Madhya pradesh forest guard and forester will be removed from the service of officers in forest headquarter: digi desk/BHN/भोपाल/ वन मुख्यालय में अधिकारियों की चाकरी में लगे वनरक्षकों और वनपालों को अब जंगल की सुरक्षा करनी पड़ेगी। मैदानी स्तर पर बल की कमी और लकड़ी कटाई, वनभूमि पर अतिक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते यह निर्णय लिया गया है। वन बल प्रमुख आरके गुप्ता ने सभी प्रधान मुख्य वनसंरक्षक और अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षकों को वनरक्षक-वनपाल को कार्यालयीन कार्य में संलग्न न करने को कहा है।वन बल प्रमुख ने कहा है कि वनरक्षक और वनपाल किसी भी स्तर के कार्यालय में कार्यालयीन कार्य नहीं करेंगे। उनकी ड्यूटी बीट, जांच नाकों, उड़नदस्ता सहित वन सुरक्षा से जुड़े कार्यों में लगाई जाए। बता दें कि बुरहानपुर में भूमाफिया पेड़ काटकर जंगल को बर्बाद कर रहा है। यहां दो साल से लगातार पेड़ों की कटाई चल रही है। माफिया से सामना करने के लिए दूसरे जिलों से वनकर्मियों को भेजना पड़ा है। वहीं श्योपुर में भी चीता की सुरक्षा करने के लिए कर्मचारियों की जरूरत है। यहां के लिए चार माह पहले भी ऐसे ही वनरक्षक और वनपाल से आवेदन बुलाए गए थे।
बुरहानपुर और श्योपुर में काम करने के इच्छुक वनरक्षकों से मांगे आवेदन
बुरहानपुर में लकड़ी चोर एवं भू-माफिया से जंगल को बचाने और श्योपुर में चीतों की सुरक्षा के लिए वनरक्षकों की जरूरत है। अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (प्रशासन-दो) एचएस मोहंता ने सभी मुख्य वनसंरक्षक और वनमंडल अधिकारियों को पत्र लिखकर इन क्षेत्रों में जाने के इच्छुक वनरक्षकों से आवेदन कराने को कहा है। ये अधिकारी इच्छुक वनरक्षकों से आवेदन लेंगे और अपनी अनुशंसा के साथ वन मुख्यालय को प्रस्ताव भेजेंगे। उनका प्रशासकीय आधार पर तबादला किया जाएगा।