सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ सतना मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार तक चली नामांकन प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद मंगलवार को नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा (स्क्रूटनी) का काम भी पूरा हो गया। सतना जिले की 7 विधानसभा सीटों से अभ्यर्थिता प्रस्तुत करने वालों के नामांकन पत्र संवीक्षा में वैध न पाए जाने पर खारिज कर दिए गए। जिले के चुनावी मैदान में फिलहाल 147 प्रत्याशी बचे हैं। बता दें कि कुल 155 उम्मीदवारों ने चुनाव लडऩे के लिए नामांकन भरा था। सतना के सभी सात विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर ने अपने अपने कक्ष में मंगलवार को नाम निर्देशन पत्र की संविक्षा की रिटर्निंग ऑफिसर चित्रकूट, रैगांव, सतना, नागौद, मैहर, अमरपाटन, रामपुर बघेलान ने बकायदा उद्घोषणा कर नामांकन दाखिल करने वाले अभ्यर्थियों की उपस्थिति में नामांकन पत्रों की जांच की और अपेक्षित वैधानिक प्रक्रिया पूरी न पाई जाने पर संबंधितों के पर्चे निरस्त कर दिए। इस मौके पर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त संबंधित विधानसभा क्षेत्र के सामान्य प्रेक्षक भी मौजूद रहे।
सतना में उतरे थे 36 प्रत्याशी
स्क्रूटनी के बाद सतना जिले की 7 सीटों पर अब 147 प्रत्याशी मैदान में बचे हैं। इन सीटों पर 155 प्रत्याशियों ने 196 पर्चे दाखिल किए थे। सबसे अधिक 36 प्रत्याशी सतना सीट पर उतरे थे जिनमें से एक का पर्चा रिजेक्ट हो गया। इसी तरह रैगांव के 19 में से 3, नागौद में 16 में से 1, मैहर में 22 में से 1, चित्रकूट में 19 में से एक और रामपुर में 22 में से 2 अभ्यर्थियों के नाम निर्देशन पत्र निरस्त हुए हैं। अमरपाटन सीट से सभी 21 पर्चे वैध पाए गए हैं। अब लोगों की निगाहें नाम वापसी की अंतिम तारीख पर हैं।
गगनेन्द्र के पर्चे में नहीं था शपथ पत्र
भाजपा से बगावत कर चुनावी मैदान में ताल ठोंकने का दावा करते रहे पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष गगनेन्द्र सिंह ने नाराजगी दिखाते हुए नागौद सीट से नामांकन तो दाखिल किया था लेकिन शपथ पत्र संलग्न नहीं किया था। स्क्रूटनी के दौरान उनका नाम निर्देशन पत्र अपूर्ण और अवैध पाया गया लिहाजा निरस्त कर दिया गया। हालांकि गगनेन्द्र ने पर्चा भरने के बाद चुनाव न लडऩे का ऐलान कर दिया था। सतना सीट से निर्दलीय पर्चा भरने वाली सुनीता मिश्रा ने अपने नाम निर्देशन पत्र पर नोटरी से दस्तखत नहीं कराए थे। जिसके कारण उनका विधानसभा चुनाव लडऩे और विधायक बनने का सपना टूट गया।
रैगांव से 3 पर्चे रिजेक्ट
सबसे ज्यादा तीन पर्चे रैगांव विधानसभा से उम्मीदवारों के खारिज हुए है। मोहित गुर्जर तो डमी प्रत्याशी थे लिहाजा उनका पर्चा तो खारिज हुआ ही प्रस्तावकों की कमी के कारण सतेंद्र बागरी का नामांकन भी रद्द कर दिया गया। इसके अलावा छेदीलाल प्रजापति का नाम निर्देशन पत्र भी इसलिए खारिज कर दिया गया क्योंकि छेदीलाल ने जाति प्रमाण पत्र और बैंक खाता तो नहीं ही दिया था, निक्षेप राशि की रसीद भी प्रस्तुत नहीं की थी।
बिना प्रस्तावक आए थे चुनाव लडऩे
मैहर से डमी कैंडिडेट आकांक्षा कुशवाहा और रामपुर से अनिल प्रताप सिंह का नामांकन निरस्त हुआ है जबकि रामपुर से ही रामानंद सिंह का नाम निर्देशन पत्र भी खारिज हो गया है। रामानंद के पास प्रस्तावक ही नहीं थे। यही स्थिति चित्रकूट के संतोष यादव की भी थी। संतोष भी बिना प्रस्तावकों के ही विधानसभा चुनाव लडऩे आए थे।
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