Madhya pradesh ujjain mahakal temple nepal prime minister pushpa kamal dahal prachanda-will be welcomed in a unique way at the mahakal temple: digi disk /BHN/उज्जैन/ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में शुक्रवार को नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड भगवान महाकाल के दर्शन करेंगे। प्रधानमंत्री प्रचंड सुबह 11 बजे महाकाल मंदिर पहुंचेंगे। नंदी द्वारा पर राज्यपाल मंगु भाई पटेल उनकी अगवानी करेंगे। वेद पाठी बटुकों द्वारा स्वस्तिवाचन किया जाएगा। महाकाल महालोक में भस्म रमैया भक्त मंडल के सदस्य झांझ, डमरू तथा शंख की मंगल ध्वनि से उनका स्वागत करेंगे।जिला प्रशासन व मंदिर प्रबंध समिति गुरुवार को प्रधानमंत्री प्रचंड के स्वागत की तैयारियाें में जुटी रही। हरिफाटक ब्रिज चौराहा से महाकाल महालोक तक के मार्ग को रंगबिरंगी ध्वजा से सजाया गया है। इस मार्ग पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री के विशाल कटआउट भी लगाए गए हैं।महाकाल महालोक में भी विशेष सज्जा की जा रही है। मंदिर के वीआइपी द्वार से नंदी हॉल व गर्भगृह को फूलों से सजाया जा रहा है। अतिविशिष्ट मेहमान को मंदिर में भारतीय धर्म, परंपरा व संस्कृति के दर्शन हो इसके लिए दो स्थानों पर मंगलवाद्य वादन की व्यवस्था की जा रही है।
इसका जिम्मा भस्म रमैया भक्त मंडल को सौंपा गया है। दल के कलाकार महालोक व मंदिर के भीतर झांझ, डमरू व शंख की मंगल ध्वनि करेंगे। पहली बार दल के ड्रेस कोड में भी परिवर्तन किया गया है। इस बार दल के सदस्य राजसी परिधान में प्रस्तुति देंगे।
गर्भगृह व महालोक में दोपहर 1.30 बजे तक बंद रहेगा प्रवेश
प्रधानमंत्री प्रचंड के मंदिर आगमन को लेकर दर्शन व्यवस्था में बदलाव किया गया है। सुबह 6 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक महाकाल महालोक तथा मंदिर के गर्भगृह व नंदी हाल में दर्शनार्थियों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। भक्तों को हरसिद्धि चौराहा से बड़ा गणेश होकर गेट नं.4 से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। इसके बाद श्रद्धालु विश्राम धाम, सभा मंडप होते हुए गणेश मंडपम की पांचवीं लाइन से भगवान महाकाल के दर्शन करेंगे। गणेश मंडपम की प्रथम दो पंक्तियों में पुजारी, पुरोहितों के बैठने की व्यवस्था है। तीसरी कतार मीडियाकर्मियों के लिए आरक्षित की गई है।
पहले महालोक देखेंगे, फिर महाकाल दर्शन करेंगे
बताया जाता है प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड स्वागत सत्कार के बाद सर्वप्रथम महाकाल महालोक का भ्रमण करेंगे। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े पहुंचेंगे। यहां सोला धारण करने के बाद वे विशेष द्वार से सीधे मंदिर के गर्भगृह में पहुंचेंगे तथा भगवान महाकाल की पूजा अर्चना करेंगे। शासकीय पुजारी पं.घनश्याम शर्मा द्वारा पूजन कराया जाएगा। पूजा संपन्न होने के बाद वे नंदी हॉल में आकर बैठेंगे तथा कुछ देर ध्यान लगाएंगे।