारी की अलग-अलग राय है।
कब आएगी हर्ड इम्युनिटी
जाने-माने अमेरिकी इम्युनोलॉजिस्ट डॉ एंथनी फाउची का कहना है कि दुनिया की करीब 70 से 85 फीसद आबादी का टीकाकरण हो जाएगा तो दुनिया के हर व्यक्ति को कोरोना वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा प्राप्त हो जाएगी। तब ही हम सामान्य जीवन में वापस जा पाएंगे। गौरतलब है कि फिलहाल दुनिया में हर रोज औसतन 45,40,345 टीके लगाए जा रहे हैं। इस दर से दुनिया की 75 फीसद आबादी के टीकाकरण में आनुमानित 7 साल का समय लगेगा, यानि दुनिया से कोरोना महामारी को खत्म होने में अभी 7 साल का समय लग सकता है। गौरतलब है कि ब्लूमबर्ग का वैक्सीन ट्रैकर दर्शाता है कि कुछ देशों में टीकाकरण तेजी से किया जा रहा है, जिसमें भारत भी शामिल है। हालांकि सर्वाधिक टीकाकरण की दर वाला इजरायल है, जहां सिर्फ दो महीनों में ही 75 फीसद आबादी को टीके की खुराक देने के करीब है। अमेरिका में यह तस्वीर नए साल तक देखने को मिल सकती है। समृद्ध देशों में टीकाकरण का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन शेष विश्व को यह प्रतिरक्षा हासिल करने में करीब 7 साल लग सकते हैं।