सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ भारत सरकार द्वारा उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 की धारा-22 में प्रदत्त शक्तियों के अनुसार उभयलिंगी व्यक्तियों को सुरक्षा, उनके अधिकारों का संरक्षण एवं कल्याण हेतु कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अनुराग वर्मा द्वारा जिला स्तरीय उभयलिंगी कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है। कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष कलेक्टर सतना होंगे।
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेशानुसार उभयलिंगी कल्याण बोर्ड में पुलिस अधीक्षक, मुख्य कार्यपालान अधिकारी जिला पंचायत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, समस्त नगरीय निकाय, प्रबंध जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, प्राचार्य शासकीय छत्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जिला कार्यक्रय अधिकारी महिला एवं बाल विकास, लीड बैंक मैनेजर, सहायक संचालक वित्त, परियोजना अधिकारी शहरी अभिकरण, सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, जिला रोजगार अधिकारी, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण, सहायक श्रम अधिकारी, जिला आपूर्ति नियंत्रक अधिकारी खाद्य, जिला जन सम्पर्क अधिकारी, उभयलिंगी समुदाय के चार प्रतिनिधि सदस्य, उभयलिंगी समुदाय के कल्याण हेतु कार्यरत दो समाज सेवी को सदस्य तथा उप संचालक सामाजिक न्याय दिव्यांगजन सशक्तीकरण सतना को सदस्य, सचिव बनाया गया है। यह समिति उभयलिंगी व्यक्तियों को सुरक्षा एवं उनके अधिकारों का संरक्षण एवं कल्याण हेतु उत्तरदायी होगी।
दिव्यांगजन को स्व-रोजगार द्वारा आत्म-निर्भर बनाया जाएगा
दिव्यांगजनों को विभिन्न विभागों में स्व-रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा। दिव्यांगों के लिए स्थान आरक्षित होंगे दिव्यांगजनों में प्रतिभा की कमी नहीं होती। दिव्यांगजनों को आत्म-निर्भर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। दिव्यांगजनों को स्व-रोजगार के लिए विशेष प्रावधान कर सुलभ ऋण उपलब्ध कराने और प्रशिक्षण अभियान चलाने की योजना है। विभिन्न खेल में प्रतिभाशाली दिव्यांगजन को प्रोत्साहित किया जाएगा। पैराओलिम्पिक में कुछ ही खेलों को मान्यता है। दिव्यांगजनों के लिए अन्य खेलों में भी मान्यता दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। ब्लाइन्ड क्रिकेट, व्हील चेयर रेस, हैण्ड रेसलिंग आदि में काफी खेल प्रतिमाएँ रूचि ले रही हैं। खेल विभाग के सहयोग से इन सुविधाओं का विस्तार करने की योजना बनाई जाएगी, जिनमें अन्य राज्यों के खिलाड़ी भी प्रवेश ले सकेंगे। दिव्यांगों का यूडीआईडी बनाने में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है। यूडीआईडी कार्ड होल्डर दिव्यांग देश-विदेश में कहीं भी उन्हें मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।