नई दिल्ली
पिछले साल मालदीव में मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही नई दिल्ली और माले के बीच तनावपूर्ण हालात बनने लगे। बात यहां तक पहुंच गई कि कई मुद्दों पर दोनों देश आमने-सामने आ गए। अब धीरे-धीरे मालदीव भारत के कथित दुश्मन देशों के साथ दोस्ती करने में लगा हुआ है। मुइज्जू की एक बार फिर से पोल खुल गई है। चीन के साथ संबंध बेहतर करने के बाद अब मुइज्जू तुर्की (तुर्किये) ओर देख रहे हैं। तुर्की का जहाज मालदीव पहुंचा है। इससे पहले मालदीव ने तुर्की के साथ सैन्य ड्रोन्स खरीदने के लिए समझौते भी किए थे। वहीं, चीन का भी जहाज मालदीव पहुंचा था, जिसपर पूरी दुनिया में जासूसी युद्धपोत होने के आरोप लगते रहे हैं। तुर्की का जहाज टीसीजी किनालियाडा मालदीव के माले पहुंचा है। जहाज जापान के साथ तुर्की के रिश्तों की 100वीं वर्षगांठ मनाने के रास्ते में है। 134 दिनों की यात्रा के दौरान यह जहाज लगभग 27 हजार समुद्री मील की यात्रा करने जा रहा है। मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स (MNDF) ने तुर्की के जहाज का स्वागत किया। एमएनडीएफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, ''एमएनडीएफ हमारे देशों के बीच साझेदारी को मजबूत करने और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सद्भावना यात्रा पर मालदीव पहुंचने पर तुर्किए के नौसेना जहाज टीसीजी किनालिआडा का गर्मजोशी से स्वागत करता है।'' यह जहाज जापान, पाकिस्तान, मालदीव, चीन समेत 20 देशों का दौरा करेगा।
तुर्की से ड्रोन भी खरीद चुका है मालदीव
हाल ही में तुर्की के साथ मालदीव ने ड्रोन खरीदने के लिए समझौता किया था। मालदीव ने अपने विशाल विशेष आर्थिक क्षेत्र में गश्त के लिए पहली बार तुर्की से निगरानी ड्रोन हासिल किए थे। मालदीव के स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया था कि तुर्की की अपनी यात्रा के दौरान मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने तुर्की में निर्मित विभिन्न सैन्य वाहनों को देखा और अपने देश में सैन्य ड्रोन आयात करने के लिए एक तुर्की कंपनी के साथ एक समझौता किया। तुर्की की कंपनी बायकर टीबी2 ड्रोन से निगरानी ड्रोन 3 मार्च को मालदीव को दिए गए थे। चीन समर्थन मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने जनवरी में चीन से लौटने पर इशारा दिया था कि सरकार निगरानी ड्रोन हासिल करने पर विचार कर रही है। इसके बाद तुर्की और मालदीव के बीच डील हुई थी।
मालदीव पहुंचा था चीन का जहाज
इस साल की शुरुआत में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चीन का दौरा किया था, जिसके बाद वहां का एक युद्धपोत मालदीव गया था। अब एक बार फिर से चीनी जहाज जियांग यांग होंग 03 मालदीव पहुंचा है। पहले इस जहाज को लेकर भारत ने चिंता भी व्यक्त की थी। मालदीव के मीडिया हाउस अधाधू की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी जासूसी जहाज को मालदीव के थिलाफुशी औद्योगिक द्वीप के बंदरगाह पर खड़ा किया गया था। हालांकि, मुइज्जू सरकार ने जहाज क्यों वापस आया है, इसकी वजह का खुलासा नहीं किया है, जिसके चलते भी सवाल खड़े होने लगे हैं। इससे पहले भी, मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्र की सीमा के पास लगभग एक महीना बिताने के बाद जहाज पहली बार 22 फरवरी को पहुंचा था। फिर वहां पर तकरीबन छह दिन रहा था और बाद में वापस ईईजेड सीमा में चला गया था।