अनूपपुर,भास्कर हिंदी न्यूज़/ प्रधानमंत्री आवास पाने के लिए एक तत्कालीन रोजगार सहायक ने सारी हदें पार कर दी। अपने ही मां के चार पती बताकर योजना का लाभ ले लिया। मामला अनूपपुर जिले के जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत लतार का है। यहां के तत्कालीन रोजगार सहायक नरेश प्रसाद लहरें पिता ठुनठुन चौधरी ने यह कारनामा किया है।
तत्कालीन रोजगार सहायक पर आरोप है कि अपने तीन सगे भाइयों सहित स्वयं की पत्नी को पीएम आवास का लाभ अनुचित रूप से दिलाने अपनी मां गुलईची बाई को अपने भाइयों के ससुर और अपने ससुर की पत्नी बनाकर लाभ दिलाया गया है। इतना ही नहीं अपनी पत्नी प्रेमा बाई के नाम से स्वीकृत किया गया पीएम आवास के जियो टैग करते समय मकान के सामने अपने 15 वर्षीय बड़े पुत्र की फोटो लेकर जियो टैग किया गया है। जब इस बात का खुलासा हुआ तो पूरा विभाग सकते में आ गया।
अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आई
जिला पंचायत सीईओ अभय सिंह ओहरिया द्वारा 6 अप्रैल को ग्राम रोजगार सहायक नरेश प्रसाद लहरे के विरूद्ध थाने में एफआईआर दर्ज कराकर तीन दिवस के अंदर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के जनपद अनूपपुर सीईओ को निर्देश दिए गए थे। लेकिन तीन दिनों का समय बीत जाने के बाद भी किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने तत्कालीन रोजगार सचिव से मामले में कारण बताओ नोटिस देकर 18 मार्च तक जवाब मांगा है।
यह है मामला
ग्राम पंचायत लतार में प्रभारी सचिव के पद रहे रोजगार सहायक नरेश प्रसाद लहरे द्वारा पीएम आवास योजना के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया गया। जिसकी लगातार शिकायतों के बाद जनपद स्तर पर समिति बनाकर जांच की गई। अपने तीन सगे भाइयों सहित स्वयं की पत्नी को पीएम आवास का लाभ अनुचित रूप से अपनी मां गुलईची बाई को अपने भाइयों के ससुर रामचरण, नानसाई वा अपने स्वयं के ससुर गोलीदास की पत्नी बना कर लाभ दिलाया गया है। जबकि गुलईची बाई के असली पति का नाम ठुनगुन चौधरी है। इतना ही नही अपनी पत्नी प्रेमा बाई के नाम से स्वीकृत किया गया।
मां को बनाया सास
पूरे मामले में रोजगार सहायक नरेश प्रसाद लहरे ने अपने तीन भाइयों सुरेश चौधरी, राजाराम चौधरी व कमलेश चौधरी है। जहां वर्ष 2018-19 में रोजगार सहायक ने अपने भाई राजाराम की पत्नी सावित्री चौधरी, अपनी पत्नी प्रेमा बाई तथा अपनी भाई कमलेश की पत्नी कमलेश्वरी के नाम पर पीएम आवास स्वीकृत कराया। लेकिन इन सब में अपनी मां को अपने भाईयों के ससुर की पत्नी बना दिया, तो वहीं अपनी पत्नी के नाम स्वीकृत कराया प्रधानमंत्री आवास में अपनी मां को ही सास बना लिया। इसके साथ ही वर्ष 2019-20 में चैतू कोल पिता लीला कोल, धन्नू यादव पिता रेवा यादव तथा राम सिंह गोड़ पिता जोहन सिंह का स्वीकृत पीएम आवास का कार्य अपूर्ण होने के बावजूद रोजगार सहायक द्वारा पूर्ण स्तर का जियो टैग करते हुये चतुर्थ किश्त की राशि का भुगतान कराया जाकर शासकीय राशि का गबन कर शासन को क्षति पहुंचाया गया है।