- राख में बदलने से बेहतर हैं की मृत्यु के बाद शरीर किसी के काम आए
- देहदानी बाबूलाल ने छोड़ी दुनिया परिवार ने मेडिकल कालेज को सौंपी देह
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ संत मोतीराम स्वास्थ्य सेवा केंद्र द्वारा चलाई जा रही स्वास्थ्य सेवाओं एवं आश्रम के महंत स्वामी खिम्यादास द्वारा जगाई देहदान की अलख ज्योति से प्रेरित होकर अपनी मृत्यु के बाद मानवता के लिए देहदान का संकल्प लेने वाले जवाहर नगर निवासी बाबूलाल अंबेश का 17 जुलाई सोमवार को निधन हो गया। परिवार वालों ने उनके द्वारा लिए गए संकल्प को पूरा करते हुए उनका अंतिम संस्कार ना करके पार्थिक देह को श्यामलशाह मेडिकल कॉलेज रीवा को सौंप दिया ताकि मेडिकल के विद्यार्थी अध्ययन कर सके।
बाबूलाल ने जनवरी 2018 को देहदान का संकल्प पत्र भरा था
देहदान का फैसला लेते हुए बाबूलाल ने कहा था कि शरीर मृत्यु और दाह संस्कार के बाद केवल राख का ढेर रह जाता है यदि मानव कल्याण में हमारे अंग या देह किसी के काम आए तो इससे बढ़कर सौभाग्य की बात और क्या हो सकती है।
इनका कहना है-
बाबूलाल के पुत्र शिव कुमार एवं अश्वनी कुमार ने अपने पूज्यपिता जी का देहदान कर अच्छा संदेश दिया उनके देहदान से चिकित्सा जगत को लाभ मिलेगा एवं सर्वसमाज में एक अच्छा संदेश जाएगा।
-महंत स्वामी खिम्यादास जी, संत मोतीराम आश्रम
अम्बेस् जी ने देहदान कर सर्व समाज को जगा दिया हम उनके संकल्प और परिजनों को प्रणाम करते हैं
-अतुल दुबे,सेवादारी संत मोतीराम आश्रम
-बाबूलाल जी को साधुवाद है जिन्होंने अपने जीवन काल में देहदान करने का संकल्प लिया था।
–भाई प्रहलाद अतुल दुब, जे.पी.निगम विनोद गुप्ता, जुगलकिशोर कनोडिया-सेवादारी
-हम आभार व्यक्त करते हैं संत मोतीराम आश्रम का गुरु जी की प्रेरणा से प्रेरित होकर हमारे पूज्य पिताजी ने देहदान का संकल्प लिया था जो आज पूरा किया
-शिवकुमार अश्वनी कुमार पुत्र