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Satna: पराली की आग में नियंत्रण का उपयोगी कृषि उपकरण-सुपर सीडर

(खुशियों की दास्तां)

कृषक रमाकांत उर्मलिया की सफलता की कहानी


सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ वर्तमान परिवेश में कृषि के क्षेत्र में मानव श्रम की कमी को देखते हुये धान एवं गेहूं की कटाई का प्रमुख साधन कम्बाईन हारवेस्टर मशीन बन गई है। इसके लाभ हानि पर चर्चा की कोई आवश्यकता इसलिये नहीं है, क्योंकि यह कृषकों की आवश्यकता बन चुकी है। कम्बाईन हार्वेस्टयर से धान की कटाई के पश्चात कृषक के समक्ष सबसे बडा संकट खेत में बिखरे हुए पराली के प्रबंधन का होता है। पैरा या पराली समेटना संभव नहीं है एवं यदि पराली हटाई न जाये तो रबी में फसल की बुवाई का संकट पैदा हो जाता है। इसी के समाधान के लिये सुपर सीडर उपकरण का प्रयोग जिले में चलन में आ गया है। कम्बााईन हारवेस्टर से फसल की कटाई के उपरांत तत्काल बिना जुताई गेहूं की बुवाई की जा सकती है। पूर्व की धान फसल के अवशिष्ट की माल्चिंग का कार्य किया जाकर मृदा सुधार संभव है। पराली की आग में नियंत्रण होने से पर्यावरण संरक्षण का भी लाभ प्राप्त होता है।

सहायक कृषि यंत्री कृषि अभियांत्रिकी सतना बीडी त्रिपाठी ने बताया कि खरीफ में धान के पश्चात रबी फसल हेतु गेहूं की बुवाई मे श्रम, समय, एवं लागत की बचत होती है। साथ ही समय पर बुवाई हो जाने से उत्पादन भी अच्छा प्राप्त होता है। रबी की गेहूं फसल में खरपतवार का भी नियंत्रण प्राप्त होता है। शासकीय अनुदान विशेष सुविधा के साथ कृषक की मांग अनुसार उपलब्ध, कीमत का 50 प्रतिशत का अधिकतम अनुदान सीमा राशि 1 लाख 5 हजार रूपये पराली के नियंत्रण का कारगर उपकरण होने से शासन की निजी कस्टम हायरिंग योजना 2023-24 के लिये सतना एवं रीवा जिला हेतु यह अनिवार्य उपकरण की श्रेणी में शामिल कर दिया गया है। वर्तमान में सतना जिला में लगभग 50 सुपर सीडर कार्यरत है। शीघ्र ही इनकी संख्या में और भी वृद्धि होगी।
      कृषक रमाकांत उर्मलिया ग्राम भर्री, जनपद उचेहरा के द्वारा शासकीय अनुदान पर यह उपकरण वर्ष 2021-22 में लिया गया है। उनके द्वारा इस उपकरण का प्रयोग विगत दो वर्ष से किया जा रहा है। किसान का कहना है कि उनके द्वारा इस उपकरण का पूर्णतः उचित उपयोग किया जाकर गेहूं का उत्पादन 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर प्राप्त किया गया है। लागत में कमी प्राप्त हुई है। पराली में आग न लगाये जाने की खुशी से कृषक अत्यंत उत्साहित है। इसके अतिरिक्त समय एवं श्रम की बचत का लाभ भी उन्हें इस उपकरण के माध्यम से प्राप्त हुआ है। किसान का कहना है कि इस उपकरण से बोई गई गेहूं फसल का अवलोकन समीप ग्राम के किसानों द्वारा भी किया गया था। जिसका परिणाम अत्यंत संतोषजनक रहा। कृषक द्वारा इस उपकरण का प्रयोग स्वयं के साथ साथ आस-पास के कृषकों के खेतों में भी किया जा रहा है।

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