- सीवियर एनीमिया प्रबंधन में उचेहरा को छोड़ सभी बीएमओ को नोटिस
- कलेक्टर ने की स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ कलेक्टर अनुराग वर्मा ने गुरूवार को स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान आरसीएच पोर्टल पर गर्भवती महिलाओं के पंजीयन 60 प्रतिशत से कम उपलब्धि वाले अमरपाटन, मझगवां, रामपुर बाघेलान के बीएमओ तथा सतना अर्बन के प्रभारी की वेतन परफारमेंस में सुधार लाने तक रोक दी है। इसी प्रकार गर्भवती महिलाओं के सीवियर एनीमिया प्रबंधन ठीक तरह से नहीं करने पर उचेहरा बीएमओ को छोड़कर सभी बीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये हैं। कलेक्टर ने गुरूवार को स्वास्थ्य कार्यक्रमों एवं महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर योजनाओं की समीक्षा की। इस मौके पर सीएमएचओ डॉ. एलके तिवारी, सिविल सर्जन डॉ. केएल सूर्यवंशी, डीएचओ डॉ. विजय आरख, कुष्ठ अधिकारी डॉ. प्रवीण श्रीवास्तव, जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह सहित सभी सीडीपीओ तथा सभी बीएमओ भी उपस्थित थे।
कलेक्टर अनुराग वर्मा ने मातृत्व एवं बाल स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान गर्भवती महिलाओं के ए0एन0सी0 पंजीयन में अनुपातिक लक्ष्य 34339 के विरूद्ध अब तक 21158 पंजीयन किये जाने पर नाराजगी जाहिर की। सतना जिले की रैंक प्रदेश स्तर पर 38वीं पाई गई। एएनसी पंजीयन में 60 प्रतिशत से कम उपलब्धि वाले अमरपाटन, मझगवां, रामपुर बाघेलान के बीएमओ की वेतन पर रोक लगाते हुए कलेक्टर ने कहा कि अगली बैठक की जानकारी में परफारमेंस में सुधार आने पर ही वेतन बहाल की जायेगी। सतन अर्बन में भी 60 प्रतिशत उपलब्धि होने पर प्रभारी अधिकारी डॉ. चरण सिंह की भी वेतन रोकने के निर्देश कलेक्टर ने दिये।
अनमोल पोर्टल पर एलएमपी की समीक्षा के दौरान गर्भवती महिलाओं के सीवियर एनीमिया प्रबंधन में उचेहरा का प्रबंधन 100 प्रतिशत पाया गया। शेष विकासखंड और सतना अर्बन में सीवियर एनीमिया प्रबंधन 50 प्रतिशत से भी कम रहा। कलेक्टर ने उचेहरा बीएमओ को छोड़कर अन्य सभी बीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। संस्थागत प्रसव में कुल 16522 प्रसव में 16142 प्रसव संस्थागत और 380 प्रसव घर में पाये जाने पर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि होम डिलीवरी के एक-एक केस में नवजात और प्रसूति के हेल्थ स्टेटस की जांच करें और घर पर प्रसव कराने वाले स्वास्थ्य अमले और परिजनों को समझाईश देवें।
मातृ मृत्यु समीक्षा में बताया गया कि अप्रैल से अगस्त तक संस्था में 18, घर में एक और रास्ते में तीन मातृ मृत्यु सहित कुल 22 मामले दर्ज किए गए हैं। कलेक्टर ने सीएमएचओ को एक-एक मृत्यु की डिटेल समीक्षा करने और विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने अप्रैल से अगस्त माह तक जेएसवाय और पीएसवाय के बकाया सहायता के लिए हितग्राहियों की संख्या में भिन्नता पाए जाने और आंकड़ों के संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं होने पर डीपीएम के प्रति गहरी नाराजगी जाहिर की।
बाल स्वास्थ्य एवं पोषण में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. सुचित्रा अग्रवाल ने बताया कि दस्तक अभियान में डिजिटाइजेशन, चाइल्ड स्क्रीनिंग और विलेज कवरेज के सभी मानकों में शत-प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त की गई है।
सतना जिले का दस्तक अभियान में प्रदेश में 6वीं रैंक रही है। कलेक्टर ने दस्तक अभियान की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। पोषण पुनर्वास केन्द्र और एसएनसीयू, पीआईसीयू तथा सीडीआर, चाइल्ड डेथ की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि महिला बाल विकास के अमले के सहयोग से एनआरसी के शत-प्रतिशत बेड में बच्चों को भर्ती कर सुपोषित करें। मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा में कलेक्टर ने कहा कि यह मौसम बहुतायत में मच्छर जन्य मलेरिया और डेंगू ज्वर का है। शहरों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी ग्राम पंचायत के सहयोग से दवा का छिड़काव और फॉगिंग करायें। आयुष्मान भव के तहत विकासखंड स्तर पर लग रहे स्वास्थ्य मेलों में 14617 मरीजों को लाभान्वित करने की जानकारी दी गई।
पोषण टै्रकर ऐप में 97.47 प्रतिशत आंगनवाड़ी केन्द्र प्रतिदिन खुले
शारीरिक माप दिवसों में 98.60 प्रतिशत बच्चों की हुई माप
महिला बाल विकास विभाग के अन्तर्गत सतना जिले के कुल 3034 आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण ट्रैकर ऐप में दर्ज की गई गतिविधियों के अनुसार विगत सप्ताह के दिनों में 97.47 प्रतिशत आंगनवाड़ी केन्द्र औसत रूप से खुले रहे हैं। इसी प्रकार परियोजना वार आयोजित किये गये शारीरिक माप दिवसों में 98.60 प्रतिशत बच्चों की माप और वजन किया गया है। कुल 2984 आंगनवाड़ी केन्द्रों के सक्रिय दर्ज 1 लाख 89 हजार 739 बच्चों में से 1 लाख 87 हजार 84 बच्चों की माप और वजन कर लिया गया है। इस आशय की जानकारी गुरूवार को कलेक्टर अनुराग वर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न महिला बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में दी गई। इस मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास सौरभ सिंह, सीडीपीओ अरूणेश तिवारी, पुनीत शर्मा, इन्द्रभूषण तिवारी सहित सभी सीडीपीओ एवं स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित थे। पोषण ट्रैकर ऐप में पात्र हितग्राहियों के सत्यापन के कार्य में कुल 2 लाख 15 हजार 765 हितग्राहियों में से 90 प्रतिशत एक लाख 94 हजार 611 हितग्राहियों का आधार सत्यापन कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री बाल आरोग्य स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत औसत 48 प्रतिशत बच्चों को सैम श्रेणी से बाहर लाकर नॉर्मल किया गया है। कलेक्टर ने समीक्षा के दौरान 40 प्रतिशत से कम उपलब्धि वाले परियोजना अधिकारी चित्रकूट-1, नागौद-2, सतना-1, सोहावल, रामपुर-2, चित्रकूट-2 परियोजना को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये हैं। बताया गया कि जिले में औसत रुप से 70 प्रतिशत मैम बच्चों को कुपोषण की परिधि से नॉर्मल श्रेणी में बाहर लाया गया है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना में 3423 प्रकरण स्वीकृत हुये हैं। स्कॉलरशिप प्राप्त करने वाली सभी लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का समग्र सत्यापन एवं ई-केवाईसी कराये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में वर्ष 2023-24 में सबसे कम 70 प्रतिशत प्रकरणों की स्वीकृति पर कलेक्टर ने सीडीपीओ चित्रकूट परियोजना-1 को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। पोषण पुर्नवास केंद्र की समीक्षा में कलेक्टर ने सभी एनआरसी के स्वीकृत बेडों की संख्या के अनुरुप शत-प्रतिशत क्षमता का उपयोग करने के निर्देश भी दिये हैं। जिलें में एनआरसी के स्वीकृत कुल एक हजार बिस्तरों के विरुद्ध 759 बच्चे ही भर्ती किये गये हैं।