सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ शनिवार को एक घंटे की सांकेतिक हड़ताल कर अल्टीमेटम दे चुके नर्सिंग स्टाफ ने सोमवार से कामकाज ठप कर बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी। जिले भर के नर्सिंग स्टाफ के हड़ताल पर चले जाने से सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। नर्सिंग ऑफिसर्स एसोसिएशन के बैनर तले प्रदेश व्यापी आह्वान पर सतना के नर्सिंग स्टाफ ने भी बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है। कामकाज ठप कर नर्सिंग स्टाफ अपनी 10 सूत्रीय मांगों के समर्थन में जिला अस्पताल परिसर में लगे तंबू के नीचे नारेबाजी करने जा पहुंचा है। नर्सिंग स्टाफ के काम बंद करने के बाद हालांकि अभी संविदा कर्मी और रोगी कल्याण समिति के कर्मचारी काम कर रहे हैं लेकिन बताया जाता है कि दो दिन बाद रोगी कल्याण समिति से सम्बद्ध स्टाफ भी आंदोलन की राह पर चलने वाला है।
नर्सिंग ऑफिसर्स एसोसिएशन की सतना इकाई की जिलाध्यक्ष किरण सिंह ने बताया कि नर्सिंग संवर्ग की मांगों के निराकरण को लेकर प्रदेश सरकार से पिछले कई वर्षों से लगातार आग्रह किया जा रहा है।लेकिन मांगों पर अब तक कोई निर्णय नही लिया गया। नर्सिंग अफसर, सीनियर नर्सिंग अफसर-ट्यूटर और मेट्रन के वेतन की विसंगति दूर नहीं की गई। रात्रिकालीन आकस्मिक चिकित्सा भत्ता नहीं बढ़ाया गया और अभी तक भर्ती नियमों में संशोधन की मांग पर भी कोई फैसला शासन ने नहीं लिया। नर्सिंग एसोसिएशन की मांग है कि नर्सिंग स्टाफ की वेतन वृद्धि में सौतेला व्यवहार बंद कर अन्य मेडिकल कालेजों के स्टाफ को भी रीवा एवं ग्वालियर मेडिकल कॉलेज के बराबर तीन-चार वेतन वृद्धि दी जाए। स्टाइफंड की राशि बढ़ाई जाए और पदोन्नति के मामले में न्यायालय का फैसला आने तक प्रभारी के तौर पर अस्थायी पदोन्नति दी जाए।