संवेदनशील मुद्दों पर संबंधित पक्षों से सतत संवाद रखें – एडीजीपी
रीवा/सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मिश्नर कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक में कमिश्नर अनिल सुचारी ने कानून और व्यवस्था की समीक्षा की। कमिश्नर ने कहा कि राजस्व और पुलिस अधिकारी संयुक्त रूप से क्षेत्र का दौरा करें। कानून और व्यवस्था की सतत निगरानी करें। संभाग में किसी भी स्थान में साम्प्रदायिक विवाद की स्थिति नहीं है। सभी समुदाय के लोग परंपरागत रूप से सदभाव के साथ रहते हैं। जमीन अथवा अन्य सम्पत्तियों के विवाद को कई बार सामुदायिक विवाद में बदलने का प्रयास किया जाता है। इन पर कड़ी कार्यवाही करें। जिला स्तर पर शांति समिति की नियमित बैठक आयोजित कर कानून और व्यवस्था से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा करें। विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों तथा गणमान्य नागरिकों के सहयोग से कानून व्यवस्था को बनाए रखने के प्रयास करें। जिन स्थानों में पहले किसी वजह से विवाद हुआ है उन स्थानों में आगामी त्यौहारों के दौरान कड़ी निगरानी रखें। बैठक में एडीजीपी केपी व्यंकटेश्वर राव ने कहा कि आगामी दो महीनों में विभिन्न त्यौहार और पर्व होंगे। इनके दौरान सुरक्षा के उचित प्रबंध रखें। विभिन्न धर्मों से जुड़े जुलूसों को परंपरागत मार्गों से ही निकलने की अनुमति दें। विवादित स्थलों में सतत निगरानी रखें। जिन स्थानों में किसी भी कारण से दो समुदायों में विवाद उत्पन्न हुए हैं वहाँ कड़ी निगरानी रखें। संवेदनशील मुद्दों पर सभी संबंधित पक्षों से सतत संवाद बनाए रखें।
कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रभावी रणनीति के अनुसार कार्यवाही करें। आवश्यक होने पर असामाजिक तत्वों के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही अवश्य करें। बैठक में डीआईजी मिथिलेश शुक्ला, अपर कमिश्नर छोटे सिंह, संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक उपस्थित रहे।
पीड़ितों को राहत राशि देने के साथ आरोपियों को सजा दिलाने के भी प्रयास करें – कमिश्नर
कमिश्नर कार्यालय में अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत गठित संभागीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कमिश्नर अनिल सुचारी ने कहा कि अधिनियम के प्रावधानों को पूरी संवेदनशीलता के साथ लागू करें। अत्याचार से पीड़ितों को राहत देने के साथ-साथ आरोपियों को सजा दिलाने के भी प्रयास करें। प्रकरणों की सुनवाई में आने वाले पीड़ितों तथा गवाहों को विशेष लोक अभियोजक उचित मार्गदर्शन और सलाह दें। जिससे वे न्यायालय में अपना पक्ष मजबूती से प्रस्तुत कर सकें। आगामी बैठक में राजीनामा से बरी होने वाले आरोपियों के प्रकरणों की जानकारी प्रस्तुत करें। न्यायालय में लंबित प्रकरणों में रीवा जिले में निराकरण का प्रतिशत अच्छा है। सीधी तथा सतना इस संबंध में अधिक प्रयास करें।
कमिश्नर ने कहा कि राहत राशि वितरण के लिए 368 प्रकरण संभाग में मंजूर किए गए हैं। इनमें राहत राशि का तत्काल वितरण कराएं। कमिश्नर ने अत्याचार पीड़ितों को विभिन्न राहत योजनाओं का समुचित लाभ न देने पर जिला संयोजक जनजातीय कार्य विभाग रीवा को कारण बताओ नोटिस देने के निर्देश दिए। कमिश्नर ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों में सुनवाई के लिए आने वाले पीड़ितों तथा गवाहों को मजदूरी, बस किराया तथा आहार व्यय की राशि अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएं। रीवा जिले में पिछली दो तिमाही में गवाहों को राशि का भुगतान शून्य है। पुलिस अधीक्षक आवंटन प्राप्त कर पीड़ितों को मजदूरी तथा आहार व्यय की राशि का भुगतान सुनिश्चित करें। उपायुक्त सभी पुलिस अधीक्षकों को इस मद में राशि आवंटित करें। ट्राईबल विभाग के सभी जिला अधिकारी साप्ताहिक समीक्षा बैठक में राहत राशि से जुड़े जाति प्रमाण पत्रों की सूची कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करें। कलेक्टर पीड़ितों को तत्काल जाति प्रमाण पत्र जारी कराकर राहत राशि मंजूर करें। उपखण्ड स्तर पर गठित सलाहकार समिति की नियमित बैठक आयोजित करें। बैठक में एडीजीपी केपी व्यंकटेश्वर राव, डीआईजी मिथिलेश शुक्ला, कलेक्टर रीवा श्रीमती प्रतिभा पाल, कलेक्टर सतना अनुराग वर्मा, कलेक्टर सिंगरौली अरूण परमार, कलेक्टर सीधी साकेत मालवीय, सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, उपायुक्त ट्राईबल चन्द्रकांता सिंह, लोक अभियोजक, डीएसपी अजाक तथा जिला संयोजक उपस्थित रहे।