सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ नागौद की अपर सत्र अदालत ने नाबालिग के अपहरण और बलात्कार के साढ़े 4 साल पुराने मामले में दुष्कर्मी को 20 साल के कठोर कारावास और 1200 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
नागौद के तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश नवनीत वालिया ने धर्मेंद्र बंसल पिता राजकुमार बंसल (21) निवासी कोडर थाना नागौद को 2 अलग-अलग धाराओं में अपराध का दोषी करार दिया है। अदालत ने आईपीसी की धारा 366 के तहत दोषी को 3 साल के कारावास और 200 रुपए के जुर्माने और धारा 376 के तहत 20 वर्ष के कारावास और 1 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। प्रकरण में राज्य शासन की तरफ से पैरवी विशेष लोक अभियोजक विनोद प्रताप सिंह ने की।
सहायक अभियोजन प्रवक्ता के अनुसार गत 28 अक्टूबर 2018 को घर से शौच क्रिया के लिए निकली 13 वर्षीया नाबालिग लापता हो गई थी। उसके पिता ने हर संभावित जगह तलाश के बाद उसकी गुमशुदगी की सूचना नागौद थाना में दर्ज कराई थी। लगभग 2 माह बाद पुलिस ने नाबालिग को दस्तयाब कर उससे पूछताछ की।
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आरोपी धर्मेंद्र बंसल से उसकी जान पहचान की थी। वह उसे फोन भी किया करता था। बीते 28 अक्टूबर को धर्मेंद्र ने फोन कर उसे बगीचे के पास बुलाया और नहीं आने पर मर जाने की धमकी दी। नाबालिग उसकी धमकी से डर गई और उससे मिलने पहुंची तो वह उसे अपने साथ भगा ले गया। धर्मेंद्र पहले उसे पहाड़ पर स्थित एक आश्रम ले गया, जहां 2 दिन रहने के बाद वह उसे लेकर मेरठ चला गया। मेरठ से वह नाबालिग को पुणे ले गया और वहां एक मंदिर में ले जाकर नाबालिग से जबरन शादी कर ली। फिर शारीरिक शोषण करना शुरू कर दिया। लगभग 2 माह तक धर्मेंद्र नाबालिग के साथ बलात्कार करता रहा। बाद में पीड़िता वहां से निकल कर अपने घर आ गई।