पटना
बिहार में सरकारी अस्पतालों की छवि इतनी खराब हो गयी है कि आम लोग भी मजबूरी में ही इलाज कराने जाते हैं। जिसकी थोड़ी बहुत हैसियत हो वह प्राइवेट नर्सिंग होम या डॉक्टर की राह पकड़ लेता है। वीआईपी और खास लोग तो सर्टिफिकेट बनवाने या अनिवार्य होने पर सरकारी अस्पताल पहुंचते हैं। लेकिन कैमूर के डीएम ने अलग मिशाल पेश किया है।
सरकारी अस्पताल के प्रति आमजनों का विश्वास बढ़ाने और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए डीएम सावन कुमार ने अपनी पत्नी बबली आनंद का सदर अस्पताल में प्रसव कराया। जब डीएम सदर अस्पताल पहुंचे तो मरीज से लेकर डॉक्टर तक हैरान रह गए। डीएम साहब की पत्नी को बच्चा सर्जरी से हुआ। सदर अस्पताल के ओटी में डॉ. किरण सिंह, डॉ. मधु यादव, डॉ. अर्चना द्विवेदी, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. महताब आलम, मूर्छक डॉ. अरविंद कुमार, स्टॉफ शिव शंकर, अशोक कुमार, अनीता कनौजिया, सुषमा कुमारी की टीम ने सिजेरियन ऑपरेशन कर प्रसव कराया।
उन्हें मंगलवार की सुबह 7.30 बजे सदर अस्पताल में भर्ती किया गया। सुबह 8.38 बजे 3 किलो 800 ग्राम वजन के बच्चे ने जन्म लिया। इस दौरान सदर अस्पताल में डीएम के अलावा डीएस डॉ. विनोद कुमार सिंह, डीपीएम ऋषिकेश जायसवाल, अस्पताल प्रबंधक शैलेन्द्र कुमार भी थे।
डीएम सावन कुमार ने कहा कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और सरकारी अस्पतालों को ले आमजनों के मन बैठे भ्रम को दूर करने के लिए उन्होंने अपनी पत्नी का सिजेरियन ऑपरेशन से सदर अस्पताल में प्रसव कराया है। उनका कहना था कि लोग यह सोंचते हैं कि वरीय अधिकारी सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं कराते हैं। क्योंकि यहां की व्यवस्था ठीक नहीं होती। लेकिन, डीएम ने पत्नी का प्रसव सरकारी अस्पताल में कराकर ऐसी सोंच रखने वालों को संदेश दिया कि यहां सब कुछ ठीक है, आप अपने घर की महिलाओं का संस्थागत प्रसव करा सकते हैं।
डीएम की पत्नी और बेटे को अभी निगरानी में में रखा गया है। सर्जरी के बाद बच्चा एसएनसीयु और मां आइसीयू में हैं। डॉक्टरों का कहना है कि जच्चा बच्चा अभी देखरेख में हैं। जब पूरी तरह से ठीक हो जायेंगे तो उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। डीएम सावन कुमार ने सफल प्रसव के लिए डॉक्टरों की टाम को धन्यवाद दिया।