लोकायुक्त ने मुकदमा पंजीबद्ध कर जांच में जुटी
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ बिजली कंपनी के मैहर कार्यालय में दबिश देने पहुंची लोकायुक्त रीवा की टीम को एक बार फिर खाली हाथ लौटना पड़ा है। पवन अहिरवार नाम के जिस इंजीनियर और लाइनमैन हीरा सिंह को दबोचने के लिए डीएसपी राजेश पाठक के नेतृत्व में टीम मैहर गई थी, वे लोकायुक्त की चाल को मात देते हुए वहां से निकल गए। दोनों में से किसी ने रिश्वत की रकम ली ही नहीं और वहां से खिसक गए। टीम के हाथ कुछ नहीं लगा, लिहाजा उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। लोकायुक्त ने जेई पवन अहिरवार और लाइन मैन हीरा सिंह के खिलाफ धारा 7, 120 बी और 12 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
मीटर बदलने के नाम पर मांगी थी रिश्वत
बताया जाता है कि मैहर में रेग्जीन फोम की दुकान चलाने वाले सोनवारी वार्ड नंबर 19 निवासी नारायण सोनी का बिजली बिल 45 हजार रुपए आया था। उसके मीटर की रीडिंग और बिल में दर्ज खपत में अंतर था। वह इसमें संशोधन कराना चाहता था। लाइनमैन हीरा सिंह और जेई पवन अहिरवार ने इसके लिए नारायण से 9 हजार रुपए में सौदा तय किया था और मीटर बदलने और रीडिंग का अंतर एडजस्ट करने का भरोसा दिलाया था।नारायण ने रिश्वत की शिकायत लोकायुक्त से कर दी थी, जिस पर टीम आज तय समय पर टीम छापामारी करने पहुंची, लेकिन ट्रैप की खबर लीक हो गई और जेई ने रिश्वत की रकम लेने से ही इंकार कर दिया। उसने नारायण से रुपए भी नहीं लिए और ऑफिस से दबे पांव खिसक भी गया।
मैहर में दूसरी बार नहीं मिला घूंस मांगने वाला
बताया जाता है कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब लोकायुक्त की ट्रैप कार्रवाई की खबर लीक हुई है। इससे पहले भी नवंबर में टीम के पहुंचने के पहले ही कार्रवाई की खबर तहसीलदार मैहर के बाबू तक पहुंची थी और वह भाग निकला था। हालांकि मैहर के बिजली ऑफिस में 25 मार्च को कनिष्ठ अभियंता सतीश तिवारी और कंप्यूटर आपरेटर संदीप पटेल को ट्रैप किया गया था। उन्होंने लोड बढ़ाने के एवज में उपभोक्ता से 1500 रुपए रिश्वत ली थी।