M.P News:digi desk/BHN/ किसान आंदोलन के बीच शिवराज सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं खरीदने की तैयारी कर ली है। इसके लिए सोमवार से किसानों का पंजीयन किया जाएगा। हालांकि, अनाज रखने को लेकर इंतजाम करने में परेशानी सामने आ रही है। अभी गोदामों में सौ लाख टन से ज्यादा गेहूं और धान रखा हुआ है। सेंट्रल पूल में भारतीय खाद्य निगम को इसका उठाव करना है लेकिन अपेक्षाकृत गति धीमी है। इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्र सरकार से उठाव जल्द कराने की मांग की है ताकि धान के साथ नए गेहूं को सुरक्षित रखा जा सके।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद बंद होने की अफवाह के बीच प्रदेश में इस बार रिकॉर्ड चालीस लाख टन धान समर्थन मूल्य पर खरीदी गई है। मिलिंग की गति धीमी होने के कारण पिछले साल की छह लाख टन धान गोदामों में पहले से रखी हुई है। इसके पहले से गोदामों में गेहूं रखा हुआ है।
प्रदेश ने पिछले साल देश में समर्थन मूल्य पर सर्वाधिक 130 लाख टन गेहूं खरीदा था। सेंट्रल पूल में इसका उठाव होना है लेकिन गति अपेक्षाकृत धीमी है। पिछले सालों का गेहूं और धान मिलाकर भारतीय खाद्य निगम को करीब सौ लाख टन अनाज का उठाव करना है। जब तक गोदाम खाली नहीं हो जाते हैं, तब तक नया अनाज रखने के लिए जगह बनाना मुश्किल होगा।
खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस बार भी गेहूं की खरीद अच्छी होने की संभावना है क्योंकि समर्थन मूल्य 1,975 रुपये प्रति क्विंटल है। इस स्थिति को लेकर सरकार भी चिंतित है इसलिए मुख्यमंत्री ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्र सरकार से अनाज का उठाव सेंट्रल पूल में तेजी से कराने की मांग की थी। खाद्य, आपूर्ति निगम के अधिकारियों का कहना है कि 98 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बोवनी हुई है। वन पट्टाधारी और बटाईदार किसानों का पंजीयन ऑनलाइन की जगह पंजीयन केंद्रों पर ही होगा। इसका सत्यापन तहसीलदारों से कराया जाएगा।
सेंट्रल पूल में अब तक 52 लाख टन दिया गया गेहूं
निगम के प्रबंध संचालक अभिजीत अग्रवाल ने बताया कि सेंट्रल पूल में अब तक 52 लाख टन गेहूं दिया जा चुका है। किसी भी एक साल में सेंट्रल पूल में दी गई अनाज की मात्रा में यह सर्वाधिक है।