सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ लोकसभा निर्वाचन के अंतर्गत चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी निर्वाचन व्यय के किसी भी मद में किसी भी व्यक्ति या इकाई को दस हजार रूपये से अधिक का भुगतान नकद में नहीं कर सकेंगे। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार उम्मीदवार को अपने निर्वाचन व्यय के किसी मद पर दस हजार से अधिक की राशि का भुगतान रेखांकित या एकाउंट पेई चेक, ड्राफ्ट अथवा आरटीजीएस या एनईएफटी के माध्यम से ही करना होगा। आयोग ने ये निर्देश आयकर अधिनियम की धारा 40ए (3) में एक अप्रैल 2017 को हुए संशोधन के मद्देनजर जारी किया है।
इन निर्देशों में कहा है कि उम्मीदवारों अथवा राजनैतिक दलों द्वारा दस हजार रूपये से अधिक की राशि नगद के रूप में न तो खर्च की जा सकती है और न ही किसी से चंदे के रूप में ली जा सकती है। निर्वाचन आयोग के मुताबिक निर्वाचन व्यय के रूप में दस हजार रूपये तक राशि का भुगतान भी उम्मीदवारों द्वारा निर्वाचन व्यय के प्रयोजन से पृथक से खोले गये बैंक खाते से आहरित कर ही किया जा सकेगा।
वोटर की शंकाओं का समाधान है वीवीपैट मशीन
लोकसभा चुनाव 2024 में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के साथ-साथ वीवीपैट मशीन का भी उपयोग किया जायेगा। वीवीपैट मशीन के जरिये वोटर जान सकेगा कि उसने जिस उम्मीदवार के चुनाव चिन्ह का बटन दबाया है, वह उसी के खाते दर्ज हुआ है या नहीं। वोटर के मन में कोई शंका नहीं रहेगी। जैसे ही वोटर अपना वोट बटन दबाकर देगा, वीवीपैट मशीन की विंडो पर यह दिखाई पड़ेगा कि उसका मत किस चुनाव चिन्ह पर दर्ज हुआ है। वीवीपैट (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) एक स्वतंत्र इकाई है, जो कि ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) से जुड़ी रहेगी। जैसे ही वोटर अपना वोट कास्ट करेगा वह पारदर्शी विंडो जो कि वीवीपैट मशीन में लगी है, उससे वह सात सेकंड तक देख सकेगा कि उसने किस अभ्यर्थी, किस चुनाव चिन्ह व किस क्रम में अपना मत दिया है। सात सेकंड के बाद यह स्लिप कटकर मशीन के एक सीलबंद ड्राप बॉक्स में गिर जाएगी।
मतदाताओं का भरोसा बढ़ाने के लिये ईवीएम को वीवीपैट से जोड़ा गया है। इससे मतदाताओं को अपना मतदान बिल्कुल सही होने की पुष्टि करने में मदद मिलती है। ईवीएम और वीवीपैट मशीनों का निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र के सिर्फ दो प्रतिष्ठित संस्थानों ईसीआईएल (इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड) और बीईएल (भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड) में एक स्वतंत्र तकनीकी विशेषज्ञ समिति के तकनीकी विशेषज्ञों की देखरेख और निर्वाचन आयोग के निरीक्षण में कराया जाता है, ताकि इसके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सके।
मध्यप्रदेश भूलेख पोर्टल एक से 5 अप्रैल तक रहेगा बंद
कृषि वर्ष परिवर्तन के कारण कार्यालय आयुक्त, भू-अभिलेख ग्वालियर द्वारा संचालित मध्यप्रदेश भूलेख पोर्टल की सेवाएँ एक अप्रैल, 2024 से 5 अप्रैल, 2024 तक स्थगित रहेंगी। यह जानकारी कार्यालय आयुक्त भू-अभिलेख ग्वालियर द्वारा दी गई है।