सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ कलेक्टर अनुराग वर्मा ने शासकीय खाद्यान्न के परिवहन में अनियमितता बरतने वाले परिवहनकर्ता अरुणेंद्र सिंह पटेल पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड अधिरोपित करते हुये राशि की वसूली/कटौती करने के निर्देश जिला प्रबंधक आपूर्ति निगम सतना को दिये हैं। वसूली/कटौती की गई राशि को राजस्व प्राप्ति शीर्श में जमा कराकर इसकी जानकारी कार्यालय कलेक्टर (खाद्य शाखा) को देने के लिये कहा गया है।
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जिले की परिवहनकर्ता अरुणेंद्र सिंह पटेल द्वारा अनुबंधित सेक्टर क्रमांक 18 में राशन उठाव नहीं करते हुये शासकीय खाद्यान्न को बीच रास्ते में खुर्दबुर्द किया गया। इस घटना की सूचना सोशल मीडिया में वीडियो वायरल के माध्यम से प्राप्त होने पर परिवहनकर्ता श्री पटेल को कारण बताओ नोटिस जारी कर 3 दिवस के अंदर जवाब प्रस्तुत करने के लिये कहा गया था। संबंधित द्वारा कारण बताओ नोटिस के जवाब में प्रस्तुत किये गये तथ्य कलेक्टर कार्यालय को समाधानकारक प्रतीत नहीं हुये है। परिवहनकर्ता का यह कृत्य मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 की कंडिका 13(2) के विरुद्व पाया गया है। जो मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 की कंडिका 16 एवं आवश्यक अधिनियम 3/7 के तहत दंडनीय भी है। जिसके फलस्वरुप परिवहनकर्ता पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड अधिरोपित किया गया है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि खाद्यान्न उठाव के कार्य में पुनः गड़बड़ी करने पर परिवहन कार्य से पृथक कर दिया जायेगा। अभियोजन की कार्यवाही भी की जायेगी।
हस्ताक्षर के पहले लगाई जायेगी मतदाता की बायीं तर्जनी पर अमिट स्याही
अंगुली का निरीक्षण करेंगे मतदान अधिकारी
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक लोकसभा चुनाव में मतदान केन्द्र पर वोट डालने पहुंचे मतदाता की बायीं तर्जनी पर अमिट स्याही का निशान मतदाता रजिस्टर पर उसके हस्ताक्षर करने के पहले लगाया जायेगा। ऐसा इसलिए किया जायेगा ताकि मत देने के बाद मतदाता के मतदान केन्द्र छोड़ने तक अमिट स्याही को सूखने और एक सुस्पष्ट अमिट चिन्ह बनने के लिए पर्याप्त समय मिल जाये। मतदाता की अंगुली पर अमिट स्याही नाखून से लेकर अंगुली के पहले पोर तक लगायी जायेगी।
निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अमिट स्याही लगाने के पहले मतदान अधिकारियों द्वारा मतदाता की बायीं तर्जनी का निरीक्षण भी किया जायेगा। यदि निरीक्षण में यह देखने में आता है कि किसी मतदाता ने अमिट स्याही के चिन्ह को प्रभावहीन करने के लिए अपनी अंगुली पर तैलीय या चिकनाईयुक्त पदार्थ लगा लिया है, तो मतदान अधिकारी द्वारा उस मतदाता की अंगुली पर अमिट स्याही का चिन्ह लगाने के पहले किसी कपड़े के टुकड़े की सहायता से ऐसा तैलीय या चिकनाईयुक्त पदार्थ को हटा दिया जायेगा।
आयोग के निर्देशों में मतदान अधिकारियों से स्पष्ट कहा गया है कि यदि कोई मतदाता निर्देशों के विपरीत अपनी बायीं तर्जनी का निरीक्षण करने या अमिट स्याही लगाने से इंकार करे या उसकी बायीं तर्जनी पर ऐसा कोई चिन्ह पहले से ही हो अथवा वह स्याही को हटाने की दृष्टि से कोई भी कृत्य करे तो उसे मत देने के लिए अनुमति नहीं दी जाये।
आयोग ने यह भी कहा है कि मतदाता को अपना मत रिकार्ड करने के लिए मतदान कक्ष में जाने की अनुमति देने के पहले नियंत्रण यूनिट के प्रभारी मतदान अधिकारी द्वारा भी उसकी अंगुली की दुबारा जांच की जानी चाहिए। यदि मतदाता ने स्याही को हटा दिया है या स्याही का चिन्ह अस्पष्ट है तो उसकी बायीं तर्जनी पर दुबारा अमिट स्याही का चिन्ह लगा दिया जाये।
आयोग के मुताबिक मतदान कर चुके मतदाता की पहचान के लिए अमिट स्याही का चिन्ह मतदाता की बायीं तर्जनी की अंगुली पर लगाया जायेगा। लेकिन यदि किसी मतदाता की बायीं तर्जनी न हो तो अमिट स्याही उसकी ऐसी किसी भी अंगुली में लगाई जायेगी जो उसके बायें हाथ में हो। यदि उसके बाये हाथ में कोई भी अंगुली न हो तो स्याही उसकी दायें हाथ की तर्जनी पर लगाई जायेगी और यदि उसके दायें हाथ की तर्जनी भी न हो तो उसकी दायीं तर्जनी से प्रारंभ करते हुए उसके दायें हाथ की किसी भी अन्य अंगुली पर स्याही लगाई जायेगी। परन्तु यदि किसी मतदाता के किसी भी हाथ में कोई भी अंगुली न हो तो स्याही उसके बायें या दायें हाथ के ऐसे सिरे (ठूंठ) पर जो भी उसके हो लगायी जायेगी।
निर्वाचन कर्मी अपने ईडीसी डाक मतपत्र प्रकोष्ठ से प्राप्त करें
नोडल अधिकारी डाक मतपत्र प्रकोष्ठ ने बताया कि लोकसभा निर्वाचन 2024 के निर्वाचन कार्य में संलग्न जिन अधिकारियों-कर्मचारियों के द्वारा प्रारुप 12‘क’ भरकर ईडीसी प्रमाण पत्र जारी करने के लिये आवेदन किया गया है। ऐसे अधिकारी-कर्मचारी के ईडीसी उनके संबंधित विभाग को भेज दिये गये हैं। उन्होने बताया कि कुछ अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा विभाग का नाम अंकित नहीं करके घर का पता अंकित किया गया है। ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों के ईडीसी उनके विभाग तक पहुंचाना संभव नहीं हो पा रहा है। इस स्थिति में वे अपने ईडीसी कलेक्ट्रेट स्थित डाक मतपत्र प्रकोष्ठ से प्राप्त कर सकते हैं। 25 अप्रैल को ईडीसी प्रदाय करने चुनाव सामग्री वितरण के समय विधानसभावार स्टॉल लगाये जाने हैं। अधिकारी-कर्मचारी अपना मतदाता परिचय पत्र (इपिक कार्ड) दिखाकर ईडीसी प्राप्त कर सकते हैं। जो जिस विधानसभा का मतदाता है, उसे उसकी विधानसभा के स्टॉल से ही ईडीसी प्राप्त होगा।