
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ चालू मानसूनी सीजन में पहली बार सतना में बादल झूम के बरसे। अगस्त के महीने में लगी सावन की झड़ी ने गर्मी और उमस से बेहाल जन जीवन को राहत दी है तो उधर चित्रकूट में मंदाकिनी नदी भी उफान पर आ गई है।
प्रदेश के अन्य जिलों में बने बाढ़ और जलभराव के हालातों के बीच अब तक बारिश का इंतजार ही करता रहा सतना अगस्त के महीने में पहली बार पानीदार हुआ है। चालू मानसूनी सीजन में पहली बार यहां बारिश का ऐसा दौर शुरू हुआ है जिसका लोगों को इंतजार था। मंगलवार की रात से रुक- रुक कर शुरू हुई बारिश बुधवार को भी दिन भर रिमझिम होती रही लेकिन रात में बादल झूम कर बरसे। गुरुवार की सुबह से भी बारिश का सिलसिला जारी है।
पिछली दो रातों से यहां हो रही बारिश ने लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है। एक दिन में जिले भर में हुई 56.1 मिमी बारिश ने सतना में 1 जून से 3 अगस्त की सुबह तक हुई बारिश का कुल आंकड़ा 312.8 मिमी तक पहुंचा दिया है। हालांकि गत वर्ष इसी अवधि में 342.1 मिमी बारिश हो चुकी थी। अधीक्षक भू अभिलेख के आंकड़ों के मुताबिक 3 अगस्त की सुबह तक सबसे अधिक 90 मिमी वर्षा रामनगर तहसील क्षेत्र में हुई जबकि जिला मुख्यालय सतना की तहसील रघुराज नगर में 75 मिमी बारिश दर्ज की गई।
बुधवार की रात हुई बारिश से शहर के निचले हिस्सों में पानी ही पानी
गौरतलब है कि सतना में मानसूनी सीजन में भी बादलों की बेरुखी ने लोगों की चिंता बढा रखी थी। आलम यह था कि 1039 मिमी औसत वर्षा वाले सतना में 5 दिन पहले तक 200 मिमी वर्षा भी दर्ज नहीं की जा सकी थी।
चित्रकूट में मंदाकिनी उफनाई
बुधवार की रात हुई बारिश से जहां शहर के कुछ निचले स्थानों पर पानी भर गया वहीं चित्रकूट में मंदाकिनी नदी भी उफान पर आ गई। इस सीजन में ऐसा पहली बार हुआ है जब मंदाकिनी का जल स्तर बढ़ा है। आरोग्यधाम में मंदाकिनी पर बना रपटा डूब गया, राम घाट, भरत घाट भी डूब गए और मंदाकिनी का पानी दुकानों में जा घुसा। यूपी- एमपी के आरती स्थल भी जलमग्न हो गए। प्रशासन अलर्ट हो गया है।