सतना, भास्कर हिंदी न्यूज। जिले के मुकुंदपुर टाइगर सफारी में बीते दिन एक और टाइगर की मौत हो गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नकुल नामक टाइगर की मौत को सफारी प्रबंधन फिलहाल दबाने की कोशिश में जुटा हुआ है। सफेद शेरों के लिए समूची दुनिया में मशहूर मुकुंदपुर टाइगर सफारी बीते कई महीनों से शेरों की कब्रगाह बनता जा रहा है।
हैरानी की बात यह है कि जब भी टाइगर की मौत होती है तब जोर-शोर से जांच पड़ताल के दावे किये जाते हैं लेकिन समय बीतने के साथ-साथ शेरों की मौत का मामला सिर्फ फाइलों तक सिमट कर रह जाता है।
नये वर्ष के मौके पर मुकुंदपुर सफारी घूमने पहुंचे पर्यटकों को टाइगर की मौत की खबर सकते में डालने वाली है। सूत्रों के मुताबिक टाइगर नकुल की मौत पर पर्दा डालने की पूरी कोशिश प्रबंधन द्वारा की जा रही है।
बताया जा रहा है कि सफारी की शान रहे नकुल की मौत 31 दिसंबर की सुबह ही हो गई थी लेकिन प्रबंधन ने इसका खुलासा नहीं किया। नकुल की मौत का कारण भी फिलवक्त अज्ञात है।
कौन था नकुल
नकुल नाम का टाइगर मुकुंदपुर सफारी चिड़ियाघर की शान माना जाता है। यह तब चर्चा में आया था जब इसने मेटिंग के दौरान राधा नामक शेरनी की जान ले ली थी। सूत्रों के मुताबिक सफारी में दो और टाइगर मरणासन्न स्थिति में हैं। इनमें से एक सफेद मादा बाघ तथा एक एलो बाघ शामिल है।
सफारी में आये दिन हो रही टाइगर की मौत से सफारी प्रबंधन पर कई सवाल उठने लगे हैं। लोगों का कहना है कि सफेद शेरों के लिए मशहूर मुकुंदपुर सफारी में शेरों की देखभाल ढंग से नहीं की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि देखभाल तो दूर उन्हें पर्याप्त भोजन भी नहीं दिया जा रहा है।