Madhya pradesh balaghat double blind murder in balaghat exposed relatives were murdered out of greed: digi desk/BHN/बालाघाट/ एक नवंबर, बुधवार की शाम करीब छह बजे स्टेशन रोड मार्ग पर बुजुर्ग मां-बेटी की हत्या की खबर ने पूरे शहर को हिला दिया था। कातिल कौन है और उसने दो निर्मम हत्याएं क्यों की, ये आम लोगों के साथ पुलिस के लिए भी पहेली बन गई थी, लेकिन पुलिस ने 48 घंटे में इस दोहरे अंधे हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए आरोपित को धरदबोचा है।
आरोपित मृतकाओं का रिश्तेदार है, जिसने पैसों के लालच में अपनी नानी और मौसी को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। इस खुलासे में सीसीटीवी कैमरे के फुटेज अहम रहे, जिनके आधार पर पुलिस के हाथ आरोपित की गर्दन तक पहुंच सके। वहीं, पुलिस अधीक्षक द्वारा गठित एसआईटी व पुलिस बल की दिन-रात गहन जांच ने आरोपित तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाई।
शनिवार को पुलिस कंट्रोल रूम में वार्ता में पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने बताया कि आरोपित संतोष पिता रामचरण लिल्हारे निवासी ग्राम नैतरा थाना ग्रामीण ने पूछताछ में अपना जुर्म कबूल किया है और आरोपित ने पैसों के लालच में हत्याकांड को अंजाम दिया है।
हत्यारे तक ऐसे पहुंचे पुलिस के हाथ
चंद्रावंती पति सकरिया महाजन अपनी बेटी फुलवंता पति बुलाकी सुलाखे लगभग 30 साल से वार्ड क्रमांक-29 रेलवे स्टेशन रोड मार्ग पर एक मकान के सर्वेंट क्वार्टर में रहकर घर की देखरेख करते थे। एक नवंबर की शाम एक कमरे में दोनों के खून से लथपथ शव मिले। सनसनी फैलाने वाले इस अंधे हत्याकांड को पुलिस ने चुनौती की तरह लिया और जांच शुरू की। विशेष जांच दल के साथ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, नगर पुलिस अधीक्षक, कोतवाली, थाना ग्रामीण व थाना भरवेली का पुलिस बल मामले की तह तक जाने में जुटा रहा।
हत्या के दूसरे दिन पुलिस ने गोंदिया रोड तथा रेलवे स्टेशन रोड की दिशा में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए। सुबह से रात तक इन मार्गाें से गुजरने वाले लाेग व वाहनों को बारीकी से जांचा गया। तभी फुटेज में चंद्रावंती का नाती और फुलवंता का बहन बेटा संतोष लिल्हारे मृतक रिश्तेदार के घर दोपहर पौने तीन बजे आते और करीब चार बजे घर से जाते हुए देखा गया।
घटनास्थल के आसपास रहने वाले लोगों द्वारा पुलिस को बताया गया था कि उन्होंने इसी समय के अंतराल में घर से एक महिला की चिल्लाने की आवाज सुनी थी। सीसीटीवी फुटेज में संतोष को उसी समय घर आते-जाते दिखना और पड़ाेसियों का दिया बयान मेल खाते दिखे। इसके बाद पुलिस ने संतोष को हिरासत में लिया और विस्तृत पूछताछ की, जिसमें उसने पैसों के लालच में नानी व मौसी की हत्या करना कबूल किया।
हत्यारे ने ऐसे दिया हत्याकांड को अंजाम
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि संतोष को लगता था कि उसकी मौसी फुलवंता के पास काफी पैसे हैं। क्योंकि इसी साल फुलवंता के बेटे राजेश सुलाखे का विवाह हुआ था और संतोष को अनुमान था कि शादी में मिले जेवर व नकदी घर में रखे हैं। संतोष बढ़ई का काम करता है। चंद्रावंती ने संतोष को कुछ दिन पहले एक दरवाजे की साकड़ सुधारने के कहा था। वह बुधवार को अपने दो पहिया वाहन से चोरी करने की नियत से पहुंचा था।
उसकी गाड़ी में पीछे एक थैले में लकड़ी काटने-छीलने के औजार थे। नशे में धुत संतोष जब घर पहुंचा तक नानी चंद्रावंती अकेली थी। उसने हथौड़े से नानी के सिर पर वार कर हत्या कर दी। इससे पहले कि संतोष फरार होता, तभी उसकी मौसी फुलवंता अपने गांव नैतरा से घर आ गई। फुलवंता ने संतोष से मां कहां है, पूछा।
संतोष ने बताया कि मां कमरे में है। जैसे ही फुलवंता अपनी मां के पास पहुंची, संताेष ने पीछे से उसके सिर पर भी हथौड़े से वार कर हत्या कर दी। दो हत्या करने के बाद भी संतोष ने घर में रखी एक सोने की चेन और करीब 800 रुपये चुनाए और फरार हो गया। पुलिस ने बताया कि संतोष को यह भी शक था कि उसकी नानी व मौसी के घर में गड़ा धन है। अंधविश्वास और कुछ पैसों के लालच में उसने रिश्तों का कत्ल कर दिया।
हत्या के बाद भीड़ का हिस्सा बन गया आरोपित
हत्या करने के बाद संतोष नैतरा अपने गांव गया और कपड़े व हथौड़े में लगे खून के दाग को धोया। इसके बाद वह दोबारा उस समय उसी घर पहुंच गया, जहां उसने अपनी ही नानी व मौसी को मौत के घाट उतारा था। हत्या की खबर लगते ही घर में पुलिस और मीडिया सहित आसपास के लोग पहुंच गए।
घर के सामने लगी भीड़ का संतोष भी हिस्सा बन गया। उसकी ये चाल पुलिस को गुमराह करने की थी। इस समय भी वह नशे में धुत था और भारी बल व पुलिस अधिकारी की मौजूदगी में तेज आवाज में फोन पर बात कर रहा था।
इस दौरान उसे कुछ पुलिस अफसरों ने शोर न मचाने के लिए भी कहा, लेकिन इसका संतोष पर कोई असर नहीं हुआ, लेकिन संतोष की करतूत सीसीटीवी फुटेज के जरिए महज 48 घंटे में सामने आ गई।