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सतना की लाड़ली आकांक्षा की मांग पर रैगांव में खुलेगा महाविद्यालय

बेटियां करूणा, दया, प्रेम, स्नेह, भक्ति, ज्ञान, कर्म और शौर्य की प्रतीक है- मुख्यमंत्री

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज/ राष्ट्रीय बालिका दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सतना जिले की धौरहरा की लाड़ली बिटिया आकांक्षा दाहिया की मांग पर रैगांव में महाविद्यालय खोलने की घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राज्य स्तरीय कार्यक्रम से लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत लाभान्वित 11वीं में पढ़ रही उज्जैन जिले की विधि शुक्ला, सतना जिले की आकांक्षा दाहिया और नंदिनी मल्लाह, बालाघाट की शौर्या दल की रितिका कावड़े और हरदा की सलोनी राठौड़ तथा वन स्टाप सखी सेंटर विदिशा की कृतिका से सीधी बातचीत की। सतना कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी कक्ष में विधायक रैगांव जुगुल किशोर बागरी, कलेक्टर अजय कटेसरिया, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पुष्पराज बागरी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास सौरभ सिंह, सहायक संचालक राजेन्द्र बागरे, श्याम किशोर द्विवेदी, सीडीपीओ अरूणेश तिवारी, अभय द्विवेदी, बाल संरक्षण अधिकारी अमर सिंह सहित लाड़ली आंकाक्षा दाहिया, नंदिनी मल्लाह और उनके अभिभावक भी उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की धरती में बेटियों एवं नारियों पर होने वाले दुर्व्यवहार को सहन नही किया जाएगा। ऐसे दरिन्दों के विरूद्ध न केवल सजा दिलानें की कार्यवाही होगी बल्कि उनकी धन संपत्ति को भी धूल में मिला दिया जाएगा। आपने कहा कि बेटियो के साथ दुर्व्यवहार करने वाले लोगों को फांसी की सजा देने तथा बेटियो का विवाह 21 वर्ष की उम्र में करनें के संबंध में समाज में बहस छेडी जाएगी। मुख्यमंत्री ने पंख अभियान की शुरूआत करते हुए कहा कि प्रदेश में समाज के सहयोग से बेटी बचाओ अभियान को नये स्वरूप में संचालित किया जाएगा। शासन के विभिन्न विभागो को इसका दायित्व सौंपा जाएगा। पंख अभियान का उददेश्य बेटियो को सुरक्षा, जागरूकता, कुपोषण से मुक्ति, स्वास्थ्य, शिक्षा और हाईजिन सुलभ कराना है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न जिलो ंकी लाडली लक्ष्मी बेटियों, शौर्या दल के सदस्यों तथा वन स्टाप सेंटर से सहायता प्राप्त महिलाओं से रूबरू चर्चा की। उन्होनें कहा कि बेटियां करूणा, दया, प्रेम, स्नेह, भक्ति, ज्ञान, कर्म और शौर्य की प्रतीक है। प्रदेश में बेटियों की सुरक्षा, पढाई, लिखाई, उनके विवाह तथा गर्भवती माताओ के पोषण हेतु नई व्यवस्थायें की जाएगी। उन्होने कहा कि मेरी मंशा है कि बेटियां आकाश एवं अंतरिक्ष में लंबी उड़ान भरें। प्रदेश के आठ करोड लोग मिशन की भावना से अभियान मे सहभागी बने।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लाडली लक्ष्मी योजना के 26 हजार 99 हितग्राहियो के खाते में 6 करोड 47 लाख रुपए की छात्रवृत्ति, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत 45 हजार 391 हितग्राहियो के खाते में 8 करोड 98 लाख रुपए की राशि खातों में अंतरित की। मुख्यमंत्री श्री चैहान ने राष्ट्रीय बालिका दिवस पर भोपाल के मिंटो हॉल में आयोजित पंख अभियान के शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान वर्चुअल माध्यम से 45 जिलों के नवनिर्मित 501 नये आँगनवाड़ी भवनों को लोकार्पित किया। इसमें सतना के 35 आँगनवाड़ी केन्द्रों का लोकर्पण शामिल है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के 12 जिलो में बनाये गयो 12 वन स्टाप सेंटर के नवनिर्मित भवनों का लोकार्पण भी किया। इस दौरान उन्होने रतलाम जिले की संविदा पर्यवेक्षक अहतेशाम असारी और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बरखा खंडाला को भी बेहतर कर्तव्य निर्वहन पर सम्मानित किया।

खुशियों की दास्तां

 

कॉलेज खोलने की मांग पूरी होने और मुख्यमंत्री से संवाद कर बेहद उत्साहित है आकांक्षा

राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर सतना के संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन स्थित एनआईसी कक्ष से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से संवाद करते हुये धौरहरा ग्राम निवासी आकांक्षा दाहिया ने रैगांव में कॉलेज खोलने की मांग रखी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बड़ी सहजता से आंकाक्षा की मांग को स्वीकार करते हुये रैगांव में कॉलेज खोलने की घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा सरलता से मांग मान लिये जाने पर जिले की लाड़ली आंकाक्षा बेहद खुश और उत्साहित हुई।

आकांक्षा दाहिया सतना जिले के रैगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत धौरहरा गांव की निवासी है। वह शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धवारी में कक्षा 11वीं में अध्ययनरत है। आकांक्षा का कहना है कि उसे लाड़ली लक्ष्मी योजना की 3 छात्रवृत्तियां प्राप्त हो चुकी हैं। जिसका उपयोग उसने पढ़ाई मे किया है। आकांक्षा ने बताया कि वह भोपाल से आयोजित आनलाइन कैरियर काउंसलिंग में भी हिस्सा ले चुकी है। जिससे उसे डॉक्टर बनने की प्रेरणा मिली। आकांक्षा डॉक्टर बनकर गरीब और असहाय लोंगो की सेवा करना चाहती है। आकांक्षा ने बताया कि रैगांव में कॉलेज न होने से बालिकाओं को 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये सतना शहर या दूरस्थ अंचल के महाविद्यालयों में प्रवेश लेना पड़ता है। इस दौरान बालिकाओं को कई तरह की परेशानी और असुविधा का सामना करना पड़ता है। आस-पास कॉलेज न होने से कई बालिकायें उच्च शिक्षा से वंचित रह जाती है। आकांक्षा ने खुशी व्यक्त करते हुये कहा कि रैगांव में कॉलेज के खुल जाने से बालिकायें सहजता से उच्च शिक्षा ग्रहण कर अपना कैरियर बनाते हुये गांव, जिले तथा प्रदेश का नाम रोशन करेंगी।

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