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Rajkot AIIMS: राजकोट को एम्स की सौगात, PM मोदी ने कोरोना वारियर्स को किया नमन

Rajkot Aims:digi desk/BHN/प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज साल के आखिरी दिन गुजरात को एक बड़ी सौगात देते हुए राजकोट शहर में एम्स की आधारशिला रखी। वीडिया कॉन्फेंसिंग के जरिए आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की आधारशिला रखी है। इस ऑनलाइन कार्यक्रम में गुजरात के राज्यपाल, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ, हर्षवर्धन भी मौजदू रहे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2020 पूरी दुनिया के लिए स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं की चुनौतियों से भरा रहा। साल 2020 हमें सबक देकर गया है कि स्‍वास्‍थ्‍य ही संपदा है। पीएम मोदी ने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य पर जब चोट होती है तो जीवन का हर पहलू प्रभावित होता है, इस कारण पूरा सामाजिक दायरा उसकी चपेट में आ जाता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नया साल दस्तक दे रहा है। आज देश के मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने वाली एक और कड़ी जुड़ रही है। राजकोट में एम्स के शिलान्यास से गुजरात सहित पूरे देश के स्वास्थ्य और मेडिकल एजुकेशन को बल मिलेगा। साल 2020 को एक नई नेशनल हेल्थ फेसिलिटी के साथ विदाई देना, इस साल की चुनौती को भी बताता है और नए साल की प्राथमिकता को भी दर्शाता है।

स्वास्थ्य पर जब चोट होती है तो जीवन का हर पहलू बुरी तरह प्रभावित होता है और सिर्फ परिवार नहीं पूरा सामाजिक दायरा उसकी चपेट में आ जाता है, इसलिए साल का ये अंतिम दिन भारत के लाखों डॉक्टर्स, हेल्थ वॉरियर्स, सफाई कर्मियों, दवा दुकानों में काम करने वाले, और दूसरे फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स को याद करने का है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कर्तव्य पथ पर जिन साथियों ने अपना जीवन दे दिया है, उन्हें मैं सादर नमन करता हूं। मुश्किल भरे इस साल ने दिखाया है कि भारत जब एकजुट होता है तो मुश्किल से मुश्किल संकट का सामना वो कितने प्रभावी तरीके से कर सकता है।

भारत ने एकजुटता के साथ समय पर प्रभावी कदम उठाए, उसी का परिणाम है कि आज हम बहुत बेहतर स्थिति में हैं, जिस देश में 130 करोड़ से ज्यादा लोग हों, घनी आबादी हों। वहां करीब 1 करोड़ लोग इस बीमारी से लड़कर जीत चुके हैं। साल 2020 में संक्रमण की निराशा थी, चिंताएं थी, चारों तरफ सवालिया निशान थे। लेकिन 2021 इलाज की आशा लेकर आ रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैक्सीन को लेकर भारत में हर जरूरी तैयारियां चल रही हैं। बीते दो दशकों में गुजरात में जिस प्रकार का मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हुआ है, वो बड़ी वजह है कि गुजरात कोरोना की चुनौती से बेहतर तरीके से निपट पा रहा है। एम्स राजकोट, गुजरात के हेल्थ नेटवर्क को और भी सशक्त करेगा, मजबूत करेगा।

मेडिकल सेक्टर में गुजरात की सफलता के पीछे 2 दशकों का अनवरत प्रयास है, समर्पण और संकल्प है। बीते 6 सालों में इलाज और मेडिकल एजुकेशन को लेकर जिस स्केल पर काम हुआ है, उसका निश्चित लाभ गुजरात को भी मिल रहा है। आजादी के इतने दशकों बाद भी सिर्फ 6 एम्स ही बन पाए थे।

2003 में अटल जी की सरकार ने 6 नए एम्स बनाने के लिए कदम उठाए थे। उन्हें बनाते बनाते 2012 आ गया था, यानी 9 साल लग गए थे। बीते 6 वर्षों में 10 नए एम्स बनाने पर काम हो चुका है। जिनमें से कई आज पूरी तरह काम शुरू कर चुके हैं। एम्स के साथ ही देश में 20 एम्स जैसे सुपर स्पैशिलिटी हॉल्पिटल्स पर भी काम किया जा रहा।

 

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