
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ जिले के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने जमीन के फर्जीवाड़े के एक मामले में पूर्व पटवारी समेत 2 आरोपियों को सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा से दंडित किया है। अमरपाटन के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश दीपक शर्मा ने अमरपाटन तहसील अंतर्गत पदस्थ रहे पूर्व पटवारी ऋषि कुमार द्विवेदी पिता देवशरण द्विवेदी (67) निवासी ग्राम अहिरगांव अमरपाटन और उसके सहयोगी दिनेश पाठक पिता उमाशंकर पाठक निवासी पडरा नई बस्ती को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोनों आरोपियों को 7-7 साल सश्रम कारावास और 15-15 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किए जाने का आदेश पारित किया है। प्रकरण में राज्य शासन की तरफ से पैरवी अपर लोक अभियोजक पंकज कुमार पटेल ने की।
अभियोजन के अनुसार, आरोपियों ने अमरपाटन तहसील के पटवारी हल्का अहिरगांव की शासकीय आराजी नंबर 185 रकबा 0.37 एकड़ की बिक्री कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर की थी। जिस वक्त यह फर्जीवाड़ा हुआ ऋषि कुमार अहिरगांव हलके में बतौर पटवारी पदस्थ था। उसने शासकीय भू-अभिलेखों में कूट रचना की। इस जमीन की बिक्री 5 फरवरी 2005 को अहिरगांव निवासी राजू यादव के नाम करा दी गई, जबकि यह भूमि राजस्व रिकॉर्ड में मप्र शासन के नाम दर्ज थी। बाद में जब यह फर्जीवाड़ा राजू के संज्ञान में आया तो उसने इसकी शिकायत दर्ज कराई। राजस्व अधिकारियों ने इस पूरे प्रकरण की जांच की और फिर आईपीसी की धारा 420, 467, 468 और 34 के तहत FIR दर्ज कराई गई है। प्रकरण का चालान अदालत में पेश किया गया। सुनवाई के बाद दोनों आरोपियों को सजा सुनाई गई।