विशेष संपादकीय ऋषि पंडित (प्रधान संपादक ) भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम, जिन्होंने त्रेता युग में रावण का संहार करने के लिए धरती पर अवतार लिया। कौशल्या नंदन प्रभु श्री राम अपने भाई लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न से एक समान प्रेम करते थे। उन्होंने …
Read More »शक्ति की आराधना से करें इस नवसंवत्सर का आरंभ
विशेष संपादकीय ऋषि पंडित (प्रधान संपादक ) 22 मार्च यानि बुधवार का दिन हम सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन जहाँ 110 साल बाद अद्भुत और अनूठे संयोग में चैत्रनवरात्रि यानि शक्ति स्वरूपा माँ भगवती की साधना का पर्व शुरू हो रहा है तो वहीँ हिन्दू नवसंवत्सर 2080 …
Read More »राजनीति में शुचिता लाए बिना देश की प्रगति को गति नहीं मिल सकती
“विशेष संपादकीय” ऋषि पंडित (प्रधान संपादक ) हमारे राष्ट्र शिल्पियों ने शासन व्यवस्था चलाने के लिए संविधान लागू किया था। संविधान का आरंभ उद्देशिका से होता है। उद्देशिका में संविधान को लेकर कुछ आधारभूत स्थापनाओं के लिए भारतीय समाज की प्रतिश्रुति उल्लिखित हैं, जो संविधान का आधार बनकर उसके प्रयोग …
Read More »अंग्रेजों की ‘चिपकू संस्कृति’ के हम कब तक रहेंगे गुलाम…!
(विशेष संपादकीय) ऋषि पंडितप्रधान संपादक ‘अंग्रेजियत’ का नया वर्ष 2022 से निकल कर हमारे सामने 2023 में प्रवेश करने को तैयार है। रविवार को सूर्योदय की अरुणिमा नए संकल्पों और ‘बीती ताहि बिसार दे, आगे की पुनि सोच’ के साथ सारे भारत वासियों की देहरी पर है। हर साल की …
Read More »महंगाई के तमाचों के बीच कैसा “दीपोत्सव”..!
विशेष संपादकीय ऋषि पंडित(प्रधान संपादक) जी हाँ सवाल थोड़ा कड़वा लग सकता है, पर इसका उतर बीते कई वर्षों के बाद भी अनुत्तरित है। चौतरफा मंहगाई की मार झेल रहे देशवासियों के लिए दीपावली अब “उत्सव” नहीं, मनाने की सिर्फ औपचारिकता रह गयी है । चुनावी मंचों पर बड़े-बड़े बोल …
Read More »जो ‘रावण’ हम सबके मन से बाहर नहीं निकला उसका वध कैसे..!
“विशेष सम्पादकीय” समस्त एक बार देशवासी फिर से प्रत्येक वर्ष की भांति ‘असत्य पर सत्य’ की जीत का पर्व विजयादशमी मनाने के लिए तैयार हैं। तैयार हम हर साल होते हैं पर बस प्रतीकात्मक रावण के पुतले को फूंक कर पर्व की औपचारिकता निभा लेते हैं। हमारे अंदर जो ‘रावण’ …
Read More »“हर घर तिरंगा नहीं”, हर “दिल” तिरंगा होना चाहिए
विशेष संपादकीय 15 अगस्त 2022 को भारत अपना 76वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। यह स्वतंत्रता दिवस इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है क्यूंकि देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं और सर्वधर्म सम्मान एवं अनोखी संस्कृतियों से परिपूर्ण हमारा भारत विकास की अनंत संभावनाओं को लेकर …
Read More »कम खर्च में त्योहार मनाने की परंपरा शुरू करने की जरूरत, ताकि गरीब भी मुस्कुरा सकें
विशेष संपादकीय जी हां, एक बार फिर दीप पर्व हमारी ‘देहरी’ पर हैं अमावस की उस ‘स्याह रात’ का अंधेरा दूर भगाने के लिए जिससे हर कोई अपने जीवन से दूर रखना चाहता है, फिर चाहे वह अमीर हो गया गरीब। देश में इस अमीर-गरीब की खाई ने त्योहार मनाने …
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