विशेष सम्पादकीय ऋषि पंडित (प्रधान संपादक ) देशवासी फिर से प्रत्येक वर्ष की भांति ‘असत्य पर सत्य’ की जीत का पर्व विजयादशमी मनाने के लिए तैयार हैं। तैयार हम हर साल होते हैं पर बस प्रतीकात्मक रावण के पुतले को फूंक कर पर्व की औपचारिकता निभा लेते हैं। हमारे अंदर …
Read More »संस्कृति में घुली भाषा की पराधीनता से आजाद हों तभी पूर्ण स्वाधीन होगा भारत
(विशेष संपादकीय) ऋषि पंडितप्रधान संपादक देश के स्वाधीनता दिवस का सूर्य अपनी प्रखर किरणों और पूरे दर्प के साथ एक बार फिर भारत की गौरवशाली माटी और समूचे भारवासियों की देहरी पर दस्तक देने के लिए तैयार है। 77वां स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाने के लिए पूरा देश आतुर है। अपनी …
Read More »रंगों का महापर्व होली सारी शिकायतों की ‘वर्जनाएं’ खत्म करने का संदेश
“विशेष संपादकीय” डॉ. रूपेश गर्ग(प्रबंध संपादक) रंगो का महापर्व होली महोत्सव हम सभी को ‘अनेकता’ से ‘एकता’ के रंग में रंगने के लिए एक बार पुनः हमारी देहरी पर है। यह इसी त्योहार की खासियत है कि बड़ा-छोटा, अमीर-गरीब की तमाम दीवारें कुछ देर के लिए ढह जाती हैं। कपड़ों …
Read More »राजनीति में शुचिता लाए बिना देश की प्रगति को गति नहीं मिल सकती
“विशेष संपादकीय” ऋषि पंडित (प्रधान संपादक ) हमारे राष्ट्र शिल्पियों ने शासन व्यवस्था चलाने के लिए संविधान लागू किया था। संविधान का आरंभ उद्देशिका से होता है। उद्देशिका में संविधान को लेकर कुछ आधारभूत स्थापनाओं के लिए भारतीय समाज की प्रतिश्रुति उल्लिखित हैं, जो संविधान का आधार बनकर उसके प्रयोग …
Read More »अंग्रेजों की ‘चिपकू संस्कृति’ के हम कब तक रहेंगे गुलाम…!
(विशेष संपादकीय) ऋषि पंडितप्रधान संपादक ‘अंग्रेजियत’ का नया वर्ष 2022 से निकल कर हमारे सामने 2023 में प्रवेश करने को तैयार है। रविवार को सूर्योदय की अरुणिमा नए संकल्पों और ‘बीती ताहि बिसार दे, आगे की पुनि सोच’ के साथ सारे भारत वासियों की देहरी पर है। हर साल की …
Read More »महंगाई के तमाचों के बीच कैसा “दीपोत्सव”..!
विशेष संपादकीय ऋषि पंडित(प्रधान संपादक) जी हाँ सवाल थोड़ा कड़वा लग सकता है, पर इसका उतर बीते कई वर्षों के बाद भी अनुत्तरित है। चौतरफा मंहगाई की मार झेल रहे देशवासियों के लिए दीपावली अब “उत्सव” नहीं, मनाने की सिर्फ औपचारिकता रह गयी है । चुनावी मंचों पर बड़े-बड़े बोल …
Read More »जो ‘रावण’ हम सबके मन से बाहर नहीं निकला उसका वध कैसे..!
“विशेष सम्पादकीय” समस्त एक बार देशवासी फिर से प्रत्येक वर्ष की भांति ‘असत्य पर सत्य’ की जीत का पर्व विजयादशमी मनाने के लिए तैयार हैं। तैयार हम हर साल होते हैं पर बस प्रतीकात्मक रावण के पुतले को फूंक कर पर्व की औपचारिकता निभा लेते हैं। हमारे अंदर जो ‘रावण’ …
Read More »Mothers Day 2022: मिलिये सुपरमॉम से, दो बच्चों की मां होकर CA बनी और अब चला रही TV कंपनी
Mothers Day 2022: digi desk: BHN/नई दिल्ली/ मां असल जिंदगी की सुपरहीरो होती हैं। वे हर चीज को बड़ी आसानी से मैनेज कर लेते हैं। घरेलू कामों के प्रबंधन से लेकर ब्रांड संभालने तक, माताएं शायद ही कभी स्वतंत्र होती हैं और हम इसके लिए उन्हें महत्व देते हैं। हर …
Read More »हिंदू नव वर्ष को हम भारतवासी ‘अपना’ माने तभी सनातन संस्कृति सार्थक होगी
“विशेष संपादकीय” नववर्ष के दिन प्रत्येक इंसान अपने आपको को उत्साहित, प्रफुल्लित व नई उर्जा से ओतप्रोत महसूस करता है। अधिकतर देशवासी 1 जनवरी को ही नववर्ष की शुरुआत मानते हैं लेकिन अपनी संस्कृति व इतिहास के प्रति हमारी उदासीनता के चलते यह सत्य नहीं है। 1 जनवरी से …
Read More »Lata Mangeshkar : जब नौशाद ने बाथरूम में गवाया था लता जी से गाना, लोगों के बीच मचाई थी धूम
Lata mangeshkar passes away when naushad record a song sung by lata in the bathroom:digi desk/BHN/नई दिल्ली/ अपनी आवाज के माध्यम से देश और विदेशों में सुर्खियां बटोरने वाली भारत की स्वर कोकिला लता मंगेशकर का रविवार सुबह निधन हो गया। कोरोना पाजीटिव पाए जाने के बाद उन्हें 8 जनवरी को …
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