सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2023 की अंतिम नेशनल लोक अदालत का आयोजन 9 दिसम्बर शनिवार को उच्च न्यायालय स्तर से लेकर जिला न्यायालयों, तालुका न्यायालयों, श्रम न्यायालयों, कुटुम्ब न्यायालयों में किया जायेगा। नेशनल लोक अदालत में न्यायालयीन लंबित दीवानी एवं आपराधिक शमनीय मामलों एवं बैंक, विद्युत, श्रम, जलकर संपत्तिकर आदि प्री-लिटिगेशन प्रकरणों सहित सभी प्रकार के मामले निराकरण के लिये रखे जायेंगे। इसके साथ ही चेक अनादरण के मामले, विद्युत अधिनियम, मोटर दुर्घटना, ब्याज, अधिभार एवं सिविल दायित्वों में छूट संबंधी प्रकरणों का आपसी सौहार्द पूर्ण निराकरण किया जायेगा।
प्रधान जिला न्यायाधीश करेंगे शुभारंभ
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार वर्ष 2023 की अंतिम और चौथी नेशनल लोक अदालत 9 दिसंबर को जिला स्तर और तहसील स्तर पर आयोजित की जायेगी। सतना जिले में नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ एडीआर भवन सतना के सभागार में प्रातः 10ः30 बजे प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अजय श्रीवास्तव करेंगे।
प्रचार रथ को दिखाई हरी झंडी
जिले में नेशनल लोक अदालत आयोजन के संबंध में शुक्रवार को एडीआर भवन के परिसर से प्रधान जिला न्यायाधीश अजय श्रीवास्तव ने हरी झंडी दिखाकर प्रचार रथ रवाना किया। यह प्रचार रथ सतना शहर के विभिन्न वार्डों का भ्रमण कर 9 दिसंबर को लोक अदालत में प्रकरणों में मिलने वाली छूट से शहरवासियों के बीच प्रचारित करेगा। साथ ही लोक अदालत के उद्देश्यों और उसके लाभों के बारे में आमजन को जागरुक करेगा। इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश एससी राय, रजिस्ट्रार विश्वदीपक तिवारी सहित महाविद्यालयीन छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे।
46 खंडपीठ का गठन
प्रधान जिला न्यायाधीश अजय श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में 9 दिसंबर को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत के लिये 46 खंडपीठ का गठन किया गया है। जिसमें लंबित प्रकृति के 8 हजार से अधिक एवं प्रिलिटिगेशन के 6 हजार से अधिक प्रकरण रखे जायेंगे। इसके साथ ही विशेष मामलों के निराकरण के लिये विशेष खंडपीठ गठित की गई है। प्रधान जिला न्यायाधीश ने पक्षकारों एवं आम लोगो से लोक अदालत में उत्साह के साथ शामिल होने की अपील भी की है। उन्होनें समस्त राजीनामा योग्य प्रकरणों में उपस्थित होकर और भाग लेकर प्रकरणों के निराकरण कराने की भी अपील की है। विशेष रूप से 138 निगोशिएबल इन्स्ट्रूमेंट एक्ट (138 एनआईए) के मामलों में राजीनामा कर आपसी सद्भाव एवं सौहार्द्र बढ़ाए जाने की अपेक्षा की है।
इसी प्रकार विद्युत के मामलों में संबंधित सभी पक्षकारों से अपील की है कि वे बकाया बिजली बिल एवं लंबित बिजली प्रकरणों में उपस्थित होकर उपयोग की गई बिजली के बिल की राशि जमा करें ताकि उनकी आर्थिक बचत हो और उर्जा विभाग, उर्जा का वितरण उचित रूप से कर अधिक से अधिक लोगों को बिजली आपूर्ति कर सके। जिससे आमजन का जीवन सुविधा पूर्ण हो सके। उन्होंनें ब्याज, अधिभार एवं सिविल दायित्वों में दी गई छूट का भरपूर लाभ उठानें, और राष्ट्र की प्रगति में सहयोग करने की अपील की है। उनके द्वारा यह भी अपील की गई है कि मोटर दुर्घटना के प्रकरणों में शीघ्रता से क्षतिपूर्ति प्राप्त करने और क्षतिपूर्ति अदा करने में सहयोग करें ताकि पीड़ित व्यक्ति को समय पर सहायता मिल सके।
नियमानुसार मिलेगी छूट
नेशनल लोक अदालत में बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरण को समझौते के माध्यम से निराकृत किया जाएगा। विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत अधिनियम 2003 धारा 126 एवं 135 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए विद्युत उपभोक्ताओं एवं उपयोगकर्ताओं से अपील की गई है कि वे अप्रिय कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए अदालत में समझौता करने के लिए संबंधित बिजली कार्यालय से संपर्क करें।
नेशनल लोक अदालत में धारा 126 एवं 135 के अंतर्गत अदालत में लंबित प्रकरणों का निराकरण के लिये निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को प्रकरणों में ही छूट दी जाएगी।
प्रि-लिटिगेशन स्तर पर-कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्ये क छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
लिटिगेशन स्तर पर – कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छःमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी।
आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष बिल आंकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा। उपभोक्ता/उपयोगकर्ता को विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन/संयोजनों के विरूद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा। आवेदक के नाम पर कोई वैध कनेक्शन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक द्वारा वैध कनेक्शन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित कनेक्शनों के विरूद्ध बकाया राशि (यदि कोई हो) का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा। नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी/अनधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही दी जाएगी। विद्युत चोरी/अनधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत/अदालतों में छूट प्राप्त किये उपभोक्ता/उपयोगकर्ता छूट के पात्र नहीं होंगे। सामान्य बिजली बिलों में जुड़ी बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जाएगी। नेशनल लोक अदालत में दी जा रही छूट आकलित सिविल दायित्वअ राशि 50 हजार रुपये तक के प्रकरणों के लिए सीमित रहेगी। यह छूट मात्र नेशनल ‘‘लोक अदालत‘‘ 9 दिसम्बर 2023 (शनिवार) को समझौते करने के लिये ही लागू रहेगी।