Tuesday , September 17 2024
Breaking News

छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों ने ट्रेन के टॉयलेट के पास बैठकर तय किया सफर

रायपुर.

इन दिनों सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें ट्रैकसूट पहने कुछ बच्चियां ट्रेन के वॉशरूम के पास बैठकर सफर करती हुई दिखाई दे रही हैं। दर असल वीडियो छत्तीसगढ़ की जिम्नास्टिक प्लेयर का बताया जा रहा है। यह उस वक्त का वीडियो है जब यह सभी प्लेयर्स दिल्ली से छत्तीसगढ़ वापस लौट रही थी। बताया जा रहा है कि दिल्ली में नेशनल जिम्नास्टिक खेल के तहत राष्ट्रीय शालेय क्रीडा प्रतियोगिता का आयोजन रखा गया था। जिसमें छत्तीसगढ़ से 51 खिलाड़ी अलग-अलग जिलों से हिस्सा लिए थे। जिन्हें दिल्ली से वापस रायपुर आने के लिए रिजर्वेशन नहीं मिल पाया। जिसके कारण यह सभी प्लेयर ट्रेन के वॉशरूम के बाहर बैठकर पूरा सफर तय की है।

राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को नहीं मिला रिजर्वेशन
बताया जा रहा है कि दिल्ली में 18 दिसंबर से 23 दिसंबर तक 67वीं राष्ट्रीय शालेय क्रीडा प्रतियोगिता का आयोजन रखा गया था। जिसमें शामिल होने पूरे छत्तीसगढ़ से 51 खिलाड़ी पहुंचे हुए थे। इनमें पेंड्रा जिले से जिम्नास्टिक के 13 बच्चे दिल्ली गए हुए थे।‌ प्रतियोगिता समाप्त होने के बाद यह सभी 51 खिलाड़ी 22 दिसंबर को दिल्ली से संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से वापस छत्तीसगढ़ आ रहे थे।‌ यह सभी राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं जिनका स्लीपर कोच में रिजर्वेशन करवाया गया था।‌ लेकिन समस्या यह रही कि वह रिजर्वेशन कंफर्म नहीं हो पाया। इसके बाद उन्हें ट्रेन में बैठने की भी जगह नहीं मिली और मजबूरन उन्हें वॉशरूम के पास इतने लंबे सफर को बैठकर तय करना पड़ा है। बच्चों की अगर मन तो यह पूरी जवाबदारी टीम मैनेजर की होती है। हालांकि उनकी ओर से समय रहते टिकट की सही व्यवस्था नहीं की गई थी। और यही वजह थी कि यह सभी राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को दिल्ली से छत्तीसगढ़ ट्रेन की फर्श में बैठकर यात्रा पूरी करनी पड़ी है। बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। इसके बाद बच्चों ने मीडिया के सामने आकर अपनी पीड़ा भी बताई है।

खेल के प्रति कम होगा बच्चों का मनोबल
बच्चों को खेल के प्रति जागरूक करने की बातें सामने आती हैं। सरकार कई तरह के आयोजन और योजनाओं से बच्चों को आगे बढ़ाने की कोशिश करती है। लेकिन जब राज्य से बाहर खिलाड़ी पहुंचते हैं तो उन्हें कुछ उस तरह की समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। कहीं ना कहीं यह वीडियो छत्तीसगढ़ के खेल विभाग की पोल खोलने का भी काम कर रहा है।‌ किस तरह से बच्चे खेल के तरफ आगे बढ़ते हैं लेकिन उन्हें वह सुविधा नहीं मिल पाती, जिससे उनका मनोबल और कम होने लगता है। इस वीडियो के सामने आने के बाद अभी तक किसी भी जवाबदारी व्यक्ति का बयान सामने नहीं आया है।

About rishi pandit

Check Also

Crime: मेरी नहीं तो किसी की नहीं..! शादीशुदा युवक ने एक तरफा प्यार में रेता युवती का गला, खुद तालाब में कूदा

मरीन ड्राइव के पास विवाद के बाद उसने हमला कियाहमला कर खुदकुशी की कोशिश में …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *