- एसडीएम-एसडीओपी की मौजूदगी में नगर परिषद ने तोड़ा घर
- तीन अन्य आरोपी यूपी के जिनके संबंध में प्रशासन से किया जा रहा पत्राचार
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ जिला प्रशासन ने चित्रकूट में नाबालिग से गैंगरेप के 3 आरोपियों के घर सोमवार को जमींदोज कर दिए हैं। इस मामले के 6 आरोपियों को पकड़ कर जेल भेजा जा चुका है। चित्रकूट के भरत घाट में मंदाकिनी नदी की बीच धार में नाव ले जाकर नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म करने वाले 6 आरोपियों में से 3 के अवैध कब्जे सोमवार को सतना जिला प्रशासन एवं पुलिस की संयुक्त टीम ने ध्वस्त कर दिए हैं।
एसडीएम मझगवां जितेंद्र कुमार वर्मा, एसडीओपी आशीष जैन,नायब तहसीलदार सुमित गुर्जर ने नगर परिषद सीएमओ की टीम और राजस्व तथा पुलिस अमले के साथ एक के बाद एक तीनों के अवैध निर्माण जमींदोज कर दिए। तीनों आरोपियों संतोष कुशवाहा, विनोद केवट एवं मोहित निषाद के नाम पहले ही अवैध कब्जे का नोटिस जारी कर दिया था। विनोद और संतोष ने नगर परिषद चित्रकूट अंतर्गत केवटरा में अवैध कब्जा कर निर्माण कर रखा था जबकि मोहित का अवैध निर्माण नयागांव में था।
नाबालिग के साथ गैंगरेप की सनसनीखेज घटना में इनका नाम आने और इन्हें पकड़े जाने के बाद इनके अवैध कब्जों और निर्माणों की जानकारी खंगाली गई और नोटिस जारी कर बुल्डोजर चलाने की चेतावनी दे दी गई थी। सोमवार की दोपहर एसडीएम, एसडीओपी,तहसीलदार, थाना प्रभारी समेत सभी लोग नगर परिषद कार्यालय पहुंचे जहां अन्य वैधानिक प्रक्रिया पूर्ण कर अमले को कार्रवाई के लिए रवाना कर दिया गया। कुछ ही घंटों में नाबालिग के साथ हरकत करने वाले के घर प्रशासन के बुल्डोजर ने जमींदोज कर दिए गए।
बता दें, रविवार को ही इस मामले के 6 आरोपियों को जेल भेजा गया है। घटना को अंजाम देने वाले नाबालिग के पूर्व परिचित मनोज यादव का घर यूपी के ग्राम सोहाना में है जबकि आरोपी पंकज जोशी उर्फ रम्मत का घर चौगलिया सीतापुर यूपी एवं रामगोपाल का मकान कटरा गूदर कर्वी उत्तर प्रदेश में है। तीन आरोपियों विनोद,संतोष और मोहित के अवैध कब्जे मध्य प्रदेश के सतना जिले में थे। बताया जाता है कि विनोद के खिलाफ चित्रकूट थाने में मारपीट की एफआईआर कायम है।
आरोपी सहित चार भाईयों का घर ढहाया
बताया जाता है कि आरोपी संतोष कुशवाहा उर्फ बच्चू के साथ उसके भाइयों के घर भी ढहा दिए गए। जिस वक्त मकान ढहाया गया आरोपी के भाई कामता प्रसाद और उसकी भाभी की आंख से आंसू निकल पड़े। भाई ने रोते हुए बतायाकि 2004 से लेकर 2011 तक एक एक ईंट लगाकर मकान बनवाया है। मेरे पिता ने कड़ी मेहनत कर 1987 में इसकी नींव डाली थी। हम 4 भाई हैं । चार कमरे का मकान था। एक-एक कमरे में चारों भाई रहते थे। मेरा भी कमरा गिरा दिया गया मेरे 2 बच्चे हैं भाईयों के चार बच्चे हैं अब उन्हें हम लेकर कहां जाएंगे।